Newslaundry Hindi
एनएल चर्चा 125: ट्रांसजेंडर कानून ड्राफ्ट और सचिन पायलट की कलाबाजी से राजस्थान में आया सियासी तूफान
एनएल चर्चा के 125वें अंक में ट्रांसजेंडर कानून 2019 को लागू करने संबंधी नियमावली पर जनता से मांगा गया सुझाव, राजस्थान में जारी राजनीति रस्साकसी के बीच सामने आया गजेंद्र सिंह शेखावत का कथित ऑडियो टेप, भारत-चीन सीमा पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का दौरा, कॉमेडियन अग्रीमा जोशवा के खिलाफ दर्ज हुआ केस और मध्यप्रदेश के गुना में किसान दंपति की पिटाई जैसे विषयों पर बातचीत हुई.
इस बार की चर्चा में पीआरएस रिसर्च की अन्या भारत राम, शार्दूल कात्यायन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस शामिल हुए. इस चर्चा का संलाचन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरूआत करते हुए अतुल ने अन्या से पूछा कि ट्रांसजेंडर कानून 2019 में संसद में पेश किया गया था अब जनता से उसके नियमों पर विचार मांगे गए है. इन नियमों में क्या-क्या खास है?
इस पर अन्या कहती हैं, “यह जो रूल्स आएं है वह अभी ड्राफ्ट है, पब्लिक इस पर चर्चा करके मंत्रालय को अपना सुझाव भेज सकती हैं 30 दिनों के अंदर. इस ड्राफ्ट में कहा गया हैं कि ‘सर्टिफ़िकेट ऑफ आइडेंटिटी’ कैसे एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति ले सकता है. ड्राफ्ट में बताया गया है कि अगर ट्रांसजेंडर व्यक्ति को नए नियमों का फायदा उठाना हैं तो उसे आइडेंनटिटी का सर्टिफ़िकेट लेना होगा. उस सर्टिफ़िकेट के लिए आप को डीएम के पास जाना होगा, वहां एक एफिडेविट देना होगा उसके बाद आप को सर्टिफ़िकेट दिया जाएगा. ड्राफ्ट में लिखे रूल में यह भी बताया गया हैं कि सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव रोकने के लिए कौन-कौन से वेलफेयर स्कीम बनाएगी.”
यहां पर मेघनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह जो सर्टिफ़िकेट लेने का बात कहीं जा रही है, उसको लेकर 2019 में भी एक विवाद हुआ था. इस बिल के मुताबिक डीएम के पास जाकर आपको सर्टिफ़िकेट लेना होगा. इस पर कई ट्रांसजेंडर कार्यकर्ताओं का कहना था कि, उन्हें फिजिकली चेक किया जाता है कि वह ट्रांसजेंडर है या नहीं, साथ ही चेंकिग करते समय अक्सर पुरुष सिपाही और डॉक्टर होते है, जिससे की यह चेंकिग हमारे लिए एक तरह से यौन उत्पीड़न की तरह होता है. तो अब इस नए रूल के मुताबिक उनकी फिजिकल चेंकिग अब नहीं होगी.
इस पर अन्या कहती हैं, “आपकी बात सही है लेकिन ‘सर्टिफ़िकेट ऑफ आइडेंनटिटी’ दो तरीकों से मिलती है पहला तो ट्रांसजेंडर व्यक्ति अपने जेंडर की पहचान खुद कर लेता है, दूसरा सेक्स चेंज सर्जरी कराने वाला व्यक्ति. यह दोनों तरीकों में पहले के मामले में तो यह है कि अगर आप ट्रांसजेंडर है तो अब बिना फिजिकल जांच के सर्टिफ़िकेट ले सकते है, लेकिन अगर आप ने सर्जरी कराया हैं तो जिस अस्पताल से आप ने सर्जरी कराया हैं वहां के सीएमओं से आप को सर्टिफ़िकेट लेना होगा.”
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए वेलफेयर स्कीम को लेकर अतुल ने अन्या से संक्षेप में पूछा, इस पर अन्या कहती है कि वेलफेयर स्कीम राज्य और केंद्र अपने हिसाब से बनाएगी. यह स्कीम मेडिकल, एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में होंगे.
अतुल ने शार्दूल को चर्चा में शामिल करते हुए पूछा, “निश्चित रूप से यह एक ऐतिहासिक कदम है. लेकिन हमारे समाज में ट्रांसजेंडर की जो स्थिति है उसे देखते हुए यह कानून किस हद तक उनकी जिंदगी को हाल फिलहाल में बदल सकता है.”
इस पर शार्दूल अपनी बात रखने के पहले अन्या से पूछते हैं कि ड्राफ्ट में लिखा गया हैं कि राज्य सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तिओं के वेलफेयर को लेकर कानून बनाएगी. लेकिन जिस तरह की सोच हमारे समाज में है क्या उसका फायदा उन व्यक्तिओं को मिल पाएंगा, जिनके लिए यह कानून लाया जा रहा है. इस पर अन्या कहती हैं कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए ज्यादातर वेलफेयर स्कीम राज्य सरकारें ही बनाएगी,क्योंकि जिस राज्य में कोई भी इस तरह की घटना होगी, वहां राज्य सरकार ही कानून बनाएगी.
अन्य विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. पूरी चर्चा सुनने के लिए यह पॉडकास्ट सुने.
न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.
अन्या भारत राम
द माइंड, एक्सप्लेन - नेटफ्लिक्स
मेघनाथ
हमारे यू्ट्यूब चैनल पर ट्रांसजेंडर बिल पर वीडियो देखे
प्लेनेट मनी का समर स्कूल पॉडकास्ट
आवर ओपिनियन आर करेक्ट पॉडकास्ट
शार्दूल कात्यायन
किन्नरों को लेकर दयानिता सिंह की किताब- माय सेल्फ मोना अहमद
अतुल चौरसिया
वॉल स्ट्रीट जर्नल पर प्रकाशित लेख - कीप योर टेंपर, व्हाइल स्टक एट होम
***
आप इन चैनलों पर भी सुन सकते हैं चर्चा: Apple Podcasts | Google Podcasts | Spotify | Castbox | Pocket Casts | TuneIn | Stitcher | SoundCloud | Breaker | Hubhopper | Overcast | JioSaavn | Podcast Addict | Headfone
Also Read
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’