Report
कितना सच है न्यूज़ चैनल के एमडी पर धर्मपरिवर्तन के आरोप का मामला?
इन दिनों एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में 22 वर्षीय निकिता कश्यप ने अपने पूर्व कर्मचारी और न्यूज़ एक्शन नेटवर्क के एमडी शान चौधरी पर धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाया है. निकिता जुलाई 2021 से न्यूज़ एक्शन नेटवर्क में बतौर टीम लीडर और एंकर का काम कर रही थीं. वहीं अक्टूबर 2021 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. निकिता बताती हैं कि शान चौधरी उन्हें बार-बार धर्मपरिवर्तन के लिए उकसाता था इसलिए उन्हें मजबूरन नौकरी छोड़नी पड़ी. हमने इस मामले की पड़ताल की है.
निकिता कश्यप पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने पिछले साल न्यूज़ एक्शन नेटवर्क ज्वाइन किया था. वह बताती हैं कि उन्हें प्रमोशन मिला था जिसके बाद से दिक्कते बढ़ने लगीं.
वह कहती हैं, "एमडी शान चौधरी मुसलमान हैं. मैंने वहां छह महीने काम किया है. जिसमें पहले तीन महीने मैंने सीनियर गौरव रावत के अंडर में काम किया. तीन महीने बाद मुझे प्रमोशन कर टीम लीडर बना दिया गया. पहले मेरी मुलाकात शान चौधरी से नहीं होती थी. लेकिन प्रमोशन के बाद हमारी सीधी मीटिंग हुआ करती थी. प्रमोशन के बाद से उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि तुम दिखने में मुसलमान जैसी लगती हो. अभी तुम्हारी सैलरी 25000 रुपए है. अगर तुम धर्म परिवर्तन कर लोगी तो तुम्हारी सैलरी एक लाख रूपए कर दूंगा. प्रमोशन होने के चौथे महीने में मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया था. सितम्बर में इस्तीफा दे दिया था लेकिन ऑफिस ने वह स्वीकार नहीं किया. इसलिए मुझे आगे काम करते रहना पड़ा. मुझे परेशान किया जा रहा था इसलिए मैंने 4 अक्टूबर को दोबारा इस्तीफा दिया. उनका आधे से ज्यादा स्टाफ मुसलामानों का था. वहां सभी का ब्रेनवाश किया करते थे."
इस्तीफा देने के बाद 20 नवंबर को सैलरी देने के बहाने निकिता को ऑफिस बुलाया जाता है. उस दिन के बारे में निकिता बताती हैं, "उस दिन मेरे साथ बहुत बदतमीजी हुई और मारपीट की गई. मैंने तुरंत प्रीत विहार थाने फोन कॉल कर पुलिस को सूचित किया. थाने में एएसआई सोहनवीर थे. उनकी तरफ से मुझ पर एफआईआर दर्ज नहीं कराने का दबाव बनाया गया. थाने में शान चौधरी को भी बुलाया गया वहां मुझे सेटलमेंट करने के लिए 80 लाख रूपए ऑफर किए गए. मेरे धारा 164 के बयान भी हो चुके हैं. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है."
जब हमने पूछा कि क्या उनके पास कोई सबूत हैं? निकिता जवाब देती हैं, "मैं अनकॉन्शियस थी. मुझे लगा था बात संभल जाएगी."
निकिता आगे आरोप लगाती हैं कि शान चौधरी के पास बहुत पैसा है इसलिए वह जहां भी केस दर्ज कराने जाती हैं शान वहां के लोगों को खरीद लेते हैं.
धर्मपरिवर्तन नहीं, व्यवहार के कारण छोड़ी थी नौकरी
मामले की तह में पहुंचने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री ने शान चौधरी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि निकिता के व्यवहार के चलते उसे नौकरी से निकालना पड़ा.
शान कहते हैं, "निकिता का एक यूट्यूब चैनल है. वह मेरे चैनल की वीडियो अपने चैनल पर डाला करती थी. मुझे यह बात पता लग गई थी. मैंने निकिता से बात की. उसने माना भी की उसकी गलती थी और वह आगे से ये सब नहीं करेगी. इसके बाद निकिता के व्यवहार को लेकर और शिकायतें आने लगीं. इसलिए मैंने निकिता से टीम वापस ले ली. मैंने उसे कहा कि टीम आपसे खुश नहीं है लेकिन वह बतौर एंकर काम कर सकती हैं. टीम वापस लेते ही इसने कम्प्लाइअन्स हेड रौशनी और टीम मैनेजर बुशरा से जाकर मेरी शिकायत की और कहा कि टीम वापस लेने के कारण मैं अब ऑफिस नहीं आऊंगी. तब उन्होंने इसे समझाया और ऑफिस काम जारी रखने की सलाह दी. लेकिन उसके बाद भी इसकी अपने सेनियर्स के साथ नहीं बनती थी. निकिता ने चैनल की टीम से छह बच्चों को नौकरी छोड़ने के लिए भी भड़काया."
निकिता ने आरोप लगाया है कि न्यूज़ एक्शन नेटवर्क ने नौकरी छोड़ने के बाद उनकी सैलरी को रोके रखा? इस पर शान जवाब देते हैं, "हमारा क्लॉज है कि अगर कोई बिना नोटिस पीरियड दिए जॉब छोड़ता है तो हम उसकी सैलरी 45 दिन बाद रिलीज करते हैं. ये लोग-निकिता, अमन, हीरा और कोमल जिन्होंने नौकरी छोड़ी थी वे 20 नवंबर को सैलरी लेने आए. उस समय मैं ऑफिस में नहीं था. बुशरा भी किसी मीटिंग में व्यस्त थीं. उसने बहुत बुरी तरह से बुशरा से फोन पर बात की. उतने में मैं ऑफिस आ गया था. वहीं मेरी अन्य कर्मचारी रिया गुप्ता, निकिता के साथ बैठी थीं. निकिता ने बदतमीजी करनी शुरू कर दी और चिल्लाने लगीं. उस बात पर रिया ने निकिता को समझाया कि सीनियर का आदर करना चाहिए. इस बात पर दोनों का झगड़ा हो गया. इन दोनों ने पुलिस को कॉल कर दी."
वह आगे बताते हैं, "मेरे यहां काम करने वाला 90 फीसदी स्टाफ हिंदू है. अगर धर्मपरिवर्तन की बात है तो यह शिकायत तब क्यों नहीं की गई जब निकिता मेरे यहां नौकरी कर रही थी? अगर कोई धर्मपरिवर्तन के लिए बोलता था तो नौकरी छोड़ने के 45 दिन बाद तक आप चुप क्यों रहे? और 50 दिन बाद जब मुद्दा उठाया तो पहली शिकायत में मुद्दा क्यों नहीं उठा. धर्मपरिवर्तन की बात बाद में शिकायत में क्यों जोड़ी गई."
शान चौधरी अपना यूट्यूब चैनल न्यूज़ एक्शन नेटवर्क 1.5 साल से चला रहे हैं. उनके यहां 48 कर्मचारी हैं जो दिल्ली और उत्तर प्रदेश में काम करते हैं.
मामले में हिंदू 'शेरों' की भूमिका
मामला दुनिया के सामने आया जब 8 दिसंबर को एक यूट्यूब चैनल, 'फर्स्ट न्यूज़ विथ आर.बी (राजेश भसीन)' पर आस्था मां और राजेश भसीन ने एक वीडियो बनाई. इस वीडियो में दोनों के साथ निकिता कश्यप भी बैठी थीं जो अपनी आपबीती बताती हैं. इस वीडियो का शीर्षक है, 'प्रेस रिपोर्टर बनाने का झांसा देकर लड़कियों को रखता था नौकरी पर और उसके बाद?'
इस वीडियो में आस्था मां शान चौधरी पर आरोप लगाती हैं कि उन्होंने निकिता के हाथ पकड़े और उसके साथ मारपीट की. वह कहती हैं, "क्या जिहादियों ने अपने दिमाग में यही भर रखा है कि हिंदू लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करो. ठोक कर रख दूंगी."
इसके बाद भी फेसबुक लाइव के जरिए कई बार आस्था मां ने मुद्दे को उठाया.
राजेश भसीन अपने यूट्यूब चैनल के अलावा एक अन्य यूट्यूब चैनल, 'संवाद नेशन' भी चलाते हैं. इसपर कई बार निकिता कश्यप भी एंकरिंग करते हुए वीडियो में देखी जा सकती हैं. अपने दोनों चैनलों पर राजेश भसीन यति नरसिंहानंद सरस्वती के समर्थन में कई वीडियो बनाकर डालते हैं.
वहीं आस्था मां भी यति नरसिंहानंद सरस्वती की कट्टर समर्थक हैं. जब फरवरी 2021 में दिल्ली के मंगोलपुरी में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, तो हिंदुत्व नेताओं ने हत्या को सांप्रदायिक बनाना शुरू कर दिया, हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कोई सांप्रदायिक कोण नहीं था. उस दौरान आस्था मां और उनके समर्थकों ने इलाके में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ पुलिस की मौजूदगी में आरोपी के घर में तोड़फोड़ की और उसे अपने फेसबुक पेज पर प्रसारित किया. आस्था मां अलग-अलग कार्यक्रमों में यति नरसिंहानंद के साथ दिखाई देती हैं.
शान चौधरी के वकील ने इस मामले में राजेश भसीन और आस्था मां के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा है और सात लाख रूपए मुआवजे की मांग की है.
मामले में क्यों दर्ज है क्रॉस एफआईआर?
इस पूरे मामले में एक क्रॉस एफआईआर भी दर्ज है. यह एफआईआर रिया गुप्ता ने निकिता कश्यप पर दर्ज कराई है. 19 वर्षीय रिया गुप्ता टीम लीडर और मीटिंग मैनेजमेंट का काम संभालती हैं.
19 वर्षीय रिया गुप्ता बताती हैं, "निकिता वीडियो एडिटर से बिना लोगो के वीडियो मांगकर अपने चैनल एनआरएन- नवरोशन पर डाल दिया करती थीं. यह एक तरह की चोरी है. नौकरी ज्वाइन करने के बाद निकिता ने एक लड़के अमन को भी नौकरी पर रखवा लिया. शायद वह उसका बॉयफ्रेंड था. 45 दिन बाद निकिता पूरी प्लानिंग के साथ ऑफिस आई. उसके साथ अमन, उसके पिता और पिता के कुछ दोस्त ऑफिस आए थे. वहां निकिता ने शान चौधरी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया. सभी सीनियर्स ने उसे समझाया. उस समय मैं निकलकर आई. निकिता और मैं एक ही मोहल्ले में रहते हैं. मैंने भी उसे बहुत समझाने की कोशिश की कि वह अपशब्दों का इस्तेमाल न करे. वह और अमन उल्टा मुझपर चिल्लाने लगे. इतने में अमन ने मुझे भी छुआ. उसके पिता ने भी मेरे साथ बदतमीजी से बात की और धमकी दी. इन लोगों ने मुझे धक्का भी दिया. तब बुशरा मैम ने मुझे बचाया. उसके बाद सब वहां से चले गए."
रिया गुप्ता आगे कहती हैं, "मैं पुलिस स्टेशन गई. मेरे भी 164 के बयान हुए. निकिता के वकील ने उससे धर्मांतरण वाली थ्योरी लिखवाई है. हम में से कभी किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया गया."
पुलिस क्या कहती है?
मामले की पड़ताल कर रहे जांच अधिकारी एएसआई कृष्ण कुमार ने हमें बताया कि निकिता ने अपनी पहली शिकायत में धर्मपरिवर्तन जैसी कोई बात का जिक्र नहीं किया था. वह कहते हैं, "निकिता ने जब पहली बार शिकायत दर्ज कराइ थी उसमें धर्मपरिवर्तन का जिक्र नहीं था. लिखित शिकायत में केवल सैलरी को लेकर हुए झगड़े का जिक्र था. दिसंबर के महीने में जब हमने 15-20 दिन बाद उसे 164 के बयान के लिए बुलाया तब उसने धर्मपरिवर्तन की बात हमें बताई लेकिन अब तक कोई भी सबूत देने में वह असफल रही है. हम मामले की जांच कर रहे हैं."
टीम मैनेजर बुशरा बताती हैं कि निकिता के ऑफिस छोड़ने से दो दिन पहले ऑफिस में एक अन्य कर्मचारी रोशनी का जन्मदिन था जिसमें निकिता, शान चौधरी समेत पूरा स्टाफ आया था. "निकिता को संभालने के लिए एक टीम दी गई थी. टीम के बीच जो थोड़ी बहुत नोकझोंक होती थी लेकिन इसके अलावा उसका कोई बड़ा झगड़ा नहीं हुआ. हम सभी उस दिन निकिता के व्यवहार को देखकर हैरान थे, जिस तरह से वह अपशब्दों का इस्तेमाल कर रही थी." बुशरा ने कहा.
Also Read
-
‘Not a Maoist, just a tribal student’: Who is the protester in the viral India Gate photo?
-
130 kmph tracks, 55 kmph speed: Why are Indian trains still this slow despite Mission Raftaar?
-
Supreme Court’s backlog crisis needs sustained action. Too ambitious to think CJI’s tenure can solve it
-
Malankara Society’s rise and its deepening financial ties with Boby Chemmanur’s firms
-
On Constitution Day, a good time to remember what journalism can do