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एडिटर्स गिल्ड ने कानूनी सलाहकार पैनल किया नियुक्त
‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने एक कानूनी सलाहकार पैनल नियुक्त किया है. यह पैनल प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर गिल्ड को सलाह मशविरा देगा और इसके साथ मिलकर काम करेगा. इस बारे में 25 नवंबर को गिल्ड की ओर से एक बयान भी जारी किया है.
बयान में कहा गया है, “यह कानूनी पैनल सिविल और आपराधिक कानूनों के मामलों में गिल्ड की मदद करेगा.” इस पैनल में कुल सात लोगों को शामिल किया गया है. जिसमें सबसे चौंकाने वाला नाम कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का है. इसके अलावा पैनल में श्याम दीवान, राजीव नायर, संजय हेगड़े, मेनका गुरुस्वामी, प्रशांत कुमार और शाहरुख आलम को शामिल किया गया है.
बयान में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में इस पैनल का विस्तार किया जाएगा और इसमें विभिन्न राज्यों से ऐसे कानूनी सलाहकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया से संबंधित मुद्दों पर काम किया है. गौरतलब है कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया देश के संपादकों की संस्था है जो देश में प्रेस से संबंधित मुद्दों और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ प्रेस की आजादी को सुनिश्चित कराने का कार्य करती है.
‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने एक कानूनी सलाहकार पैनल नियुक्त किया है. यह पैनल प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर गिल्ड को सलाह मशविरा देगा और इसके साथ मिलकर काम करेगा. इस बारे में 25 नवंबर को गिल्ड की ओर से एक बयान भी जारी किया है.
बयान में कहा गया है, “यह कानूनी पैनल सिविल और आपराधिक कानूनों के मामलों में गिल्ड की मदद करेगा.” इस पैनल में कुल सात लोगों को शामिल किया गया है. जिसमें सबसे चौंकाने वाला नाम कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का है. इसके अलावा पैनल में श्याम दीवान, राजीव नायर, संजय हेगड़े, मेनका गुरुस्वामी, प्रशांत कुमार और शाहरुख आलम को शामिल किया गया है.
बयान में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में इस पैनल का विस्तार किया जाएगा और इसमें विभिन्न राज्यों से ऐसे कानूनी सलाहकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया से संबंधित मुद्दों पर काम किया है. गौरतलब है कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया देश के संपादकों की संस्था है जो देश में प्रेस से संबंधित मुद्दों और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ प्रेस की आजादी को सुनिश्चित कराने का कार्य करती है.
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