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'बुली बाई' पर एक हिंदू आदमी का चेहरा क्यों है?

इस हफ्ते, बुली बाई एप मामले में मुंबई पुलिस की जांच के अंतर्गत विशाल कुमार झा, मयंक रावत और श्वेता सिंह की गिरफ्तारी के बाद, रितेश झा नाम के व्यक्ति ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "मेरे दो छोटे भाई और बहन को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ जो दक्षिणपंथी बोल रहे हैं उन से निपटा जाएगा. जल्दी मिलता हूं बच्चों #Mumbai मीटअप."

रितेश को सबसे ज्यादा उनके यूट्यूब चैनल लिबरल डोज के लिए जाना जाता है जहां उन्होंने 13 मई 2021 को, पाकिस्तानी महिलाओं की एक 'नीलामी' चलाते हुए, मुस्लिम विरोधी और अश्लील लाइव प्रसारण किया था. (इस चैनल को यूट्यूब द्वारा बाद में सस्पेंड कर दिया गया). इससे यह समझ आता है कि रितेश क्यों अपने को, बुली बाई एप पर मुस्लिम महिलाओं की 'नीलामी' के आरोपियों के बड़े भाई के रूप में देखते हैं. लेकिन अचरज में डालने वाली बात है कि रितेश 'दक्षिणपंथियों' की तरफ उंगलियां उठा रहे हैं.

31 दिसंबर 2021 को बनाए गए बुली बाई एप ने 100 से ज्यादा मुसलमान महिलाओं को उनके फोटो के साथ उनके लिए भद्दे, अपमानित और प्रताड़ित करने वाले कमेंट कर निशाना बनाया, जिनमें कई पत्रकार और एक्टिविस्ट भी थीं. एप पर लगाए गए सभी फोटो में एक उस युवक का है जिसने न्यूजलॉन्ड्री के द्वारा संपर्क किए जाने पर अपनी पहचान छुपाने की विनती की. उसके नाम से लगता है कि वह एक हिंदू है. वह अपनेआप को एक दक्षिणपंथी और विनायक दामोदर सावरकर का अनुयाई बताता है.

एक रूढ़िवादी हिंदू आदमी उस एप पर क्या कर रहा है, जिसके नाम में भी मुसलमानों के लिए अपमान निहित है और उसको बनाया भी मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने के लिए गया है?

विशाल कुमार झा
श्वेता सिंह

ट्रैड्स बनाम रायतास्

बुली बाई केस में अभी तक चार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. 3 से 5 जनवरी के बीच में मुंबई पुलिस ने झा, रावत और सिंह को गिरफ्तार किया. 6 जनवरी को असम से दिल्ली पुलिस ने इंजीनियरिंग के छात्र नीरज विश्नोई को गिरफ्तार किया. दिल्ली पुलिस के अनुसार 21 वर्षीय बिश्नोई ही 'गिटहब पर बुली बाई बनाने और उसकी साजिश का मुख्य आरोपी है.'

यह स्पष्ट है कि बुली बाई एप को बनाने का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न और उन्हें यौनाकर्षण की एक वस्तु की तरह पेश करना था. लेकिन ऐसा लगता है कि मुसलमान महिलाओं को उत्पीड़ित करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे यह दांव-पेंच, दूसरे दक्षिणपंथियों को निशाना बनाने के लिए भी इस्तेमाल किए जा रहे थे. बुली बाई के ऑनलाइन होने के कुछ ही दिनों के अंदर, उसके करीब 100 मुसलमान महिलाओं के डेटाबेस में एक आदमी जुड़ गया, जो दक्षिणपंथी खेमे में एक बड़ी खाई की तरफ इशारा करता है.

कथित तौर पर बुली बाई एप को ट्रैंड्स ने डिजाइन किया जो अंग्रेजी में 'ट्रेडीशन' अर्थात संस्कृति का अपभ्रंश है, और इसका इस्तेमाल उन चरमपंथी दक्षिण विचारधारा के लोगों के लिए किया जाता है जो रायतास् कहलाने वाले एक दूसरे समूह से भिड़े हैं. रायतास् दक्षिणपंथी खेमे के वे लोग हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से वैचारिक समानता रखते हैं.

बुली बाई और और सुल्ली डील्स, जो बुली बाई की तरह ही काम करता था, ट्रैडस् के द्वारा चलाया गया है. पिछले साल जब सुल्ली डील्स आया था तो उसके विवरण में लिखा था कि वह "हिंदू ट्रैडस् की ओर से एक कम्युनिटी के द्वारा चलाया गया ओपन सोर्स प्रोजेक्ट था."

ट्रैडस् को उनकी विचारधारा से सहमति न रखने वालों को ऑनलाइन प्रताड़ित करने में शामिल होने के लिए जाना जाता है. यह माना जा रहा है कि बुली बाई मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी खुद को ट्रैडस् बताते हैं.

झा और सिंह के गिरफ्तार होने के कुछ ही समय बाद, ट्विटर पर @giyu44 हैंडल के एक व्यक्ति ने यह ट्वीट किया कि बुली बाई एप उसने बनाया है और पुलिस ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है. यह सिंह के बयान से मेल खाता था जो उन्होंने उत्तराखंड और मुंबई दोनों ही जगह की पुलिस को दिया कि वह नेपाल के एक गियू नामक व्यक्ति के निर्देशों पर काम कर रही थीं. लेकिन जांच के नजदीक सूत्रों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि गियू के नेपाली होने के कोई सबूत नहीं हैं और अधिक संभावना यही है कि वह भारतीय है.

ऑपरेशन: ब्रेनवाश

दक्षिणपंथी खेमे में गुटबाजी इस हद तक आक्रामक और विषैली हो चुकी है कि जितने भी लोगों ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की उन्होंने अपनी पहचान छुपाने का अनुरोध किया, इसलिए कि वे ऐसे किसी भी समूह से पहचाने जाने पर ट्रोल नहीं होना चाहते थे.

ट्रैड की गतिविधियों की सूचना जांच एजेंसियों को देने वाले एक व्यक्ति ने बताया, "पिछले कुछ समय से, ट्रैड एक कल्ट की तरह हो गया है. अगर आप उनसे सहमति नहीं रखते तो वह आपको हिंदू नहीं मानेंगे."

न्यूज़लॉन्ड्री के एक सूत्र जिन पर ट्रैडस् ने रायतास् का तमगा लगा दिया है. कहते हैं, "युवा लड़के-लड़कियां (जो बुली बाई के पीछे हैं) ट्रैडस् नाम के एक अभियान का हिस्सा हैं. वे भाजपा संघ और सावरकर की विचारधारा को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानते हैं. उनके पास युवाओं से भरे हुए सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े ग्रुप हैं, वे द्वारका और पुरी के शंकराचार्य को अपने गुरु मानते हैं और जो भी उनके चरमपंथी विचारों से सहमति नहीं रखता उसके सख्त खिलाफ होते हैं. उनकी विचारधारा दृढ़ जाति व्यवस्था पर आधारित है और वह जाति की प्रधानता में विश्वास रखते हैं. वे अस्पृश्यता का पालन करना चाहते हैं. यह लोग दलितों की प्रगति को पसंद नहीं करते, देखा जाए तो ब्राह्मणों के अलावा किसी भी जाति की प्रगति को सही नहीं मानते. कुछ वेबसाइट और सोशल मीडिया की हस्तियां इनका समर्थन करती हैं."

हमारे सूत्र ने कहा कि उन्हें ट्रैडस् की नीतियां और उनके सोशल मीडिया हैंडलों के द्वारा मुसलमान व गैर मुसलमान महिलाओं को निशाना बनाया जाना, स्वीकार्य नहीं है. वे कहते हैं, "महिलाओं का अपमान बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. यह एक महिला सुरक्षा का मुद्दा है और इसको गंभीरता से लेना चाहिए."

ट्रेड और रायतास् की ऑनलाइन प्रतिद्वंदिता को देख रहे एक व्यक्ति ने यह दावा किया, कि ट्रैडस् दक्षिणपंथी इनफ्लुएंसर्स में काफी लोकप्रिय हैं और युवाओं को 'ब्रेनवॉश' करके उन्हें ट्रैड का सोशल मीडिया योद्धा बनाने का सुनियोजित अभियान चल रहा है.

उस सूत्र ने कहा, "कई बड़े हैंडल ट्रैडस् हैं और वह सोशल मीडिया पर युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं. इसमें यह काफी सफल हैं और इन्होंने ऐसे युवाओं की एक पूरी सेना बना ली है जो ऑनलाइन नफरतें अभियानों का हिस्सा बनती हैं. सोशल मीडिया पर अगर कोई ऐसी चीज ट्वीट करता है जो उनके विचारों से मेल नहीं खाती तो उस व्यक्ति को निशाना बनाकर हमला किया जाता है."

उदाहरण के लिए उन्होंने बेंगलुरु की मौजूदा आईजी, डी रूपा का उदाहरण दिया जिन्हें 2020 में @Tlinexile नाम के हैंडल ने ट्रोल किया था. जब @Tlinexile को सस्पेंड कर दिया गया तो उसने -@BharadwajSpeaks- नाम से एक दूसरा हैंडल बनाया जिसके कुछ ही घंटों में एक लाख से ज्यादा फॉलोअर हो गए. बाद में, भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति कौशल स्वराज को इस हैंडल ने बुरी तरह ट्रोल किया.

दक्षिणपंथी ऑनलाइन गतिविधि के एक विशेषज्ञ ने ट्रैडस् और रायतास् के बीच का एक मूल अंतर समझाया. उन्होंने कहा, "ट्रेंड्स हिंदू विचारधारा के समर्त पंथ का अनुसरण करते हैं और मौजूदा शंकराचार्य को सर्वोच्च सत्ता मानते हैं. रायतास् हिंदुत्ववादी, राजनैतिक और मुख्यधारा के अवगत हिंदू हैं. रायतास् घर वापसी, विधवा पुनर्विवाह और नए विचारों को बढ़ाते हैं जिन्हें ट्रैडस् संस्कृति के खिलाफ मानते हैं. ट्रैडस् संघ परिवार को रायतास् मानते हैं."

इन दोनों के बीच का एक अंतर ऐसे व्यक्ति ने दिखाया जो इनके आपस के झगड़े को कुछ समय से देख रहे हैं. इस सूत्र ने कहा, "ट्रैडस् और रायतास् भले ही गैर हिंदुओं को ऑनलाइन टारगेट करें, लेकिन रायतास् दलितों के खिलाफ नहीं लिखते जबकि ट्रैडस् दलितों को भी निशाना बनाते हैं."

ऑनलाइन बनाम ऑफलाइन

बुली बाई मामले में आरोपियों की जानकारी बाहर आने के बाद, अविश्वास का एक माहौल हो गया है कि गिरफ्तार किए गए युवक और युवतियों ने ऐसी नफरत भरी मुहिम अपने आप ही चलाई. उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने प्रेस को बताया कि 18 वर्षीय श्वेता सिंह एक गरीब परिवार से आती थीं और उन्होंने अपनी मां और बाप दोनों को ही खो दिया था. कुमार ने कहा, "ऐसा लगता है कि वह इन गतिविधियों में पैसे के लिए शामिल हुईं."

झा के बारे में पूछने पर, दयानंद सागर कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख एच के रामा राजू ने कहा, "वह बिल्कुल साधारण और आज्ञाकारी था. कैंपस में उसका बर्ताव अच्छा था. मेरे पास उसको लेकर कोई शिकायतें नहीं हैं. हालांकि पिछले दो महीने से उसकी उपस्थिति कम रही है और इसकी जानकारी हमने उसके अभिभावकों को दे दी थी. इस मामले की जांच चल रही है और हम उसके दोषी साबित होने पर कार्यवाही करेंगे. क्योंकि अभी मामला साबित नहीं हुआ है, हमें विद्यार्थी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. पक्का होने से पहले हमें उसका भविष्य खराब नहीं करना चाहिए."

ऑफलाइन दुनिया में, झा और सिंह के द्वारा सारी सहानुभूति होने के बावजूद दोनों का ऑनलाइन उत्पीड़न का इतिहास है. ट्रोलिंग की शिकायतों को लेकर उनके सोशल मीडिया खाते कई बार सस्पेंड किए जा चुके हैं.

झा का सबसे हालिया ट्विटर हैंडल @saffrontexture था जिसे गिरफ्तारी से पहले ही सस्पेंड किया गया. इससे पहले उसका हैंडल @toxture था. वह @GangesScion और @mithilasher नाम के हैंडल भी चलाया करता था.

सिंह ने शुरुआत में @kadhiichaawal नाम का हैंडल अपनाया और ट्विटर पर रहते झा को फॉलो किया जब वे @seculardog नाम का हैंडल इस्तेमाल करते थे. @kadhiichaawal के सस्पेंड होने के बाद उन्होंने @shreee01 इस्तेमाल किया जो उनकी गिरफ्तारी तक चल रहा था.

झा और सिंह को जानने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि झा और सिंह का बहुत से ऐसे ट्विटर इस्तेमाल करने वालों से संबंध है जो ऑनलाइन इस्लाम से नफरत के लिए जाने जाते हैं, जैसे डेंटिस्ट कुणाल पटेल जो अब सस्पेंड हो चुके ट्विटर हैंडल @dantchikitsak को चलाते थे जिसने एक समय पर यह दावा किया था की एक मुसलमान आदमी ने सुल्ली डील्स एप बनाया है.

अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर एक पूर्व दक्षिणपंथी ट्रोल ने बताया, "यह दो गिरफ्तार किए हुए बच्चे मास्टरमाइंड नहीं हैं. यह केवल युवा हैं जिनका रूढ़िवादी दक्षिणपंथी प्रभावशाली हस्तियों ने ब्रेनवॉश कर दिया है. वे लोग दिमाग में नफरत को राष्ट्रीयता और देशभक्ति के नाम पर बो देते हैं और उनका इस्तेमाल दूसरों पर नफरत बरसाने के लिए करते हैं."

गियू का मिशन

झा और सिंह का मामला ऑनलाइन ट्विटर पर @giyu44 नाम के यूजर ने उठाया है जिसने उनकी रिहाई के लिए अपीलें लिखी हैं. इस तरह की पोस्ट में रितु राठौर (@RituRathaur) - जो खुद को "हिंदुओं के समान अधिकार के लिए लड़ने वाली" एक "सभ्यतावादी हिंदू" बताती हैं; सीबीआई के पूर्व निदेशक मान्नेम नागेश्वर राव; दक्षिणपंथी न्यूज़ पोर्टल ऑफ इंडिया की एडिटर इन चीफ नूपुर शर्मा (@UnsubtleDesi); एक दूसरे राइट विंग न्यूज़ पोर्टल डू पॉलिटिक्स के संस्थापक, अजीत भारती; और कई अन्य दक्षिणोन्मुख इंफ्लुएंसर टैग किए हुए होते हैं.

एक दूसरे ट्वीट में @giyu44 ने यह दावा किया कि असली सुल्ली डील्स एक मुसलमान के द्वारा बनाया गया था, जो कि एक अफवाह है जिसे पिछले साल ऑल्ट न्यूज़ ने गलत साबित कर दिया था.

गियू नाम कई बार मुसलमान महिलाओं के ऑनलाइन उत्पीड़न में सामने आया है. न्यूज़लॉन्ड्री ने गियू को @giyu2002 आम के टि्वटर हैंडल ढूंढा, जो उस समय चालू था जब सुल्ली डील्स खबरों में था. इस हैंडल ने मुसलमान महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक शब्द ट्वीट किए और बाद में सस्पेंड हो गया, अभी भी सक्रिय नहीं है.

एक और ट्विटर हैंडल -@vedic_revival, जिसे ऑपइंडिया के एक लेखक राम भक्त वैदिक चलाते हैं, ने उस समय @giyu2002 की ट्वीट को रिट्वीट किया था. वैदिक के हैंडल @vedic_revival से रितेश झा के लिबरल डोज को भी सब्सक्राइब किया हुआ था और न्यूज़लॉन्ड्री के द्वारा उसकी पहचान बता दिए जाने पर उसके पक्ष में ट्वीट किया था.

कुछ ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बिश्नोई, जिन्हें आज गिरफ्तार किया गया और जिसने कथित तौर पर बुली बाई एप बनाया, शायद गियू हो.

हालांकि वह व्यक्ति, जिन्होंने बिश्नोई (Niraz7009), क्रुणाल पटेल (@Dantchikitsak_) और अमित नोक्से की ऑनलाइन गतिविधियों की शिकायत पुणे और अहमदाबाद पुलिस के पास मार्च 2021 में दर्ज कराई, ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "बिश्नोई गियू नहीं है. मैं बिश्नोई को काफी लंबे समय से देख रहा हूं और उसके करीब 15 चैनलों को मैंने रिपोर्ट किया है, जिसमें से कई सस्पेंडेड भी हैं. जैसा कि मुंबई पुलिस ने जिक्र किया, गियू नाम का व्यक्ति नेपाल का नागरिक है.… गियू केवल एक हैंडल का नाम है और वह व्यक्ति नेपाल से नहीं है. असली नाम… अलग है लेकिन यह पक्का है कि वह विश्नोई नहीं है."

न्यूज़लॉन्ड्री को पता चला है कि बिश्नोई कई हैंडलों का इस्तेमाल करते थे जैसे कि @nirzz, @nirzzz, @niraz7009 और @Nirz9006, और इनमें से कई सस्पेंड भी हो गए थे.

न्यूज़लॉन्ड्री को यह भी पता चला कि टि्वटर हैंडल @giyu44 इसी साल जनवरी में चालू हुआ. उनके ट्विटर के परिचय में एक इंस्टाग्राम हैंडल है, जिसमें प्रोफाइल फोटो की जगह पर वही बुली बाई एप पर हिंदू आदमी की फोटो लगी है. यह लेख लिखे जाते समय इस इंस्टाग्राम खाते पर तीन पुरुषों की और एक महिला की फोटो लगी थीं, जिनके नीचे अपमानजनक शीर्षक लिखे हुए हैं. इनमें से कम से कम तीन लोग हिंदू हैं.

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