Saransh
सारांश: सेंट्रल विस्टा के निर्माण में हो रही गड़बड़ियां
दिल्ली के दिल में सेंट्रल विस्टा का निर्माण विवाद की वजह बन गया है. लोग इसके खिलाफ और समर्थक पालों में बंट गए हैं. 31 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को रद्द कर दिया.
बता दें कि इस समय दिल्ली के दिल यानी इंडिया गेट के आसपास बड़े स्तर पर निर्माण कार्य जारी है. यहां भारत का नया संसद भवन, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति का आवास और साथ ही तमाम सरकारी भवनों का नए सिरे से निर्माण की योजना है. इसके लिए कुछ पुराने भवनों को तोड़ा भी जाएगा.
पुराने भवनों को तोड़े जाने को लेकर एक तबके में भारी नाराजगी है. वहीं सरकार की इस परियोजना में दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि कोरोना की दूसरी लहर के भयानक समय में भी इसका कामकाज नहीं रोका गया बल्कि इसे एसेंशियल यानी अति आवश्यक सेवा की श्रेणी में डाल दिया गया.
विवादों को देखते हुए सरकार की तरफ से एक बोर्ड लगवा दिया गया, जिस पर लिखा है- “यहां तस्वीरें खींचना मना है.” जाहिर है सरकार नहीं चाहती कि सेंट्रल विस्टा की गतिविधियों पर मीडिया की नज़र पड़े.
वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है लेकिन इस योजना से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो गैर कानूनी हैं, नियम-कायदों का उल्लंघन हैं. सारांश के इस एपिसोड में आप इन सभी गड़बड़ियों को जानिए.
अपडेट: दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है.
Also Read
-
Rajiv Pratap Rudy on PM’s claims on ‘infiltrators’, ‘vote-chori’, Nishikant Dubey’s ‘arrogance’
-
Unchecked hate speech: From Kerala's right wing X Spaces to YouTube’s Hindutva pop
-
UP court orders complaint case against Anjana Om Kashyap over Partition show
-
The meeting that never happened: Farewell Sankarshan Thakur
-
Bulk SMS request for Maharashtra ‘vote theft’ film turned down, Cong points to ‘bid to suppress’