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मनदीप पुनिया की जुबानी: यातना, भय और असमंजस की रात

30 जनवरी की शाम सिंघु बॉर्डर से पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए पत्रकार मनदीप पुनिया को रोहिणी कोर्ट से जमानत मिल गई है. 3 फरवरी को तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद मनदीप ने पहली बार अपने साथ हुई घटना और पुलिस की ज्यादतियों के बारे में न्यूज़लॉन्ड्री से विस्तार से बातचीत की है.

पुलिस ने उन्हें कहां रखा, क्यों उनके परिवार और दोस्तों को उनकी जानकारी नहीं दी गई, कब पहली बार पत्नी से मनदीप की बात हुई, इस दौरान पुलिस ने उनके साथ कितना बुरा सलूक किया यह सब इस साक्षात्कार में आपके सामने आएगा.

इतना ही नहीं पुलिस के अमानवीय रवैए के बावजूद अपने काम और जज्बे को कायम रखते हुए मनदीप पूनिया ने जेल में बंद उन तमाम किसानों की कहानी अपने शरीर पर दर्ज की जिन्हें पुलिस ने हिंसा के आरोप में जेल में डाल रखा है. पूरी बातचीत के लिए यह साझात्कार देखिए.

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पुलिस ने उन्हें कहां रखा, क्यों उनके परिवार और दोस्तों को उनकी जानकारी नहीं दी गई, कब पहली बार पत्नी से मनदीप की बात हुई, इस दौरान पुलिस ने उनके साथ कितना बुरा सलूक किया यह सब इस साक्षात्कार में आपके सामने आएगा.

इतना ही नहीं पुलिस के अमानवीय रवैए के बावजूद अपने काम और जज्बे को कायम रखते हुए मनदीप पूनिया ने जेल में बंद उन तमाम किसानों की कहानी अपने शरीर पर दर्ज की जिन्हें पुलिस ने हिंसा के आरोप में जेल में डाल रखा है. पूरी बातचीत के लिए यह साझात्कार देखिए.

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