Newslaundry Hindi
सात प्रमुख अखबारों ने अपने स्टेकहोल्डर्स को लिखा पत्र
कोविड-19 के बाद जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है वैसे ही मीडिया इंडस्ट्री पर से भी संकट के बादल हटने शुरू हो गए हैं. इससे भारतीय अखबारों की ग्रोथ भी बढ़ रही है. जो कोविड के बाद बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी. इसकी पुष्टि देश के सात बड़े अखबारों ने अपने स्टॉकहोल्डरों को लिखे एक पत्र में की है.
पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 से पहले की तुलना में अखबारों का सर्कुलेशन 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है. साथ ही 80 प्रतिशत से ज्यादा एडवरटाइजिंग रिकवरी भी हो चुकी है. पत्र में हिंदी के सबसे बड़े अखबार दैनिक जागरण के शैलेश गुप्ता के अलावा अमर उजाला, इनाडु ग्रुप, हिन्दुस्तान, साक्षी, दैनिक भास्कर के गिरीश अग्रवाल, और ‘मलयाला मनोरमा’ के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं.
पत्र के अंत में लिखा गया है कि हम अपने पाठकों को विश्वसनीय खबरों की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही अपने विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक अच्छा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कोविड-19 के बाद अखबारों को लेकर कुछ अफवाहें भी फैल गई थीं कि इससे कोविड-19 फैल सकता है. जिससे लोगों ने बड़ी संख्या में अखबार मंगाने बंद कर दिए थे, जिससे मीडिया इंडस्ट्री में अखबारों और छोटे संस्थानों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी थी.
कोविड-19 के बाद जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है वैसे ही मीडिया इंडस्ट्री पर से भी संकट के बादल हटने शुरू हो गए हैं. इससे भारतीय अखबारों की ग्रोथ भी बढ़ रही है. जो कोविड के बाद बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी. इसकी पुष्टि देश के सात बड़े अखबारों ने अपने स्टॉकहोल्डरों को लिखे एक पत्र में की है.
पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 से पहले की तुलना में अखबारों का सर्कुलेशन 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है. साथ ही 80 प्रतिशत से ज्यादा एडवरटाइजिंग रिकवरी भी हो चुकी है. पत्र में हिंदी के सबसे बड़े अखबार दैनिक जागरण के शैलेश गुप्ता के अलावा अमर उजाला, इनाडु ग्रुप, हिन्दुस्तान, साक्षी, दैनिक भास्कर के गिरीश अग्रवाल, और ‘मलयाला मनोरमा’ के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं.
पत्र के अंत में लिखा गया है कि हम अपने पाठकों को विश्वसनीय खबरों की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही अपने विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक अच्छा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कोविड-19 के बाद अखबारों को लेकर कुछ अफवाहें भी फैल गई थीं कि इससे कोविड-19 फैल सकता है. जिससे लोगों ने बड़ी संख्या में अखबार मंगाने बंद कर दिए थे, जिससे मीडिया इंडस्ट्री में अखबारों और छोटे संस्थानों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी थी.
Also Read
-
TV Newsance 307: Dhexit Dhamaka, Modiji’s monologue and the murder no one covered
-
Hype vs honesty: Why India’s real estate story is only half told – but fully sold
-
2006 Mumbai blasts: MCOCA approval was based on ‘oral info’, ‘non-application of mind’
-
South Central 37: VS Achuthanandan’s legacy and gag orders in the Dharmasthala case
-
The Himesh Reshammiya nostalgia origin story: From guilty pleasure to guiltless memes