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हावर्ड यूनिवर्सिटी में नौकरी के नाम पर पत्रकार निधि राजदान के साथ हुई धोखाधड़ी

वरिष्ठ महिला पत्रकार निधि राजदान ने अपने साथ हुए ऑनलाइन फिशिंग (धोखाधड़ी) को ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने कहा कि- “उन्हें हावर्ड में असिसटेंट प्रोफेसर की मिली नौकरी फर्जी थी.”

उन्होंने ट्विटर पर लिखा- “21 साल एनडीटीवी में नौकरी के बाद जब मुझे हावर्ड में पढ़ाने की नौकरी मिली तो मैने यहां जॉब छोड़ी. मुझे वहां सितंबर के शुरुआत में ज्वाइन करना था लेकिन बताया गया कि कोरोना महामारी की वजह से आपकी क्लासेस जनवरी 2021 में चालू होंगी. इसके बाद उन्होंने जनवरी में जाने की तैयारी कर ली और यूनिवर्सिटी से स्पष्ट रूप से क्लासेस की जानकारी मांगी तो पता चला कि यह सब झूठ है. यूनिवर्सिटी ने कहा उन्होंने ऐसी कोई नौकरी नहीं दी है.”

पत्रकार ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की है. उन्होने आरोप लगाया कि उनके पर्सनल डेटा को चुराकर यह धोखाधड़ी की गई साथ ही उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

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उन्होंने ट्विटर पर लिखा- “21 साल एनडीटीवी में नौकरी के बाद जब मुझे हावर्ड में पढ़ाने की नौकरी मिली तो मैने यहां जॉब छोड़ी. मुझे वहां सितंबर के शुरुआत में ज्वाइन करना था लेकिन बताया गया कि कोरोना महामारी की वजह से आपकी क्लासेस जनवरी 2021 में चालू होंगी. इसके बाद उन्होंने जनवरी में जाने की तैयारी कर ली और यूनिवर्सिटी से स्पष्ट रूप से क्लासेस की जानकारी मांगी तो पता चला कि यह सब झूठ है. यूनिवर्सिटी ने कहा उन्होंने ऐसी कोई नौकरी नहीं दी है.”

पत्रकार ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की है. उन्होने आरोप लगाया कि उनके पर्सनल डेटा को चुराकर यह धोखाधड़ी की गई साथ ही उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

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