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संसद में शोर बहुत, मुद्दे कम? दिल्ली की जनता ने उठाए अनसुने सवाल
संसद का शीतकालीन सत्र अपने अंतिम पड़ाव पर है. यह सत्र 1 दिसंबर को शुरू हुआ जो कि 19 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान सदन में कई मुद्दे उठाए गए. जहां एक ओर वंदे मातरम् पर लंबी बहस देखने को मिली. वहीं चुनाव सुधार और एसआईआर जैसे मुद्दों पर भी गहमागहमी रही.
हालांकि, कई ऐसे महत्वपूर्ण विषय रहे जो सदन में अपेक्षित रूप से नहीं उठ पाए. खासतौर पर दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. इस मुद्दे पर कुछ सांसदों ने सदन में मास्क लगाकर और सिलेंडर लेकर विरोध जरूर दर्ज कराया लेकिन इस पर कोई ठोस और विस्तृत चर्चा देखने को नहीं मिली.
इसके अलावा भी कई ऐसे मुद्दे रहे, जिन्हें संसद में उठाया जाना चाहिए था, लेकिन वे चर्चा से बाहर रहे. इन्हीं सवालों को लेकर हमने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लोगों से बात की और जाना कि वे चाहते हैं कि सांसद सदन में किन मुद्दों को प्राथमिकता दें.
दिल्ली निवासी विजय कुमार का कहना है कि राजधानी में लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. उनके मुताबिक, हाल ही में दिल्ली के पास हुए एक ब्लास्ट में लोगों की जान गई है. इसके अलावा आए दिन हत्याएं हो रही हैं. पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ऐसे गंभीर मुद्दों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.
वहीं, भोपाल से दिल्ली घूमने आए कुछ छात्रों ने बताया कि राजधानी में प्रवेश करते ही उन्हें भीषण प्रदूषण का सामना करना पड़ा. प्रदूषण के कारण गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो रही है. एक अन्य छात्र ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्म की राजनीति में उलझी हुई है, जबकि इससे बाहर निकलकर देशहित और जनता से जुड़े ज़रूरी मुद्दों पर काम करने की ज़रूरत है.
देखिए पूरी वीडियो रिपोर्ट-
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