Newslaundry Hindi
सुप्रीम कोर्ट से एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट से एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण (सैट) से कहा कि वह प्रणय रॉय या एनडीटीवी को सुनवाई के लिए जुर्माने की 50 प्रतिशत रकम को जमा करने के लिए न कहे.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, सुनवाई के लिए प्रणय रॉय और राधिका रॉय से कोई राशि सख्त तरीके से वसूल नहीं की जाएगी.
तीन जजों की बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम भी शामिल रहे. एनडीटीवी ने सैट के आदेश के खिलाफ इस याचिका को दायर किया था. सैट ने कहा गया था कि एनडीटीवी के प्रमोटर को गलत तरीके से कमाई गई रकम का 50 प्रतिशत जमा करना होगा.
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह की कई याचिकाएं लंबित हैं. सभी इसी तरह की राहत की मांग करेंगे, जिस पर पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल इस मामले तक सीमित है, इसे नजीर नहीं माना जाएगा.
बता दें कि प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर शेयरों की बिक्री कर 16.97 करोड़ रुपए गलत तरीके से कमाने का आरोप है. सेबी के मुताबिक इन्होंने 17 अप्रैल 2008 को शेयर बेचे थे, जो कि इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला है. इसके 12 साल बाद नवंबर 2020 में सेबी ने एक ऑर्डर पास किया, जिसमें उसने मुनाफे की रकम को लौटाने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ एनडीटीवी प्रमोटर ने सैट में अपील की थी.
सुप्रीम कोर्ट से एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण (सैट) से कहा कि वह प्रणय रॉय या एनडीटीवी को सुनवाई के लिए जुर्माने की 50 प्रतिशत रकम को जमा करने के लिए न कहे.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, सुनवाई के लिए प्रणय रॉय और राधिका रॉय से कोई राशि सख्त तरीके से वसूल नहीं की जाएगी.
तीन जजों की बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम भी शामिल रहे. एनडीटीवी ने सैट के आदेश के खिलाफ इस याचिका को दायर किया था. सैट ने कहा गया था कि एनडीटीवी के प्रमोटर को गलत तरीके से कमाई गई रकम का 50 प्रतिशत जमा करना होगा.
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह की कई याचिकाएं लंबित हैं. सभी इसी तरह की राहत की मांग करेंगे, जिस पर पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल इस मामले तक सीमित है, इसे नजीर नहीं माना जाएगा.
बता दें कि प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर शेयरों की बिक्री कर 16.97 करोड़ रुपए गलत तरीके से कमाने का आरोप है. सेबी के मुताबिक इन्होंने 17 अप्रैल 2008 को शेयर बेचे थे, जो कि इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला है. इसके 12 साल बाद नवंबर 2020 में सेबी ने एक ऑर्डर पास किया, जिसमें उसने मुनाफे की रकम को लौटाने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ एनडीटीवी प्रमोटर ने सैट में अपील की थी.
Also Read
- 
	    
	      Delhi AQI ‘fraud’: Water sprinklers cleaning the data, not the air?
- 
	    
	      Nominations cancelled, candidate ‘missing’: Cracks in Jan Suraaj strategy or BJP ‘pressure’?
- 
	    
	      The fight to keep Indian sports journalism alive
- 
	    
	      Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
- 
	    
	      दिल्ली में एक्यूआई फर्जीवाड़ा? मॉनिटरिंग स्टेशन के पास पानी के छिड़काव से प्रदूषण घटा या आंकड़े