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फैक्ट चेक: क्या वास्तव में पिनराई विजयन दीया जला रहे थे?
5 अप्रैल की रात आठ बजे से टेलीविजन का माहौल ऐसा था जिसे देखकर लगा जैसे आज दिवाली है. किसी चैनल पर अनूप जलोटा अपने भजनों के साथ मौजूद थे तो किसी पर सोनू निगम. किसी चैनल ने सौ जगहों पर अपने सौ रिपोर्टर लगा रखे थे. कहीं बाबा रामदेव यज्ञ करते हुए कोरोना रोकने के प्रधानमंत्री मोदी के कोशिशों की सराहना कर रहे थे.
रात के नौ बजते ही लोग अपने-अपने छतों पर आ गए. कुछ सड़कों पर निकल आए. इसमें से कईयों ने दीये, मोमबत्तियां जलाई. कुछ लोग पटाखे भी फोड़ने लगे, सड़कों पर डांस करते हुए.
यह सब देखकर कहीं से ऐसा नहीं लग रहा था कि देश एक गहरे संकट से गुजर रहा है. हाल ही में इस देश ने लाखों मजदूरों का पलायन देखा है जो भूख से मौत की डर से हज़ारों किलोमीटर दूर अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े थे. कुछ की रास्ते में ही मौत भी हुई.
9 बजकर 9 मिनट के बाद देश के बड़े नेताओं और अभिनेताओं की दीये जलाती हुई तस्वीर आने लगी. ऐसी ही एक तस्वीर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सामने आई जिस पर दावा किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर विजयन ने दीये जलाए.
न्यूजलॉन्ड्री ने पाया कि ‘9 बजे-9 मिनट’ के प्रधानमंत्री के अपील के नाम पर सीएम विजयन की जो तस्वीर शेयर की गई वो दो साल पुरानी तस्वीर है.
कैसे फैली तस्वीर?
अर्नब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक इंडिया की वेबसाइट पर एक ख़बर आई जिसका शीर्षक था ‘From KCR to Pinarayi Vijayan, number of CMs follow PM Modi’s ‘9pm-9mins’appeal. इस खबर को अखिल ओका ने लिखा है. खबर में त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम समेत बाकी देश के अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ विजयन की भी तस्वीर साझा की गई. जिसमें वे कैंडल लाइट के सामने बैठे हुए हैं.
इसके बाद यह तस्वीर कई जगहों पर साझा की गई. टाइम्स ऑफ़ इंडिया, कोच्चि ने अपने ट्विटर हेंडल से इसे साझा किया. जिस पर लिखा गया कि प्रधानमंत्री के कहने पर विजयन ने अपने परिवार के साथ घर की लाइट को बंद कर दीये जलाए.
हालांकि अब टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस तस्वीर को हटा लिया है.
देर रात यह तस्वीर सोशल मीडिया पर ठीकठाक वायरल हो गई थी.
न्यूज़ 18 बिहार-यूपी के संपादक मनोज मलयानिल ने अपने फेसबुक पर इस तस्वीर को साझा करते हुए लिखा कि केरल की लेफ्ट सरकार के मुखिया पिनराई विजयन अपने परिवार के साथ दीपक की रोशनी में राष्ट्रीय एकता की अलख जगाते हुए.
एसजी सुर्याश जो आरएसएस के सदस्य और तमिलनाडु बीजेपी यूथ विंग के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता हैं. उन्होंने भी इसको लेकर ट्वीट किया और बताया कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री विजयन और पुडुचेरी के कांग्रेस सीएम ने भी दीये जलाए.
जब लोगों ने एसजी सूर्याश से तस्वीर का सोर्स पूछते हुए सवाल उठाया तो उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया, कोच्ची के द्वारा किए गए ट्वीट का हवाला दिया जो खुद ही अब डिलीट हो चुका है.
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हुई. लेकिन इस तस्वीर की हकीकत कुछ और है. न्यूजलॉन्ड्री ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर साल 2018 की है.
5 अप्रैल को जो तस्वीर साझा की गई उसमें पिनरायी विजयन के साथ एक बच्चा और एक महिला दिख रही हैं. इन तीनों ने जो कपड़े पहने हैं बिलकुल उसी कपड़े में 25 मार्च 2018 को न्यू इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में छपी एक तस्वीर में यहीं लोग नजर आ रहे हैं.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी तस्वीर अर्थ ऑवर की है. जिसमें वे अपनी पत्नी, बेटी और पोते के साथ कैंडल के सामने बैठे हुए हैं. दोनों तस्वीरों में अंतर महज एंगल का है. जबकि दोनों में जो लोग मौजूद हैं उनके कपड़े एक जैसे है. बच्चे को दोनों तस्वीरों में चश्मा लगाए और हाफ कंधे का टीशर्ट पहने देखा जा सकता है.
साल 2018 में अर्थ आवर डे 24 मार्च को मनाया गया था. इस दिवस को मानने का मकसद लोगों को उर्जा की बचत के प्रति जागरूक करना था. साल 2007 में शुरू किए गए इस अभियान में लोग उर्जा बचाने के लिए एक घंटे तक गैरज़रूरी लाइटस ऑफ रखते हैं.
यह तस्वीर उसी दिन की है जब घर की लाइट बंद करके मुख्यमंत्री विजयन कैंडल के सामने अपने परिवार के साथ बैठे थे. तस्वीर 25 मार्च को न्यू इंडियन एक्सप्रेस के तिरुवनन्तपुरम एडिशन के पहले पेज पर प्रकाशित हुई थी.
साल 2018 की तस्वीर के दूसरे एंगल की तस्वीर को सोशल मीडिया पर 5 अप्रैल का बताकर शेयर किया गया.
केरल के शिक्षा मंत्री ने कहा दो साल पुरानी है तस्वीर..
एक तरफ जहां तमाम मुख्यमंत्रियों ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दीये जलाते हुए अपनी तस्वीरें साझा की है वहीं विजयन के अकाउंट पर ऐसी कोई तस्वीर साझा नहीं की गई. वहां कोरोना के ही अपडेट मौजूद हैं.
क्या विजयन ‘9 बजे-9 मिनट’ अभियान में शामिल हुए थे यह जानने के लिए हमने केरल के शिक्षा मंत्री केटी जलील से बात की तो उन्होंने भी कहा, ‘‘यह दो साल पुरानी तस्वीर है जो अर्थ ऑवर के दौरान उतारी गई थी.’’
केरल सरकार का पीएम मोदी के ‘9 बजे-9 मिनट’ के अभियान पर क्या कहना है. इस सवाल के जवाब में केटी जलील कहते हैं, ‘‘अगर केंद्र सरकार एकता के लिए ऐसा कर रही है तो हम उसके साथ है लेकिन अगर कोई किसी दूसरे संदर्भ में ले रहा है. मसलन धार्मिक या पौराणिक तो हमें उससे कुछ नहीं कहना. हमने इसे एकता के रूप में लिया.’’
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