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शामली: क्या है समीर की हत्या का सच, आपसी झगड़ा या मॉब लिंचिंग?

9 सितंबर की शाम को उत्तर प्रदेश के शामली में 22 वर्षीय युवक समीर चौधरी की तकरीबन आठ लड़कों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. मैकेनिक का काम करने वाले समीर शामली के बनत कस्बे में रहते थे. वह अपने परिवार में कमाने वाले इकलौते थे. आरोप है कि दूसरे समुदाय के लड़कों ने समीर के साथ बस स्टैंड पर घेराव कर मारपीट की. इस दौरान उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें शामली के सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया. जहां से उन्हें मुजफ्फरनगर के लिए रेफर कर दिया गया, और इस बीच उनकी रास्ते में ही मौत हो गई.

समीर के परिजनों का कहना है कि उन्हें मुस्लिम होने के कारण मारा गया है और उनकी मॉब लिंचिंग हुई है. वहीं पुलिस का कहना है कि दोनों पक्ष पहले से ही एक दूसरे को जानते थे और आपसी झगड़े में समीर की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302, 147 और 148 में मुकदमा दर्ज किया है. आरोपियों में वतनराज, वरदान, अक्षय, राज, आशीष, लक्की, आयुस राणा उर्फ चिंटू और भोन्दा शामिल हैं.

क्या कहते हैं समीर के परिजन

समीर के बड़े ताऊ, आदिल

समीर के घर पर हमारी मुलाकात उनके बड़े ताऊ आदिल से हुई. घटना के बाद उन्होंने ही थाना बनत, आदर्श मंडी शामली में एफआईआर दर्ज कराई थी. वह कहते हैं, “समीर को जिन लड़कों ने मारा है उन लड़कों से उसकी पहले से कोई जान पहचान नहीं थी और ना ही कोई पुराना विवाद था. समीर को उसकी मुस्लिम पहचान के कारण मारा गया है.”

आदर्श मंडी थाने में दर्ज एफआईआर में लिखा है कि सभी आरोपी समीर से पहले से ही किसी बात को लेकर रंजिश रखते थे. इस पर आदिल कहते हैं कि वो पढ़े लिखे नहीं हैं, इसी वजह से पुलिस के अधिकारियों ने अपने मुताबिक एफआईआर में घटना का विवरण लिखा है.

घटना के वक्त समीर के साथ थे हारिस और अयान

समीर के चचेरे भाई , हारिस (बाएं) और अयान (दाएं)

इसके बाद हमने समीर के चचेरे भाई, हारिस और अयान से मुलाकात की. यह दोनों हमले के वक्त समीर के साथ थे और किसी तरह अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब रहे. हारिस बताते हैं, “आठ लड़कों ने उन पर पीछे की तरफ से हमला किया और फिर समीर को घेर लिया. वो सभी समीर को उठाते और सर के बल सड़क पर पटकते थे. उसे लात घूंसों के साथ-साथ लाठी-डंडों और लोहे की रोड से भी मारा था. वह गालियां दे रहे थे."

समीर और आप लोगों को क्यों मारने आए थे? इस पर अयान कहते हैं “हमें नहीं मालूम, हमारा कोई मामला उनके साथ नहीं था, बगैर किसी वजह के उन्होंने हमला किया, शायद वो मुस्लिम समझ कर मार रहे थे.”

समीर की मां, फातमा और समीर के दो छोटे भाई

हमने समीर की मां फातमा से भी बात की. अपने बेटे की मौत के गम में डूबी फातमा कहती हैं, “मेरे बेटे को लड़कों ने बेवजह ही मार डाला. मुझे जल्द से जल्द इंसाफ चाहिए. समीर अकेला ही हमारे परिवार का सहारा था.” उन्होंने यह भी कहा, "उनका परिवार पुलिस की अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं."

समीर के चचेरे भाई परवेज कहते हैं, "समीर को उसकी मुस्लिम पहचान के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी. हम पुलिस की अब तक की कार्रवाई से खुश नहीं हैं. पुलिस इस मामले की जांच में ढील बरत रही है. सारी जानकारी होने के बावजूद भी पुलिस अबतक सिर्फ दो या तीन आरोपियों को ही पकड़ पाई है.”

परवेज, समीर का चचेरा भाई

पुलिस की कार्रवाई

शामली पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव मिश्रा ने घटना के अगले ही दिन जारी एक वीडियो में कहा था कि ये मामला मॉब लिंचिंग का नहीं है, कुछ लोग ये भ्रम फैला रहें हैं. हमने सुकीर्ति माधव मिश्रा से संपर्क किया. लेकिन वो अपनी व्यस्तताओं के चलते हमसे बात नहीं कर सके. हमने मेल पर उन्हें कुछ सवाल भेजे हैं हालांकि अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने पर खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.

इस घटना पर आदर्श मंडी थाने के एसएचओ सुनील नेगी कहते हैं, “शामली पुलिस ने अभी तक इस मामले में तीन आरोपियों वतनराज, वरदान और आशीष को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की तलाश जारी है. इस मामले का हेट क्राइम या मॉब लिंचिंग से कोई संबंध नहीं हैं. समीर की हत्या आपसी रंजिश के कारण हुई है. समीर के सिर पर सिर्फ एक चोट थी. अगर भीड़ ने मारा होता तो पूरे शरीर पर और भी गंभीर चोटें होतीं.”

समीर को बेहोशी की हालत में सड़क पर छोड़ जाने के बाद समीर के पास उनके ताऊ और दोनों भाई पहुंचे थे. समीर के भाई हारिस और अयान का कहना है कि समीर को सभी लड़कों ने बुरी तरह मारा था. हारिस और अयान अस्पताल जाते वक्त समीर के साथ थे. वे कहते हैं “समीर के शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान थे. उसे तकरीबन 25-30 जगहों पर गंभीर चोटें थीं. समीर कुछ नहीं बोल पा रहा था वो बेहोश था.”

क्या कहती है समीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

समीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

समीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई बारीक जानकारियां दर्ज हैं. रिपोर्ट में मौत का कारण, कौमा और अंदरूनी चोट दर्शाया गया है. वहीं रिपोर्ट में चोटों की संख्या को लेकर कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है. लेकिन समीर के सिर पर हुए गंभीर वार से उसके कपाल की पार्श्विका अस्थि (Parietal Bone) बुरी तरह चोटिल हुई थी. इसी कारण समीर अपनी मौत से पहले कौमा में चले गए थे.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

इस हत्या के कारणों को समझने के लिए हमने कुछ स्थानीय लोगों से भी बात की. अधिकतर लोगों ने इस मामले पर अपना मत देने से मना कर दिया. एक स्थानीय शख्स ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया, “मरने वाला और मारने वाले, सभी लड़के आपस में एक-दूसरे को जानते थे. इनका पुराना कोई मामला था और उसी झगड़े में समीर की जान चली गई”

एक अन्य स्थानीय निवासी शॉर्ट फिल्में बनाने वाले विशाल, समीर और कुछ आरोपी लड़कों को पहले से जानते हैं. कहते हैं, यह मामला साफ तौर पर हेट क्राइम का है. कुछ महीनों बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं. इसके चलते यहां हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करने के लिए दूसरे समुदाय के लड़कों से एक मुस्लिम युवक की हत्या करवाई गई है.”

वह आगे कहते हैं. “5 सितंबर को हुई किसान महापंचायत में तय हुआ था कि दोनों समाज किसी भी ऐसे मुद्दे को हवा नहीं देंगे, जिससे भाईचारा बिखरने का अंदेशा हो. यही वजह है कि कई आम लोग इस मामले पर बात करने के लिए राजी नहीं होते. बनत छोटा सा कस्बा है, लड़के एक दूसरे को आपस में जानते थे, हो सकता है कोई रंजिश भी रही हो, लेकिन ये नहीं कह सकते कि उन्होंने सिर्फ रंजिश के कारण मारा है. बाकी पुलिस को व्यवस्था बनाए रखनी है इसलिए वो हेट क्राइम वाली बात को दबा रही है.”

हमने आरोपियों के परिवारों से भी बात करने की कोशिश की. हालांकि उन्होंने मीडिया से बात करने से साफ इनकार कर दिया. मामले में गिरफ्तार वतनराज के पिता सोमपाल ने भी हमसे इस बारे में कोई बात नहीं की.

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