Newslaundry Hindi
गुजरात: रेमडेसिविर दवा की कमी पर सीएम ने दिया ऐसा जवाब कि अखबार ने छापा प्रदेश अध्यक्ष का नंबर
पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने सभी को डरा दिया है. केंद्र सरकार से लेकर सभी राज्य सरकारें लॉकडाउन लगाने पर फिर से विचार कर रही हैं, इस बीच कोरोना के इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी हर राज्य में होने लगी है.
इसके चलते लोग गुजरात में सरकार से सवाल पूछ रहे हैं लेकिन सरकार इसका जवाब देने से बच रही है. इस बीच गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इंजेक्शन की कमी पर एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी पूरे राज्य में 5 हजार रेमडेसिवीर इंजेक्शन फ्री में उपलब्ध कराएगी.
सीआर पाटिल के इस दावे के बाद से पूरे प्रदेश में राज्य सरकार पर सवाल उठना शुरू हो गया है. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि राज्य में नियम है कि डॉक्टर के कहने पर ज्यादा से ज्यादा 6 इंजेक्शन एक व्यक्ति को दिए जा सकते हैं, ऐसे में फिर प्रदेश अध्यक्ष के पास 5 हजार इंजेक्शन कहां से आ गए.
सीआर पाटिल ने इंजेक्शन उपलब्ध कराने का वादा करने के बाद शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में इंजेक्शन से जुड़े किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. इसके बाद यही सवाल सीएम विजय रूपाणी से भी पूछा गया इस पर उन्होंने कहा कि “मुझे नहीं पता, आप पाटिल से पूछो.”
मुख्यमंत्री के इस जवाब के बाद राज्य के प्रमुख अखबार दिव्य भास्कर ने एक अनोखे तरह से इस खबर को पहले पन्ने पर प्रकाशित किया. अखबार ने लिखा, “9824127694 - यह सीआर पाटिल का नंबर है.. जिन लोगों को इंजेक्शन चाहिए वह पाटिल को कॉल कर लें और इंजेक्शन ले लें… क्योंकि सीएम रुपाणी ने इंजेक्शन के सवाल पर कहा है कि सीआर पाटिल से पूछो.”
अखबार ने आगे लिखा, “जब आम जनता घंटो लाइन में खड़े होकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए इंतजार करती है लेकिन फिर भी उसे दवा नहीं मिलती, तो फिर कैसे सीआर पाटिल को 5000 इंजेक्शन मिले. सरकार को जवाब देना चाहिए.”
अखबार ने विशेष टिप्पणी के साथ एक अलग कॉलम में सरकार पर इंजेक्शन उपलब्ध ना कराने को लेकर कई सवाल पूछे हैं. लेखक ने लिखा, “यह ड्रामा काफी डरावना है.” पाटिल अपने जिस “दोस्त” के हवाले से यह इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की बात कर रहे हैं, सवाल है कि 50 लाख रुपए की कीमत वाले इस इंजेक्शन को उपलब्ध कराने के बदले पार्टी या सरकार उस “दोस्त” की किस तरह मदद करेगी.”
इस बीच दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से कड़े सवाल किए. कोर्ट ने पूछा कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए प्रयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन इतनी अधिक कीमत पर क्यों बेचे जा रहे हैं. जब (सरकार) कह रही है कि मरीजों के लिए पर्याप्त बेड और ऑक्सीजन मौजूद है तो लोग लाइनों में क्यों लगे हुए हैं. बता दें कि हाईकोर्ट में यह सुनवाई एक जनहित याचिका पर हो रही है.
Also Read
-
TV Newsance 310: Who let the dogs out on primetime news?
-
If your food is policed, housing denied, identity questioned, is it freedom?
-
The swagger’s gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream
-
Inside Dharali’s disaster zone: The full story of destruction, ‘100 missing’, and official apathy
-
August 15: The day we perform freedom and pack it away