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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की पत्रकार मनदीप पुनिया की रिहाई की मांग

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है.

संपादको की इस शीर्ष संस्था ने बयान जारी कर कहा, ”किसान आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जेल भेजने की कार्रवाई को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया चिंता का विषय मानती है.”

जारी बयान में आगे लिखा गया हैं, पूनिया की गिरफ्तारी आज़ाद, हिम्मतवर आवाज़ों को दबाने की कोशिश है, वो युवा जो अपनी रिपोर्टिंग के जरिए फ़ेक न्यूज़ का खुलासा कर ताकतवर के सामने सच बोलने की कोशिश कर रहा था.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया मनदीप पुनिया की तत्काल रिहाई की मांग करता है और दिल्ली पुलिस से अपेक्षा करता है कि वह मीडिया के लिए ऐसा माहौल निर्मित करे जहां बिना किसी भय या पक्षपात के पत्रकारिता की जा सके.

बता दें कि इससे पहले मनदीप की गिरफ्तारी का विरोध रविवार को दिल्ली पुलिस के हेडक्वार्टर के सामने किया गया था. जहां तमाम संस्थानों के पत्रकारों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर नारेबाज़ी की और पुलिस से मांग की कि वह पत्रकार को रिहा करें.

पत्रकारों ने इस दौरान पैदल मार्च भी किया.

Also Read: कल्पनाओं से भरी हुई है पत्रकार मनदीप पुनिया पर दर्ज हुई दिल्ली पुलिस की एफआईआर

Also Read: मनदीप पुनिया पर मारपीट और हिंसा का आरोप, पुलिस ने पत्रकार भी मानने से किया इंकार

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है.

संपादको की इस शीर्ष संस्था ने बयान जारी कर कहा, ”किसान आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जेल भेजने की कार्रवाई को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया चिंता का विषय मानती है.”

जारी बयान में आगे लिखा गया हैं, पूनिया की गिरफ्तारी आज़ाद, हिम्मतवर आवाज़ों को दबाने की कोशिश है, वो युवा जो अपनी रिपोर्टिंग के जरिए फ़ेक न्यूज़ का खुलासा कर ताकतवर के सामने सच बोलने की कोशिश कर रहा था.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया मनदीप पुनिया की तत्काल रिहाई की मांग करता है और दिल्ली पुलिस से अपेक्षा करता है कि वह मीडिया के लिए ऐसा माहौल निर्मित करे जहां बिना किसी भय या पक्षपात के पत्रकारिता की जा सके.

बता दें कि इससे पहले मनदीप की गिरफ्तारी का विरोध रविवार को दिल्ली पुलिस के हेडक्वार्टर के सामने किया गया था. जहां तमाम संस्थानों के पत्रकारों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर नारेबाज़ी की और पुलिस से मांग की कि वह पत्रकार को रिहा करें.

पत्रकारों ने इस दौरान पैदल मार्च भी किया.

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