Newslaundry Hindi
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को मिली बीमार मां से मिलने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने आज जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन को अपनी 90 वर्षीय बीमार मां से मिलने की इजाजत दे दी है. केरल यूनियन फॉर वर्किंग जर्नलिस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोवड़े की बैंच ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट के आदेश के बाद कप्पन पांच दिन के लिए अपनी मां से मिलने केरल जा सकेंगे.
कोर्ट ने इस दौरान कप्पन को अपने संबंधियों के अलावा किसी से भी मिलने से मना किया है. कप्पन किसी भी मीडिया हाउस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी कोई इंटरव्यू नहीं दे सकेंगे. सुनवाई के दौरान सिद्दीक के वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में मौजूद रहे.
गौरतलब है कि हाथरस मामले की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन और तीन अन्य को मथुरा पुलिस ने पांच अक्तूबर को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था, जब वे दलित लड़की के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जिले में स्थित उसके गांव जा रहे थे.
बता दें कि हाथरस में एक दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और बाद में उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद इस मामले ने दुनिया भर में तूल पकड़ लिया था. तब पत्रकार कम्पन की गिरफ्तारी की काफी कड़ी आलोचना हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आज जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन को अपनी 90 वर्षीय बीमार मां से मिलने की इजाजत दे दी है. केरल यूनियन फॉर वर्किंग जर्नलिस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोवड़े की बैंच ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट के आदेश के बाद कप्पन पांच दिन के लिए अपनी मां से मिलने केरल जा सकेंगे.
कोर्ट ने इस दौरान कप्पन को अपने संबंधियों के अलावा किसी से भी मिलने से मना किया है. कप्पन किसी भी मीडिया हाउस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी कोई इंटरव्यू नहीं दे सकेंगे. सुनवाई के दौरान सिद्दीक के वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में मौजूद रहे.
गौरतलब है कि हाथरस मामले की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन और तीन अन्य को मथुरा पुलिस ने पांच अक्तूबर को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था, जब वे दलित लड़की के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जिले में स्थित उसके गांव जा रहे थे.
बता दें कि हाथरस में एक दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और बाद में उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद इस मामले ने दुनिया भर में तूल पकड़ लिया था. तब पत्रकार कम्पन की गिरफ्तारी की काफी कड़ी आलोचना हुई थी.
Also Read
-
The polarisation of America: Israel, media and campus protests
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
Mandate 2024, Special Ep: The 4 big distortions in the PM’s ‘infiltrator’ speech
-
एनएल चर्चा 316: पीएम की ‘हेट स्पीच’, इलेक्शन कमीशन की ‘चुप्पी’ और सूरत का ‘फिक्स’ चुनाव
-
Hafta 482: JDS-BJP in Karnataka, inheritance tax debate, issues with PMLA