Assembly Elections 2022
उत्तर प्रदेश चुनाव: ‘भर्ती नहीं आने से ओवरएज होने वाले युवा कर रहे आत्महत्या’
उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. प्रदेश की योगी सरकार जगह-जगह ‘बिना किसी भेदभाव' के पोस्टर लगाकर रोज़गार देने की बात कर रही है, लेकिन हाथरस में युवाओं से हमने रोज़गार को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘किसे मिला रोज़गार. हमें तो नहीं मिला है. योगी-मोदी सरकार रोज़गार नहीं दे पा रही है.’’
मथुरा से हाथरस जाते हुए सादाबाद के पास हमें कुछ युवा सड़क पर दौड़ते नजर आए. ये सेना और पुलिस बल में जाने की तैयारी कर रहे हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने इनसे बात कर जानने की कोशिश करी कि इस चुनाव में रोज़गार कितना जरूरी मसला है. क्या यूपी की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार रोज़गार दे पाई है?
यहां मौजूद ज्यादातर युवा केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से खफ़ा नज़र आते हैं. हाईवे पर दौड़ने के सवाल पर इनका कहना है, “यहां तैयारी करने की कोई सुविधा नहीं है इसलिए मजबूरन हमें हाईवे पर आना पड़ता है. यहां कई हादसे भी हो चुके हैं. भर्ती नहीं निकलने के कारण भी कई लोग आत्महत्या कर चुके हैं. सरकार कुछ नहीं कर रही है.”
एक तरफ जहां युवा बेरोज़गारी से परेशान हैं, वहीं मंदिर-मस्जिद को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. इस सवाल पर ओवरएज हो जाने के कारण तैयारी छोड़ चुके अंकुर कहते हैं, ‘‘मंदिर-मस्जिद से किसी का पेट नहीं भरता है. हमें रोज़गार चाहिए. मंदिर से आस्था का विषय है, इससे जिनका पेट भरता हो वो जाने.’’
सुनिए हाथरस के युवाओं से पूरी बातचीत.
Also Read: यूपी चुनाव 2022: “राशन नहीं रोजगार चाहिए”
Also Read
-
TV Newsance 307: Dhexit Dhamaka, Modiji’s monologue and the murder no one covered
-
Hype vs honesty: Why India’s real estate story is only half told – but fully sold
-
2006 Mumbai blasts: MCOCA approval was based on ‘oral info’, ‘non-application of mind’
-
4 decades, hundreds of ‘custody deaths’, no murder conviction: The curious case of Maharashtra
-
Reporters Without Orders Ep 378: Elite impunity, makeshift detention centres in NCR