Khabar Baazi

क्रिकेटर को धमकाने के मामले में बीसीसीआई ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर लगाया दो साल का बैन

क्रिकेटर रिद्धिमान साहा को इंटरव्यू देने को लेकर धमकाने के मामले में पत्रकार बोरिया मजूमदार पर बीसीसीआई ने दो साल का बैन लगाया है.

मजूमदार अगले दो साल तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जुड़े किसी भी स्टेट बोर्ड के स्टेडियम के अंदर इंट्री नहीं कर पाएंगे साथ ही उन्हें किसी भी बोर्ड की ओर से मीडिया मान्यता नहीं दी जाएगी और बीसीसीआई के साथ रजिस्टर्ड किसी भी खिलाड़ी का इंटरव्यू नहीं मिलेगा.

बीसीसीआई के अंतरिम सीईओ हेमांग अमीन द्वारा जारी एक लेटर में प्रतिबंध की बात कही गई है. पत्र में कहा गया कि,“बीसीसीआई समिति ने साहा और मजूमदार दोनों के एक्शन को जांचा और पाया कि मजूमदार द्वारा की गई हरकत वास्तव में धमकाने और डराने वाले स्वभाव की थी. बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल ने बोर्ड समिति द्वारा भेजे गए इन सुझावों के साथ सहमति जताई है.”

  • भारत में प्रेस के सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त करने पर दो साल का बैन.

  • भारत में पंजीकृत किसी खिलाड़ी का इंटरव्यू लेने के लिए दो साल का बैन.

  • बीसीसीआई के किसी भी सदस्य एसोसिएशन से जुड़ी फैकल्टी में प्रवेश करने के लिए दो साल का बैन.

बता दें कि बीसीसीआई ने श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए टीम की घोषणा की थी उसमें विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा को जगह नहीं मिली थी. इसके बाद पत्रकार ने साहा को मैसेज कर इंटरव्यू करने की मांग की. जब साहा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो पत्रकार ने उन्हें अंजाम भुगतने की धमकियां दीं. इसके बाद साहा ने पूरी बात का स्क्रीनशॉट अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की.

साहा के ट्वीट के बाद क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने उनका समर्थन किया और बीसीसीआई से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की. बीसीसीआई ने उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और शीर्ष परिषद सदस्य प्रभातेज भाटिया की एक समिति बनाकर पूरे मामले की जांच की थी.

Also Read: मीडिया ट्रायल का दंश: दिशा सालियान के परिवार की कहानी

Also Read: 'पक्ष'कारिता: एक पत्रकार के रूप में आंबेडकर को भुलाकर हमने क्‍या खो दिया