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लखीमपुर खीरी हिंसा सोची समझी साजिश- एसआईटी
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसा की जांच कर रही विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने अपनी जांच रिपोर्ट लखीमपुर खीरी के सीजेएम कोर्ट में पेश की है.
एसआईटी के मुख्य जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने रिपोर्ट में बताया कि किसानों को मारने के मकसद से ही गाड़ी चढ़ाई गई थी. घटना स्थल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के जरिए जो जानकारी मिली है उससे पता चलता है कि गलत इरादे से आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया.
एसआईटी ने लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी समेत 14 लोगों पर जांच के बाद धाराएं भी बदली हैं. गैर इरादतन हत्या को अब हत्या में बदल दिया गया है. एसआईटी ने आईपीसी की धाराओं 279, 338, 304 A को हटाकर 307, 326, 302, 34,120बी, 147, 148, 149, 3/25/30 लगाई हैं.
एसआईटी के नोट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “मोदी जी, फिर से माफी मांगने का टाइम आ गया… लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ. सच सामने है!”
बता दें कि इस साल तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसान विवादित कृषि बिलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, आरोप है कि इस दौरान किसानों पर केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ने आंदोलनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी.
घटना में स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की जांच रिपोर्ट को लेकर फटकार लगाई थी.
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न्यूज़लॉन्ड्री ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विस्तृत रिपोर्ट की हैं. जिसमें इस हिंसा से जुड़े सभी लोगों से बात की गई है. इन रिपोर्ट्स को आप यहां पढ़ सकते है.
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