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विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट के बहाने पीत पत्रकारिता का सफर
आज जिस दुनिया में हम जी रहे हैं उसकी विकास यात्रा बहुत लम्बी और रोचक रही है. पत्रकारिता, जिसे पूरी दुनिया में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मान्यता दी गई है, जिसे लोकतंत्र के सजग प्रहरी के बतौर पहचाना जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये समाज का वाचडॉग है. उस पत्रकारिता की विकास यात्रा में भी कई ऐसी ऐतिहासिक घटनायें और व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने उसके काम काज के तरीक़े और बुनियादी मूल्य तक बदल दिये. और फिर जिस तरह की नई दुनिया का उदय हुआ उसने राज्य, सरकार, समाज, बिज़नेस और राजनीति के सोचने समझने और काम करने के तरीक़ों में बहुत दूरगामी प्रभाव डाला.
हाल ही में भारतीय समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी के संस्थापक और एंकर अर्नब गोस्वामी को एक लाइव शो में साम्प्रदायिक भाषा और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के लिये अशिष्ट भाषा के उपयोग के लिये कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, उनके ख़िलाफ़ एफ़आइआर तक दर्ज हुआ और उनकी गिरफ़्तारी की मांग ज़ोर शोर से उठी. मीडिया विश्लेषकों ने लिखा कि ये पीत पत्रकारिता है जिसमें अर्नब जानबूझकर सिर्फ़ टीआरपी और सरकारी गठजोड़ के जरिए विपक्षी नेताओं पर आधारहीन और असभ्य हमले और समाज में साम्प्रदायिक ज़हर फैलाने का काम कर रहे हैं.
पीत पत्रकारिता कोई नई शब्दावली नहीं है. इसके सबसे बड़े और शायद पहले धुरंधर अमेरिका के बड़े मीडिया व्यवसायी और पब्लिशर विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट को माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि बढ़ा चढ़ाकर, तथ्यों को तोड़ मरोड़कर और आग उगलने वाली भाषा का इस्तेमाल अमेरिकी मीडिया में एक सदी पहले ही इन लोगों ने शुरू कर दिया था.
विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में अमेरिकी समाचार पत्रों की सबसे बड़ी श्रृंखला हर्स्ट कम्युनिकेशन की स्थापना और विशेष रूप से सनसनीखेज "पीत पत्रकारिता" के प्रकाशन के लिए जाने जाते हैं. बदलते युग में और नये बनते सामाजिक आर्थिक परिवेश में हर्स्ट ने अख़बारों में ख़बरों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने और उनमें मानवीय रुचि का चटखारा परोसना बखूबी शुरू किया था.
विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट, एक प्रसिद्ध अमेरिकी व्यवसायी, कई प्रसिद्ध अख़बारों और मैग्जीन्स के प्रकाशक, और राजनेता थे. अख़बारों की रिपोर्टिंग और नये नये बिज़नेस मॉडल के आधार पर येन केन प्रकारेण अख़बारों के सर्कुलेशन और उनकी पाठकीयता में ग़ज़ब की तेज़ी लाने में हर्स्ट का अप्रतिम योगदान है. पीत पत्रकारिता के उनके तेजतर्रार तरीकों ने सनसनीखेज और मानवीय रुचि की कहानियों पर जोर देकर देश के लोकप्रिय मीडिया को प्रभावित किया.
हर्स्ट एक अद्भुत मीडिया जीनियस थे जिसका प्रभाव प्रकाशन, राजनीति, हॉलीवुड, कला और संस्कृति की दुनिया और रोजमर्रा के अमेरिकी जीवन शैली तक में था. हर्स्ट की शक्ति और दृष्टि अमेरिकी इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी प्रयासों में से एक था जिसका परिणाम हर्स्ट कम्युनिकेशन के शानदार कारोबार और संरचना में देखा जा सकता है.
हर्स्ट 29 अप्रैल, 1863 को सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में जन्में. वो अपने मां-बाप की इकलौती संतान थे. हर्स्ट के पिता एक धनी और सम्पन्न व्यक्ति थे, जिन्होंने युवा विलियम को दुनिया को देखने और अनुभव करने का भरपूर अवसर दिया. संयुक्त राज्य अमेरिका में ही हर्स्ट ने 16 साल की उम्र में न्यू हैम्पशायर के कॉनकॉर्ड के सेंट पॉल प्रिपरेटरी स्कूल में दाखिला ले लिया. हर्स्ट ने हार्वर्ड में अपनी शिक्षा जारी रखी, जहां उन्होंने भविष्य के बड़े प्रकाशन टाइकून बनने के पहले संकेत दिखाए. हार्वर्ड में, उन्होंने पत्रकारिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और हार्वर्ड लैम्पून अख़बार के व्यवसाय प्रबंधक के रूप में शानदार काम किया.
शुरुआती ज़िंदगी और पेशा
विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने अमेरिका समेत लगभग पूरे यूरोपीय मीडिया जगत में लगभग डेढ़ सदी तक पत्रकारिता जगत पर प्रभुत्व जमाया था. युवा विलियम को निजी व्यवसायों, उद्यमिता और यूरोप के पर्यटन पर खूब पढ़ाया गया था. उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां से उन्हें अनुशासनहीनता के लिए निष्कासित भी किया गया था.
हार्वर्ड में रहते हुए, विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट न्यूयॉर्क वर्ल्ड समाचार पत्र और इसके पब्लिशर, जोसेफ पुलित्जर से प्रेरित थे. बाद में अमेरिका के अंदर इन्हीं दोनों के बीच मीडिया व्यापार और अख़बारों के सर्कुलेशन की बड़ी लम्बी और तीखी जंग चली थी. हर्स्ट के पिता ने अपने राजनीतिक कैरियर को बढ़ावा देने के लिए एक असफल ‘सैन फ्रांसिस्को एक्जामिनर’ अखबार को ख़रीद लिया था जिसे बाद में 1887 में विलियम को प्रकाशन चलाने का अवसर दिया गया.
हर्स्ट ने आते ही अख़बार के व्यापारिक और तकनीकी पहलुओं पर बुनियादी सुधार किये. विलियम ने अख़बार के कागज में भारी निवेश किया, उपकरणों को अपग्रेड किया और उस समय के सबसे प्रतिभाशाली लेखकों को नियुक्त किया, जिसमें मार्क ट्वेन, एम्ब्रोस बेयर्स और जैक लंदन तक शामिल थे.
संपादक के रूप में, विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने बाद में "पीत पत्रकारिता" के रूप में जानी जाने वाली रिपोर्टिंग का एक सनसनीखेज तरीका अपनाया, जिसमें बैनर सुर्खियां और अतिशयोक्तिपूर्ण कहानियां, कई अटकलें और अर्ध-सत्य पर आधारित ख़बरें होती थीं. हर पन्ने का लगभग एक चौथाई भाग अपराध की कहानियों के लिए समर्पित रहता था, लेकिन अख़बार में सरकारी भ्रष्टाचार और सार्वजनिक संस्थानों द्वारा लापरवाही पर खोजी रिपोर्ट भी संचालित होती थीं. इससे कुछ वर्षों में ही अख़बार के सर्कुलेशन में तेज़ी से वृद्धि हुई और उनका काफ़ी मुनाफ़ा भी हुआ.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता में पीएचडी कर रहे अहमद शहज़ाद का कहना है कि यह एक ऐसा वक्त था जब अमेरिका में एक नये मध्यम वर्ग का उदय हो रहा था. राज्य की भूमिका भी बड़ी तेज़ी से बदल रही थी क्योंकि उपनिवेशवाद के कारण इन देशों में अकूत पैसा पहुंच रहा था. नये मध्यम वर्ग ख़ासकर युवाओं के बीच अपराध, सेक्स, हिंसा, इन्वेस्टीगेटिव रिपोर्ट और उत्तेजना से भरे समाचारों की खूब डिमांड बनाई गई. यही एक कारण था कि हर्स्ट ने अमेरिका में असली ख़बरों और जन सरोकार की पत्रकारिता को तिलांजलि देकर व्यापारिक और पीत पत्रकारिता को बढ़ावा दिया.
मीडिया साम्राज्य का निर्माण और विस्तार
विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने अपने अकूत धन और विशेषाधिकार का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर अपना एकतरफ़ा मीडिया साम्राज्य बनाने और विशुद्ध व्यापारिक पत्रकारिता के लिए किया. ऐसी पत्रकारिता जो घाटे और मुनाफ़े के गणित पर टिकी होती है. ऐसी पत्रकारिता जिससे पाठकों में सनसनी फैल जाती है और वे रोमांचित होकर अख़बार की हेडलाइन और ख़बर को पढ़ते थे. "पीत पत्रकारिता" के संस्थापक के तौर पर उनकी इस सफलता के लिए प्रशंसा की जाती है. अमेरिका में उनके राजनीतिक आर्थिक रसूख़ का एक समय ऐसा भी आया कि, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी तक का विचार बना लिया था.
एक्जामिनर अख़बार की सफलता के साथ, विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने बड़े बाजारों में अपनी जगहें बनानी शुरू की. अपने पूर्व आदर्श, अब प्रतिद्वंद्वी, जोसेफ पुलित्जर से 1895 में न्यूयॉर्क मॉर्निंग जर्नल (पूर्व में पुलित्जर के स्वामित्व में) खरीद लिया और एक साल बाद इवनिंग जर्नल का प्रकाशन भी शुरू किया. उन्होंने एक्ज़ामिनर में उसी ब्रांड की पत्रकारिता को लागू करके सर्कुलेशन वॉर जीतने की कोशिश की. हर्स्ट ने सर्कुलेशन बढ़ाने के लिये और प्रतिस्पर्धा जीतने के लिये कई हथकंडे अपनाए. उसने अख़बारों की कीमत में एक प्रतिशत तक की कटौती के साथ प्रतिस्पर्धा की और पुलित्जर भी उसी कीमत पर अख़बार बेचने को मजबूर हुए.
हर्स्ट ने दुनिया भर के काबिल कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ा, उन्हें उच्च वेतन और बेहतर पदों की पेशकश की ताकि वो उसके साथ आ जायें और उसका ब्रांड आसमान छूने लगे. 1897 तक, हर्स्ट के दो न्यूयॉर्क पत्रों ने 1.5 मिलियन के संयुक्त सर्कुलेशन के साथ पुलित्जर को पछाड़ दिया था.
धीरे-धीरे 19 वीं शताब्दी के अंतिम दशक में विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट के समाचार पत्रों पर राजनीति हावी होने लगी और अंततः उनके जटिल राजनीतिक विचारों का पता चला. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के 1896 के राष्ट्रपति विलियम जेनिंग्स ब्रायन के उम्मीदवारी का विरोध किया जबकि उनके पेपर ने डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन किया था.
1898 में, हर्स्ट ने क्यूबा को आजाद करने के लिए स्पेन के साथ अमेरिका को युद्ध के लिए प्रोत्साहित किया. क्यूबा उस समय स्पेन का उपनिवेश था. ऐसा भी कहा जाता है कि खुद अमेरिकी सरकार के कहने पर ही हर्स्ट ने अपने अख़बारों के माध्यम से से अमेरिकी जनता के बीच स्पेन को विलेन बनाया और युद्ध जैसी संभावना पर ज़ोर दिया.
पत्र पत्रिकाओं से अलग कला संस्कृति में भी रुचि थी हर्स्ट की
1920 के दशक में उन्होंने रेडियो प्रसारण में प्रवेश करने वाली पहली प्रिंट-मीडिया कंपनियों में से एक की शुरुआत की. मिस्टर हर्स्ट अपनी कंपनी हर्स्ट मेट्रोटोन न्यूज़ के साथ फिल्म न्यूज़रील्स के एक प्रमुख निर्माता भी थे, और उन्हें कॉमिक स्ट्रिप सिंडिकेशन व्यवसाय बनाने के लिए व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है. उनका किंग फीचर्स सिंडिकेट आज दुनिया में कॉमिक्स और टेक्स्ट फीचर्स का सबसे बड़ा वितरक है. अपने करियर में, विलियम हर्स्ट ने 100 से अधिक फिल्मों का निर्माण किया, जिनमें "द पेरिल्स ऑफ पाउलिन", "द एक्सप्लोइट्स ऑफ ऐलेन" और "द सीक्रेट्स ऑफ मायरा" शामिल हैं. 1940 के दशक में वह टेलीविजन के शुरुआती उद्यमियों में थे.
अपने शानदार व्यावसायिक प्रयासों के अलावा, हर्स्ट ने एक विशाल और आकर्षक कला एवं संस्कृति से जुड़ी वस्तुओं का संग्रहालय तैयार किया जिसमें अमेरिका और यूरोप की पुरानी से पुरानी मास्टर पेंटिंग और मूर्तियां, टेपेस्ट्री, प्राच्य कालीन ग्रीक, रोमन और मिस्र की वस्तुएं, चांदी, फर्नीचर और ऐतिहासिक चीजें शामिल थी. इस संग्रह में से अधिकांश को हर्स्ट खुद कहीं न कहीं से लेकर आये थे.
अपने कई समकालीनों की तरह, हर्स्ट ने साहित्य और कला का जोरदार संग्रह किया और उन्हें धरोहरों की तरह संजोया.
क्या है पीत पत्रकारिता जिसके जनक के रूप में जाना जाता है हर्स्ट को
आजकल डिजिटल पत्रकारिता में एक शब्द है क्लिकबेट पत्रकारिता. पीत पत्रकारिता इसका पूर्व सस्करण है. इसमें सही समाचारों की उपेक्षा उनमें तथ्यों, भाव और उद्देश्य में छेड़छाड़ करके सनसनी फैलाने वाले समाचार या ध्यान-खींचने वाले शीर्षकों का बहुतायत में प्रयोग किया जाता है. इसे समाचारपत्रों की बिक्री बढ़ाने का घटिया तरीका माना जाता है. पीत पत्रकारिता में समाचारों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है. घोटाले सामने लाने की कोशिश की जाती है. सनसनी फैलायी जाती है, या पत्रकारों द्वारा अव्यवसायिक और कई बार तो अनुचित तरीके अपनाये जाते हैं. इस शब्द का मुख्य रूप से अमेरिका में उपयोग किया जाता है. यूके में, लगभग बराबर समकक्ष शब्द टैबलॉयड पत्रकारिता है, जिसमें सनसनीख़ेज़ तरीक़े से बड़ी बड़ी हेडलाइन लगाकर उसे रुचिकर बनाया जाता है.
लंबे समय तक, ‘न्यूज़ ऑफ दि वर्ल्ड’ ब्रिटेन का सबसे बड़ा राष्ट्रीय टैबलॉयड समाचार पत्र रहा. लंबे समय से, ‘न्यूज़ ऑफ दि वर्ल्ड’ चर्चा और विवाद का विषय बना रहा. लेकिन हाल ही में उजागर हुए फोन हैकिंग स्कैण्डल ने इस अख़बार के सालों पुराने मज़बूत स्तंभों को हिला कर रख दिया. यह विश्व के सभी समाचार पत्रों और मीडिया संचालकों के लिए एक नसीहत है.
पीत पत्रकारिता के दायरे में पत्रकारिता के दौरान की जाने वाली निम्न गतिविधियां आती हैं.
· किसी समाचार या विचार का प्रकाशन प्रसारण पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर करना.
· किसी समाचार या विचार को बढ़ा चढ़ाकर पेश करना.
· किसी समाचार या विचार का प्रस्तुतीकरण सनसनीखेज तरीके से करना.
· फीचर के रूप में चटपटी, मसालेदार और मनगढ़ंत कहानियों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करना.
· मानसिक और शारीरिक उत्तेजना को बढ़ावा देने वाले चित्रों और कार्टूनों का प्रकाशन और प्रसारण.
· समाज के अहम मुद्दों को दरकिनार कर अपराध और सिनेमा से जुड़ी गतिविधियों का सनसनीखेज प्रस्तुतीकरण.
· राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्व वाले समूहों से प्रभावित होकर पत्रकारिता करना.
राजनीति की बिसात में भी रखा था कदम हर्स्ट ने
1900 में, विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने अपने पिता के उदाहरण का अनुसरण किया और राजनीति में प्रवेश किया. शिकागो, बोस्टन और लॉस एंजेलिस सहित कई और शहरों में समाचार पत्रों को बखूबी स्थापित करने के बाद उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी मज़बूत करनी शुरू की. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में उस समय लगभग 2 मिलियन डॉलर खर्च कर दिये. लेकिन उनकी ये यात्रा अधिक समय तक नहीं चली. हर्स्ट ने 1902 और 1904 में प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव जीता. हालांकि न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के लिए दौड़ में शामिल होते हुए भी उन्होंने हमेशा अपने मीडिया साम्राज्य को बनाए रखा. लेकिन नाराज सहयोगियों और मतदाताओं ने जवाबी हमला बोला और उन्हें अपने राजनीतिक जीवन से सन्यास लेना पड़ा.
परेशानी और तंगहाली भरे थे ज़िंदगी के आख़िरी दिन
राजनीति से अपनी वापसी के बाद, विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने अपने प्रकाशन व्यवसाय में पूर्णकालिक रूप से वापसी की. अगले कई दशकों तक, हर्स्ट ने लाखों डॉलर खर्च कर अपनी संपत्ति का विस्तार किया. वह कला और संस्कृति से जुड़ी चीजों के संग्रहण के भी बहुत शौक़ीन थे. उन्होंने एक बारोक-शैली के महल का निर्माण किया और इसे यूरोपीय कलाकृतियों से भर दिया.
1920 तक उनके अख़बारों के सर्कुलेशन का यह आलम हो गया था कि हर चार अमेरिकियों में से एक हर्स्ट का अखबार पढ़ता था. विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट का मीडिया साम्राज्य 13 शहरों में 20 दैनिक और 11 साप्ताहिक पत्रों को शामिल करते हुए एक बड़े मीडिया टाईकून के रूप में विकसित हुआ. उन्होंने किंग फीचर्स सिंडिकेट और इंटरनेशनल न्यूज सर्विस, साथ ही साथ कॉस्मोपॉलिटन, गुड हाउसकीपिंग और हार्पर बाजार सहित छह पत्रिकाओं को नियंत्रित और संचालित किया.
अमेरिका में स्टॉक मार्केट क्रैश और उसके बाद के आर्थिक अवसाद ने हर्स्ट कॉरपोरेशन को बुरी तरह प्रभावित किया, खासकर अखबारों को, जो पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं थे. विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट को फिल्म कंपनी और उनके कई प्रकाशन बंद करने पड़ गये. 1937 तक, हर्स्ट के लेनदार उसके पीछे पड़ गये और उनके ख़िलाफ़ कोर्ट में धोखाधड़ी का केस कर दिया. निगम को अदालत के आदेश का सामना करना पड़ा, और हर्स्ट को लेनदारों का भुगतान करने के लिए अपने कई प्राचीन वस्तुओं और कला संग्रहों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.
धीरे धीरे वह तत्कालीन राष्ट्रपति रूजवेल्ट के खिलाफ हो गए, जबकि उनके अख़बार का अधिकांश पाठक वर्ग एफडीआर (फ्रैंकलिन डी रूज़वेल्ट) का समर्थन करने वाले मजदूर वर्ग के लोगों से ही बना था. हर्स्ट अपनी गिरती प्रतिष्ठा और लोकप्रियता को संभाल नहीं पा रहे थे. 1934 में उन्होंने बर्लिन का दौरा किया तब जर्मनी में हिटलर के नेतृत्व को वैध बनाने में मदद करते हुए एडोल्फ हिटलर का साक्षात्कार भी लिया.
1941 में, युवा फिल्म निर्देशक ओर्सन वेल्स ने ‘सिटिजन केन’ नामक फ़िल्म का निर्माण किया जो विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट के उत्थान और पतन की एक पतली नक्काशीदार जीवनी थी. नौ अकादमी पुरस्कारों के लिए नामित, फिल्म को इसकी अभिनव सिनेमैटोग्राफी, संगीत और स्क्रिप्ट संरचना के लिए खूब सराहा गया था, और बाद में इसे दुनिया की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक के रूप में चुना गया.
हर्स्ट इससे बिल्कुल खुश नहीं थे. उन्होंने फिल्म के रिलीज को रोकने के लिए भरसक कोशिश की और फ़िल्म के सभी प्रिंटों को नष्ट करने के लिए भुगतान करने की पेशकश की. वेल्स ने इससे इनकार कर दिया, और फिल्म बच गई और हिट हो गई.
विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट ने अपने अंतिम 10 साल अपने सिकुड़ते मीडिया साम्राज्य और जनता पर कम होते प्रभाव के बीच बिताए. 88 वर्ष की आयु में 14 अगस्त, 1951 को कैलिफोर्निया के बेवर्ली हिल्स में उनका निधन हो गया.
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