Khabar Baazi
त्रिपुरा हिंसा: यूएपीए के तहत दर्ज मामलों में पत्रकार और वकीलों को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वकील मुकेश कुमार, अंसारुल हक अंसार और पत्रकार श्याम मीरा सिंह के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही करने से रोक लगा दी. इन तीनों पर त्रिपुरा पुलिस ने राज्य में सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था.
पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने कथित तौर पर "त्रिपुरा जल रहा है" ट्वीट किया था. वहीं दोनों वकीलों ने त्रिपुरा का दौरा कर हिंसा पर एक फैक्ट फाइंडिग रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने वकीलों के खिलाफ नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था.
11 नवंबर को तीनों ने अपने खिलाफ दर्ज यूएपीए मामले को रद्द करने के लिए एक रिट याचिका दायर की थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने यह फैसला सुनाया. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण इस मामले में पेश हुए. तत्काल सुनवाई की मांग के बाद याचिका को सूचीबद्ध किया गया था.
याचिकार्ता ने सुनवाई के दौरान यूएपीए के कुछ प्रावधानों की संवैधानिकता पर भी सवाल उठाए हैं. बता दें कि पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज आरएफ नरीमन ने यूएपीए को खत्म करने की मांग की थी.
त्रिपुरा में हुई हिंसा में 100 से अधिक लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है.
Also Read: कंगना रनौत, कंचन गुप्ता और डंकापति का दरबार
Also Read: संवाद ऐसे नहीं होता प्रिय नवीन कुमार
Also Read
-
Reality check of the Yamuna ‘clean-up’: Animal carcasses, a ‘pond’, and open drains
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Govt denies air-death link, but Lancet report says over 17 lakh died in India in 2022
-
सुधीर के सफेद झूठ, एनडीटीवी की कुंडली मार पत्रकारिता और रेखा गुप्ता