Assembly Elections 2022
पंजाब में ‘आप’ की प्रचंड लहर के आगे दिग्गज नेता हुए ढेर
गुरुवार को पंजाब समेत पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आ गए हैं. इन चुनावों ने लोगों को चौंकाने वाले परिणाम दिए. चाहे वह पंजाब हो, उत्तर प्रदेश हो, उत्तराखंड, गोवा या मणिपुर. लेकिन इन सबमें अगर सबसे ज्यादा किसी राज्य के चुनाव परिणामों ने चौंकाया है तो वह पंजाब है.
पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है. पार्टी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस आंकड़ें को छुआ है. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को महज 18 सीटें मिली हैं, वहीं अकाली दल को तीन, बसपा को एक, बीजेपी को दो और अन्य के खाते में एक सीट गई है.
वोट प्रतिशत की बात करें तो आप को 42.01 प्रतिशत वोट मिला है. वहीं कांग्रेस को 22.98 प्रतिशत, अकाली को 18.38 प्रतिशत वोट मिले हैं. 56 सालों बाद किसी पार्टी को पंजाब में इतनी सीटें मिली हैं. इससे पहले 1962 में कांग्रेस पार्टी को 154 सीटों में से 90 सीटें मिली थीं.
प्रदेश की राजनीति के शीर्ष नेता हुए धराशायी
प्रकाश सिंह बादल- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली के दौरान प्रकाश सिंह बादल को भारत का नेल्सन मंडेला कह कर संबोधित किया था. मुक्तसर जिले की लांबी विधानसभा सीट से साल 1997 से लगातार बादल यहां से जीत रहे थे, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से हार गए.
पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल को आप के गुरमीत खुदियां ने 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. जिले में पड़ने वाली चार सीटों में से तीन पर आम आदमी पार्टी और एक पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह- पंजाब लोक कांग्रेस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी यह चुनाव हार गए. आम आदमी पार्टी के अजितपाल सिंह कोहली ने अमरिंदर सिंह को 19 हजार से अधिक वोटों से हराया है. पटियाला शहरी विधानसभा सीट पर अमरिंदर सिंह ने चार बार जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार वह हार गए.
बता दें कि अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी बनाई थी. इन चुनावों में उनका गठबंधन बीजेपी के साथ था.
चरणजीत सिंह चन्नी - पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी पांरपरिक सीट चमकौर साहिब और एक अन्य सीट भदौर, दोनों जगहों से हार गए. चन्नी को चमकौर साहिब से आम आदमी पार्टी के चरणजीत ने 9 हजार वोटों से हराया. वहीं, भदौड़ से लब सिंह ने 33 हजार से ज्यादा वोटों से चन्नी को मात दी. चन्नी को भदौर से हराने वाले लब सिंह एक मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकान में काम करते हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू - कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू अपनी सीट अमृतसर ईस्ट से आप की उम्मीदवार से 6 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए. आप की उम्मीदवार जीवन ज्योति कौर ने न सिर्फ मौजूदा विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को हराया बल्कि अकाली दल के नेता विक्रम मजीठिया को भी हराया.
नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, “लोगों की आवाज भगवान की आवाज होती है. हम अपनी हार को स्वीकार करते हैं. पंजाब के लोगों का फैसला सर आंखों पर. आम आदमी पार्टी को जीत की बधाई.”
सुखबीर सिंह बादल- पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी अपनी सीट हार गए. सुखबीर सिंह बादल के पिता प्रकाश बादल भी चुनाव हार गए. जलालाबाद सीट पर आप के उम्मीदवार की जीत हुई है.
आम आदमी पार्टी के नेता जगदीप कंबोज ने सुखबीर बादल को 30 हजार से अधिक वोटों से हराया. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में सुखबीर बादल ने भगवंत मान को इस सीट पर हराया था.
राज्य में कई और सीनियर नेता आप की लहर के सामने हार गए. इस जीत के साथ ही प्रदेश की राजनीति में चली आ रही दो पार्टियों की दावेदारी भी खत्म हो गई. यह पहली बार होगा की प्रदेश में न तो अकाली दल और न ही कांग्रेस पार्टी की सरकार होगी.
भावी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संगरूर में अपने घर से आप की जीत पर लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “हम राज्य में सबसे पहले बेरोजगारी दूर करेंगे. उनकी सरकार गांवों से चलेगी, हम राज्य में लोगों को विदेश जाने से रोकेंगे.”
मान ने कहा, नई सरकार बनते ही एक महीने में बदलाव दिखने लगेगा. साथ ही पहले कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा कि किसी भी सरकारी दफ्तर में मुख्यमंत्री की फोटो नहीं लगेगी बल्कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो लगेगी.
आम आदमी पार्टी की जीत के बाद भगवंत मान सबसे पहले धुरी अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने पहुंचे. इसके बाद वह अपने विधानसभा में स्थित गुरूद्वारे गए और फिर अपने गांव सतोज में लोगों से मिले. मान जीत के बाद पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शपथ ग्रहण का न्यौता देने दिल्ली गए हैं.
मान ने अपने संबोधन में कहा कि वह शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकरकलां में शपथग्रहण करेगें. वहीं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद राज्यपाल को इस्तीफा देने राजभवन जाएंगें.
Also Read: 'आप' की ऐतिहासिक जीत और पंजाब की उम्मीदें
Also Read
-
TV Newsance 311: Amit Shah vs Rahul Gandhi and anchors’ big lie on ‘vote chori’
-
No POSH Act: Why women remain unsafe in India’s political parties
-
Himanta family’s grip on the headlines via Northeast India’s biggest media empire
-
7 FIRs, a bounty, still free: The untouchable rogue cop of Madhya Pradesh
-
Sansad Watch: From ‘vote chori’ to ‘Vande Mataram’, Parliament’s stormy Monsoon Session ends