Khabar Baazi

सिद्दीकी कप्पन ने मुसलमानों को भड़काया: यूपी एसटीएफ चार्जशीट

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन मामले में दाखिल चार्जशीट कहा है कि, कप्पन एक जिम्मेदार पत्रकार की तरह नहीं लिखते, वह केवल मुसलमानों को भड़काने का काम करते हैं.

5,000 पन्नों की चार्जशीट में 36 आर्टिकल्स भी हैं जो सिद्दीकी कप्पन ने मलयालम मीडिया हाउस के लिए लिखे थे. ये आर्टिकल्स कोविड के दौरान निजामुद्दीन मरकज की सभा पर, सीएए विरोध-विरोध प्रदर्शन, पूर्वोत्तर में हुए दिल्ली दंगे, अयोध्या में राम मंदिर और देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट पर थे.

पुलिस के मुताबिक, सिद्दीकी कप्पन के इन लेखों को, काफी हद तक, सांप्रदायिक रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. दंगों के दौरान अल्पसंख्यकों का नाम लेना और उनसे जुड़ी घटनाओं के बारे में बात करना भावनाओं को भड़का सकता है. जिम्मेदार पत्रकार ऐसी सांप्रदायिक रिपोर्टिंग नहीं करते हैं.

कप्पन केवल और केवल मुसलमानों को उकसाने की रिपोर्ट करते हैं, जो कि पीएफआई का एक छिपा हुआ एजेंडा है. कुछ कहानियां माओवादियों और कम्युनिस्टों के प्रति सहानुभूति रखने के लिए लिखी गई थीं.

बता दें कि 5 अक्टूबर 2020 को हाथरस मामले की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य को मथुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सिद्दीकी उस समय दलित लड़की के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जिले में स्थित उसके गांव जा रहे थे.

मथुरा की स्थानीय कोर्ट ने जून महीने में सुनवाई करते हुए सिद्दीकी औत तीन अन्य लोगों के खिलाफ लगे शांति भंग करने के आरोपों को खारिज कर दिया था.

इससे पहले कप्पन को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था.

Also Read: अतिक्रमण हटाने के दौरान की गई पुलिसिया बर्बरता पर असम मीडिया का एकतरफा रुख

Also Read: झांसी: डीएम द्वारा पत्रकार को नौकरी से निकलवाने का क्या है पूरा मामला?