Newslaundry Hindi
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली पत्रकार की लाश
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में संदिग्ध परिस्थितियों में एक दैनिक हिंदी अखबार में काम करने वाले पत्रकार सूरज पांडेय का शव रेलवे लाइन पर पड़ा मिला.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 22 वर्षीय पत्रकार सूरज की लाश गुरुवार को रेलवे ट्रैक पर मिली. मृतक पत्रकार की मां ने एक महिला एसआई और सिपाही पर हत्या, आपराधिक षड्यंत्र रचने और धमकाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है.
सीओ सिटी गौरव त्रिपाठी ने बताया, पत्रकार की मां के बयान के आधार पर पुलिस ने महिला एसआई सुनीता चौरसिया व सिपाही अमर सिंह के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि, इन दोनों ने गुरुवार को सूरज की हत्या कर शव सदर कोतवाली इलाके के रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था. मृतक पत्रकार की मां ने शिकायत में आगे कहा, एसआई सुनीता चौरसिया और सूरज दोस्त थे और इस वजह से 11 नवंबर को कांस्टेबल ने उन्हें फोन पर धमकी दी थी. घर से निकलने से पहले उसने फोन पर बात की थी.
लेकिन घर से जाने के बाद से उसकी कोई खबर नहीं मिली और अब उसकी लाश रेलवे ट्रैक पर मिली. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही हैं लेकिन सवाल यह है कि खुद पुलिस विभाग के कर्मी इसमें आरोपी हैं, ऐसे में क्या पत्रकार की मौत की निष्पक्ष जांच संभव है?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में संदिग्ध परिस्थितियों में एक दैनिक हिंदी अखबार में काम करने वाले पत्रकार सूरज पांडेय का शव रेलवे लाइन पर पड़ा मिला.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 22 वर्षीय पत्रकार सूरज की लाश गुरुवार को रेलवे ट्रैक पर मिली. मृतक पत्रकार की मां ने एक महिला एसआई और सिपाही पर हत्या, आपराधिक षड्यंत्र रचने और धमकाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है.
सीओ सिटी गौरव त्रिपाठी ने बताया, पत्रकार की मां के बयान के आधार पर पुलिस ने महिला एसआई सुनीता चौरसिया व सिपाही अमर सिंह के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि, इन दोनों ने गुरुवार को सूरज की हत्या कर शव सदर कोतवाली इलाके के रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था. मृतक पत्रकार की मां ने शिकायत में आगे कहा, एसआई सुनीता चौरसिया और सूरज दोस्त थे और इस वजह से 11 नवंबर को कांस्टेबल ने उन्हें फोन पर धमकी दी थी. घर से निकलने से पहले उसने फोन पर बात की थी.
लेकिन घर से जाने के बाद से उसकी कोई खबर नहीं मिली और अब उसकी लाश रेलवे ट्रैक पर मिली. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही हैं लेकिन सवाल यह है कि खुद पुलिस विभाग के कर्मी इसमें आरोपी हैं, ऐसे में क्या पत्रकार की मौत की निष्पक्ष जांच संभव है?
Also Read
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project