Report
'किसान संसद' के 'कृषि मंत्री' ने बताया आंदोलन खत्म करने का उपाय
पिछले सात महीनों से किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर बैठे हुए हैं. ये किसान सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. अब 'किसान संसद' के साथ ही आंदोलन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. देश की संसद से करीब दो किलोमीटर दूर, जंतर मंतर पर किसान संसद बैठी है. इसमें रोज़ाना 200 किसान आते हैं और कृषि बिल पर चर्चा करते हैं. इस किसान संसद में असल संसद की तरह ही स्पीकर और मंत्रियों का चुनाव होता है जो एक- एक कर अपनी बात रखते हैं.
यहां बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के अभिमन्यु कोहाड़ कहते हैं, "जब संसद में बैठे लोग बेलगाम हो जाएं, जब सांसद किसानों और नौजवानों के खिलाफ काम करने लग जाए. उस समय जनता की यह ज़िम्मेदारी बन जाती है कि वो देश एक असली संसद सड़क पर लगाएं. इसलिए आज किसान सड़क पर 'किसान संसद' लगा रहे हैं. आने वाले समय में यह इतिहास में सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश को बचाने के लिए किसानों ने इतना लम्बा संघर्ष किया था.
यहां देखें पूरा वीडियो-
Also Read
-
Killing of Pahalgam attackers: Face-saver for Modi govt, unanswered questions for nation
-
Operation Sindoor debate: Credit for Modi, blame for Nehru
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
Trump’s tariff bullying: Why India must stand its ground