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पेगासस मामले की जांच के लिए एडिटर्स गिल्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की जांच के लिए एक और याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका संपादकों की सबसे बड़ी संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने दाखिल की है. गिल्ड ने अपनी याचिका में एसआईटी जांच की मांग की है.

अपनी पिटीशन में गिल्ड ने केंद्र सरकार को निगरानी के लिए स्पाइवेयर तैनात करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ किए गए अनुबंधों का विवरण देने के लिए कहा गया है. साथ ही वह ब्‍यौरा भी मांगा गया है जिन लोगों के खिलाफ ऐसे स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, हैकिंग और स्पाइवेयर के उपयोग, और निगरानी के लिए मौजूदा कानूनी व्यवस्था की वैधता को भी चुनौती दी गई है.

बता दें कि सरकार पर पेगासस मामले को लेकर दवाब बढ़ता ही जा रहा है. विपक्षी पार्टियों समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी पेगासस मामले की जांच की मांग की है. बंगाल सरकार ने दो पूर्व न्यायाधीशों की एक कमेटी का गठन जांच के लिए किया है.

पेगासस मामले पर संसद ठप है. वहीं सरकार ने अभी तक जांच के लिए हामी नहीं भरी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में यह पांचवी याचिका है जो पेगासस मामले को लेकर दायर की गई है.

इससे पहले एक याचिका वकील एमएल शर्मा और सीपीएम के राज्यसभा सांसद जान ब्रिटास, वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार, परंजय गुहा ठाकुरता के साथ रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, प्रेम शंकर झा और इप्सा शताक्षी ने भी दाखिल की है.

सुप्रीम कोर्ट में अब इन सब याचिकाओं पर सुनवाई 5 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की बेंच करेगी.

गौरलतब हैं कि पेगासस एक इजरायली सॉफ्टवेयर है जिसके जरिए पूरी दुनिया के कई पत्रकार, नेता और बड़े उद्योगपतियों को निशाना बनाया गया था. भारत में भी करीब 40 पत्रकारों और कई बड़े नेताओं की जासूसी की बात सामने आई हैं.

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