Khabar Baazi
चीन को खुफिया जानकारी भेजने के आरोप में जेल में बंद पत्रकार को कोर्ट से मिली जमानत
रुपयों के लिए चीन को खुफिया जानकारी भेजने के आरोप में जेल में बंद पत्रकार राजीव शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. पत्रकार को तीन जुलाई 2021 को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
मुक्ता गुप्ता की बेंच ने यह फैसला सुनाया. इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला 21 दिसंबर को सुरक्षित रख लिया था. ईडी ने गोपनीय एवं संवेदनशील जानकारी देने के मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिग का केस दर्ज किया था.
शर्मा के वकील ने कोर्ट में कहा कि, कथित धन शोधन का मामला ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ के तहत पुलिस के एक मामले से निकला है. जिसमें पत्रकार को 2020 में जमानत मिल गई थी.
इस मामले में पहले दिल्ली की कोर्ट ने शर्मा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था, “राजीव शर्मा के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं. जांच एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, इसलिए इस मौके पर जमानत देना न्याय के हित में नहीं है.” दिल्ली कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद ही शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चीन को भारत की सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज देने के मामले में 14 सितंबर 2020 को शर्मा को गिरफ्तार किया था. शर्मा को ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ की धारा 3, 4 और 5 के तहत गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने शर्मा को उस वक्त हिरासत में लिया था जब वे जनपथ मार्ग स्थित नेशनल मीडिया सेंटर से अपने घर लौट रहे थे. पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर उनके घर पहुंची और घर की तलाशी ली. इस दौरान मोबाइल फोन, लैपटॉप और बाकी अन्य कई दस्तावेज पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए थे.
हालांकि दिल्ली पुलिस 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई जिसके बाद 4 दिसंबर 2020 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.
Also Read
-
TV Newsance Live: What’s happening with the Gen-Z protest in Nepal?
-
How booth-level officers in Bihar are deleting voters arbitrarily
-
गुजरात: विकास से वंचित मुस्लिम मोहल्ले, बंटा हुआ भरोसा और बढ़ती खाई
-
Gujarat’s invisible walls: Muslims pushed out, then left behind
-
September 15, 2025: After weeks of relief, Delhi’s AQI begins to worsen