Report
कोरोना रोकथाम में मदद के लिए रेलवे ने यात्रियों से लिए पतों का क्या किया?
भारतीय रेलवे ने कोरोना महामारी के समय से ट्रेन से यात्रा कर रहे लोगों का पता लेना शुरू किया है. जिसका उद्देश्य बताया गया कि इसके जरिए रेलवे कोरोना मामलों की जानकारी इकट्ठा करेगा. हालांकि सूचना का अधिकार (आरटीआई) में मिली जानकारी से पता चला है कि लिए गए इन पतों का कोई उपयोग नहीं किया गया है.
न्यूज़लॉन्ड्री को दिए गए आरटीआई के जवाब में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने यह जानकारी दी है. आईआरसीटीसी ने बताया कि रेलवे टिकट बुकिंग के दौरान पता लेने का निर्देश भारतीय रेलवे मंत्रालय से 11 मई 2020 को दिया था.
रेलवे बोर्ड द्वारा आईआरसीटीसी को भेजे गए पत्र में कहा गया था कि, कोविड 19 के समय में राज्य सरकारों के कोविड नियमों के तहत स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे लोगों के डेस्टिनेशन (गंतव्य) स्थल का पता लिया जाए. इसके लिए सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) गंतव्य स्थल के पते को जोड़ने के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग में जरूरी परिवर्तन करे.
स्वास्थ्य से जुड़े प्रोटोकॉल के लिए आईआरसीटीसी यह आंकड़े राज्य सरकारों के साथ जरूरत पड़ने पर साझा कर सकती है. यह आदेश बोर्ड की अनुमति से जारी हुआ है.
बता दें कि कोरोना महामारी से पहले टिकट बुकिंग के दौरान यात्री जहां की यात्रा कर रहा है, वहां का पता नहीं देना होता था.
आईआरसीटीसी ने आरटीआई में बताया कि, वह सिर्फ बुकिंग के दौरान लोगों के पते का रिकॉर्ड रख रहा है लेकिन कोविड से जुड़ी कोई ट्रेसिंग नहीं की गई है. साथ ही अभी तक यह डाटा किसी भी विभाग या मंत्रालय के साथ साझा नहीं किया गया है.
मालूम हो कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का संचालन लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किया. लेकिन रेलवे ने चालाकी करते हुए पहले से चल रही ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बना दिया. जिसके कारण किराए में डेढ़ गुना या दोगुना की बढ़ोतरी हो गई. ऐसा करके रेलवे ने कमाई का भी साधन बना लिया.
हैरानी की बात है कि यह वहीं ट्रेनें हैं जिसमें लोग कोविड से पहले कम पैसों पर यात्रा करते थे. वहीं इससे पहले श्रमिकों के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन के किराए को लेकर भी रेलवे की तब फजीहत हुई थी जब रेलवे ने एक पत्र लिखकर राज्य सरकारों से कहा था कि वह यात्रियों से टिकट का पैसा लेकर हमें दे.
इस पर विवाद बढ़ने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि, श्रमिकों को उनको गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन के टिकट का किराया 85 प्रतिशत रेलवे और 15 प्रतिशत राज्य सरकार देगी.
आईआरसीटीसी ने आरटीआई में बताया कि उन्होंने अभी तक 31 करोड़ के अधिक रेलवे टिकट बनाए हैं, जिसमें यात्रियों से उनके गंतव्य का पता लिया गया है. इन पतों का रिकॉर्ड सिर्फ आईआरसीटीसी रख रही है, इसका आगे क्या उपयोग होगा उसको लेकर रेलवे मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं है.
इससे संबंधित कुछ सवाल हमने रेलवे मंत्रालय को भेजे हैं, जवाब आने पर इस रिपोर्ट में जोड़ दिया जाएगा.
Also Read: कोयला संकट: क्या बिजली गुल होने वाली है?
Also Read
-
Presenting NewsAble: The Newslaundry website and app are now accessible
-
In Baramati, Ajit and Sunetra’s ‘double engine growth’ vs sympathy for saheb and Supriya
-
A massive ‘sex abuse’ case hits a general election, but primetime doesn’t see it as news
-
Mandate 2024, Ep 2: BJP’s ‘parivaarvaad’ paradox, and the dynasties holding its fort
-
Know Your Turncoats, Part 9: A total of 12 turncoats in Phase 3, hot seat in MP’s Guna