Newslaundry Hindi
पीएम किसान सम्मान निधि से वंचित रह गए यूपी के 14 लाख किसान
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की छठवीं किस्त 01 अगस्त, 2020 से किसानों के बैंक खातों में पहुंचना शुरू हो जाएगी और यह नवंबर तक जारी रहेगी. सरकार का दावा है कि इस बार सबसे ज्यादा किसानों की संख्या इस योजना का लाभ लेगी. देश में कुल 102,201,966 किसानों का पंजीकरण इस योजना के तहत हुआ है, जिनके बैंक खातों में 2 हजार रुपए की किस्त सीधे पहुंचनी है. लेकिन उत्तर प्रदेश में करीब 12 लाख से 14 लाख ऐसे पात्र किसान हैं जो मैपिंग और अन्य त्रुटियों के कारण योजना की पहली किस्त भी नहीं ले पाएंगे. योजना से वंचित रहने वाली यह संख्या और बड़ी हो सकती है.
यूपी में श्रावस्ती जिले के रामसमुझ भागो ने 5 मार्च, 2019 को अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था. उनका आधार नंबर, खाते की जानकारी आदि सही है लेकिन उन्हें अभी तक पहली किस्त भी नहीं मिल पाई है. योजना के तहत उनके पेमेंट की स्थिति दर्शाती है कि उनकी पहली किस्त जिले के कहने पर रोक दी गई है. रामसमुझ भागो प्रवासी मजदूर हैं और कोरोना के कारण इन दिनों गांव में हैं और बेरोजगार हैं.
कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन ने किसान-मजदूरों की कमर तोड़ दी. रोजगार खत्म हुए और वे सड़कों के बंजारे बन गए. वहीं, किसानों को साल में छह हजार रुपये देने की गूंज बहुत तेज हुई लेकिन अब भी सबसे हाशिए पर खड़े किसान योजना की लापरवाही के शिकार हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 जून, 2020 को सभी जिलाधिकारियों को एक आदेश जारी कर कहा कि बड़ी संख्या में गांव की मैपिंग और अन्य त्रुटियों के कारण लाभार्थियों के संशोधन रुके हुए हैं और कोई ऐसा प्रोटोकॉल नहीं है जिससे यह तय समय में पूरा किया जा सके. ऐसे में संशोधन में देरी हो सकती है इसलिए सभी जिलाधिकारी तहसील को दिशा-निर्देश देकर लेखपाल से संबंधित किसानों की जानकारी जुटाकर सही कराएं. इस आदेश में एक विशेष त्रुटि को ठीक करने पर भी जोर दिया गया है. दरअसल किसान लाभार्थियों की जानकारी दर्ज करते समय कई त्रुटियां हुई थीं.
खासतौर से खाता संख्या, आधार संख्या जैसी गलतियां सामान्य थीं, लेकिन गांव के तहसील का बदल जाना या किसी तहसील में किसी दूसरे गांव की मैपिंग का हो जाना आम गड़बड़ी के रूप में सामने आया है. इसकी वजह से कोई किसान यदि दूसरे गांव का है और उसकी मैपिंग दूसरे गांव में है तो वहां का राजस्व विभागकर्मी सत्यापन में उसकी मदद नहीं करता.उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश में इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे मामले भी संज्ञान में आए हैं कि किसानों के गांव ही दूसरी तहसील में दर्ज हो गए हैं. या गांव का माजरा किसी दूसरे गांव में दर्ज हो गया है. ऐसी स्थिति में दोनों गांव से संबंधित लेखपाल लाभार्थी का संयुक्त तौर पर सत्यापन करें और संशोधन के लिए इसे कृषि मंत्रालय को भिजवाएं.
जमीन पर स्थिति यह है कि इस विशेष त्रुटि को ठीक करने वाले आदेश की जानकारी जिलाधिकारी और तहसील को ही नहीं है. डाउन टू अर्थ ने गाजीपुर के जिलाधिकारी से संपर्क किया. उन्होंने इस तरह के आदेश की जानकारी होने से इनकार किया और कृषि अधिकारी से बात करने के लिए कहा. गाजीपुर जिले के कृषि अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि में गांव, मजरा या तहसील बदल जाने वाली गलती के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. न ही उन्हें लाभार्थियों के संशोधन को लेकर ताजा स्थिति की कोई जानकारी है.उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि विभाग के मुख्य अपर सचिव देवेश चतुर्वेदी से डाउन टू अर्थ ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि एक दिसंबर, 2019 को पीएम किसान सम्मान निधि की समीक्षा की गई थी. उस दौरान 65 से 70 लाख लाभार्थी किसानों के फॉर्म या पंजीकरण में त्रुटियां थीं.
लेकिन अब यह घटकर करीब 14 लाख तक बची हैं. उन्होंने बताया कि कुछ मामले तहसील, गांव और मजरे की मैपिंग के त्रुटियों के थे लेकिन ऐसे मामले कितने हैं यह नहीं बताया जा सकता. ऐसे मामलों को ठीक करने के लिए आदेश दिया गया है. कोरोना के कारण इस काम में सुस्ती थी.वहीं तहसील स्तर पर क्या चल रहा है, यह जानने के लिए डाउन टू अर्थ ने श्रावस्ती के भिन्गा में नियुक्त तहसीलदार आरके पांडेय से बात की. उन्होंने बताया कि सरकार के ऐसे किसी आदेश की जानकारी उन्हें नहीं है. और न ही अभी तहसील स्तर पर ऐसा कुछ किया जा रहा है. कभी कृषि विभाग यदि किसी तरह की जानकारी मांगता है तो लेखपाल किसानों से संपर्क करके वह जानकारी मुहैया कराते हैं.
एक लेखपाल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि योजना की शुरुआत में ही जितने किसान आए जल्दीबाजी में पंजीकरण किए गए. इनमें आईएफएससी कोड और आधार संख्या की गलतियां हुईं. जिन लड़कों को यह जानकारियां दर्ज करनी थीं वह प्रोफेशनल नहीं थे, सामान्य गलतियां होती थीं. उसके बाद से दर्ज किए गए लाभार्थी इस योजना का सही से लाभ नहीं ले पाए हैं. कई फॉर्म निरस्त हुए हैं और कई लंबित रह गए.बहरहाल, उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 5 अगस्त के बाद से गांवों में कैंप लगाए जाएंगे ताकि पीएम किसान सम्मान निधि योजना से वंचित लाभार्थियों की त्रुटियों को ठीक किया जा सके.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 23,490,220 दर्ज लाभार्थी पंजीकृत हैं. इनमें 22,571,034 को पहली किस्त मिली है और 20,783,656 को दूसरी व 19,060,936 को तीसरी किस्त और 15,339,688 को चौथी किस्त मिली है. पांचवी किस्त की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत में ही यह अनुमान लगाया गया था कि इससे देश के 14.5 करोड़ किसान लाभान्वति होंगे लेकिन एक बरस बाद भी करीब 4 करोड़ किसान योजना की पहली किस्त का भी लाभ नहीं ले पाएं हैं.
Also Read: मंदी की मार पहुंची किसान के द्वार
Also Read
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back