Report
असम में एचडब्ल्यू न्यूज़ की दो पत्रकार हिरासत में, विश्व हिंदू परिषद को बदनाम करने और आपराधिक साजिश का आरोप
त्रिपुरा पुलिस के द्वारा दो पत्रकारों को विश्व हिंदू परिषद और राज्य की भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए नामजद करने के एक दिन बाद, उन्हें सिलचर जाते हुए असम पुलिस ने करीमगंज जिले में रविवार को दाखिल हुए एक और मामले के अंतर्गत हिरासत में ले लिया.
एक स्वतंत्र समाचार वेबसाइट एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की दिल्ली की पत्रकार 21 वर्षीय समृद्धि सकुनिया और 25 वर्षीय स्वर्णा झा त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा पर रिपोर्ट करने गई थीं. उन्होंने शुक्रवार को त्रिपुरा के गोमती जिले में जलाए गई एक मस्जिद के बारे में रिपोर्ट की थी. 26 अक्टूबर को वीएचपी की रैली के बाद क्षेत्र में हुई हिंसा में, पानीसागर ग्राम पंचायत में कथित तौर पर निशाना बनाई गई मस्जिद और मुसलमानों की संपत्ति पर रिपोर्ट करने के लिए वे शनिवार को धर्मनगर पहुंची थीं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार असम पुलिस ने दोनों पत्रकारों को रविवार के दिन करीमगंज जिले के नीलम बाजार पुलिस थाने में हिरासत में लिया. समृद्धि ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "त्रिपुरा के गोमती जिले में हमारे खिलाफ दूसरा मामला हो गया है."
एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क ने कहा, "असम पुलिस का कहना है कि हमारे पत्रकारों के खिलाफ उनके पास कोई मामला नहीं है लेकिन त्रिपुरा पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए कहा है."
करीमगंज के एसपी लकी चौहान कहते हैं, "हमारे पास त्रिपुरा पुलिस की ओर से लिखित अनुरोध आया जो कि त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित कक्रबन पुलिस थाने से था. उन्होंने कहा कि यह दोनों लोग गोमती में एक मामले के सिलसिले में वांछित थे और वह हमारे इलाके से निकल रहे थे, इसलिए इन्हें कृपया हिरासत में लें, क्योंकि हमें जांच के लिए इनकी आवश्यकता है. हमने उन्हें हिरासत में ले लिया और फिर त्रिपुरा पुलिस की टीम शाम 5:30 पर पहुंच गई. इस समय हम उन्हें त्रिपुरा पुलिस को सौंपने करने की प्रक्रिया में हैं. हमने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है."
इन दोनों पत्रकारों के खिलाफ पहली एफआईआर शनिवार को उनाकोटी जिले के फोटिकराय पुलिस थाने में दर्ज हुई थी. मुकदमा भारतीय कानून संहिता या आईपीसी की धारा 120बी (अपराधिक साजिश), 153a (दंगा फैलाने की नीयत से भड़काना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करना), के अंतर्गत दर्ज किया गया.
शिकायत कंचन दास नाम के व्यक्ति के द्वारा दर्ज कराई गई, जिन्होंने आरोप लगाया कि ये दो पत्रकार 13 नवंबर को फोटिकराय में "मुस्लिम घरों" का दौरा करते समय "हिंदुओं और त्रिपुरा सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण दे रही थीं."
रविवार की सुबह 9:00 बजे तक त्रिपुरा पुलिस ने, समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा दोनों पत्रकारों को उत्तरी त्रिपुरा जिले के धर्मनगर में उनकी होटल की लॉबी में रखा. उन्हें 21 नवंबर को अपने वकीलों के साथ फोटिकराय पुलिस थाने आने के लिए कहा गया है.
समृद्धि ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि पुलिस अधिकारी और सीआरपीएफ के लोग शनिवार को उनके होटल में रात 10:30 बजे पहुंच गए. उन्होंने कहा, "जब आज सुबह करीब 5:30 बजे है होटल से चेक आउट कर रहे थे तो वह मुझे और स्वर्णा को स्थानीय पुलिस थाने पूछताछ के लिए ले जाना चाहते थे. उनका दावा है कि वह मुझसे वीडियो पर पूछताछ करना चाहते हैं. मैंने उनसे कहा कि मुझे कानूनी सलाह चाहिए तो उन्होंने कई बार इस बात पर जोर दिया कि यह सब वकील से बात किए बिना भी हो सकता है."
एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क ने कहा, "सीआरपीसी 1973 की धारा 46 कहती है कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले महिलाओं को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. धारा 46 का अनुच्छेद 4 यह सुनिश्चित करता है कि अगर पुलिस किसी महिला को सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार करना चाहती है, तो उन्हें न्यायाधीश की पहले से स्वीकृति लेनी होगी. त्रिपुरा पुलिस ने इसका पालन नहीं किया."
"पुलिस ने उन्हें होटल से जाने दिया और अपना बयान रिकॉर्ड करवाने के लिए 7 दिन का नोटिस दिया, इसके बावजूद असम पुलिस कहती है कि हमारे पत्रकारों को आगे की पूछताछ के लिए वापस त्रिपुरा ले जाया जाएगा. हमें मामले पर सत्यता से रिपोर्ट करने से रोकने के लिए, त्रिपुरा पुलिस और त्रिपुरा सरकार के द्वारा यह साफ-साफ उत्पीड़न और प्रेस को निशाना बनाना है."
समृद्धि सकुनिया, जिन्होंने पहले न्यूज़लॉन्ड्री से त्रिपुरा से फोन पर बात की थी, ने दावा किया कि वे लोग करीब 15 पुलिसवालों और केंद्रीय सुरक्षा बल के लोगों से घिरे हुए थे जिनमें से तीन महिलाएं थीं.
उन्होंने बताया, "मुझे कल शाम 7:30 बजे से पुलिस के फोन आने शुरू हो गए. कांता नाम की एक पुलिस अधिकारी मेरी आधार की जानकारी जाना चाहती थीं और पूछ रही थीं कि मैं कैसे यात्रा कर रही हूं और मेरी कहां जाने की योजना है. उन्होंने यह नहीं बताया कि पुलिस को यह जानकारी क्यों चाहिए थी. मैंने उन्हें यह सब बताने से यह कहकर मना कर दिया कि हम अपने संपादकों की अनुमति के बिना ऐसा नहीं कर सकते."
समृद्धि, पानीसागर में हुई हिंसा के कुछ दिनों बाद उनाकोटी और उत्तरी त्रिपुरा जिले में स्थिति पर अपडेट देते हुए ट्विटर पर काफी सक्रिय थीं. त्रिपुरा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर खाते से, उन्हें धर्मनगर में एक मुसलमान आदमी पर कथित हमले के बारे में ट्वीट करने पर "बिना पुष्टि किए भ्रमित करने वाली जानकारी" पोस्ट न करने को भी कहा गया था.
त्रिपुरा में प्रशासन के द्वारा जरूरत से ज्यादा सख्त रवैये को झेलने वाली समृद्धि और स्वर्णा अकेली मीडिया कर्मी नहीं हैं. 3 नवंबर को इंडिया टुमारो नाम की समाचार वेबसाइट के दिल्ली के पत्रकार मसीहुजम्मा अंसारी ने दावा किया कि उन्हें पश्चिमी अगरतला के एक पुलिस थाने ले जाया गया और वहां उन से दो घंटे तक पूछताछ की गई. उसी दिन, उस पुलिस थाने ने पत्रकार श्याम मीरा सिंह के साथ-साथ 70 और पत्रकारों के खिलाफ "त्रिपुरा जल रहा है", ऐसा ट्वीट करने पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक वक्तव्य में इस बात को रेखांकित किया कि श्याम मीरा सिंह और बाकी पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की कार्यवाई "अत्यंत विचलित करने वाली है", जहां एक "बहुत सख्त कानून… सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने और रिपोर्ट करने भर के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है."
"गिल्ड का यह मत है कि यह राज्य सरकार के द्वारा बहुसंख्यक वादी हिंसा को खुद रोक पाने और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाई करने में असफलता से ध्यान हटाने की कोशिश है."
उत्तर त्रिपुरा के एसपी भानुपद चक्रवर्ती ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि वह इस मामले से अंजान हैं. उन्होंने कहा, "मुझे इस बारे में कुछ नहीं मालूम है. बेहतर होगा कि आप उनाकोटी के एसपी से बात करें."
उनाकोटी के एसपी रतिरंजन देबनाथ को कई बार फोन करने पर भी जवाब नहीं मिला. न्यूज़जलॉन्ड्री ने उन्हें व्हाट्सएप पर सवाल भेजे हैं, जवाब आने पर इस रिपोर्ट में जोड़ दिया जाएगा.
गोमती के एसपी ने न्यूज़लॉन्ड्री के द्वारा इस पर टिप्पणी करने के अनुरोधों का कोई जवाब नहीं दिया.
गोमती के कक्रबन में सब डिविजनल पुलिस अधिकारी ध्रुव नाथ ने कहा कि वे न्यूज़लॉन्ड्री को, समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा के खिलाफ दर्ज दूसरी एफआईआर के बारे में जानकारी देंगे. उन्हें कई बार कॉल किए जाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला.
इसी बीच 11 डिजिटल न्यूज़ संस्थाओं की एसोसिएशन डिजिपब न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन ने रविवार को, "एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क के पत्रकारों के खिलाफ डराने के सतत प्रयासों" की "पुरजोर" निंदा की.
त्रिपुरा पुलिस ने एचडब्ल्यू न्यूज़ की पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को गिरफ्तार कर लिया है. मीडिया संस्थान ने जारी एक बयान में बताया कि, त्रिपुरा पुलिस ने दोनों पत्रकारों को रात करीब 1 बजे गिरफ्तार किया.
एचडब्ल्यू के बयान के मुताबिक, असम के करीमगंज शेल्टर होम से इन दोनों पत्रकारों को त्रिपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया, जहां दोनों को उदयपुर जिला कोर्ट में पेश किया जाएगा.
Also Read
-
4 ml of poison, four times a day: Inside the Coldrif tragedy that claimed 17 children
-
Delhi shut its thermal plants, but chokes from neighbouring ones
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Cuttack on edge after violent clashes