Khabar Baazi
जम्मू में सिर्फ पत्रकार के आशियाने पर चला बुलडोजर, पूछा- क्या बस मेरा घर अवैध है?
जम्मू में एक पत्रकार के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. अधिकारियों ने पत्रकार अरफाज़ अहमद डैंग का घर ढहा दिया है. गौरतलब है कि इलाके में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ यही घर ढहाया गया. डैंग का आरोप है कि यह कार्रवाई बिना किसी नोटिस के की गई है और इसका मकसद उन पत्रकारों को मैसेज देना है जो “सरकार की लाइन पर नहीं चलते.”
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, डैंग एक डिजिटल चैनल न्यूज़ सेहर इंडिया चलाते हैं. उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ के दौरान उन्हें और उनके दो भाइयों को घायल कर हिरासत में लिया गया. घटना स्थल के वीडियो में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घर के आसपास तैनात दिखे, जो बुलडोजर की निगरानी कर रहे थे और डैंग को लाइव वीडियो बनाने से रोक रहे थे, जबकि उनका घर मलबे में बदल रहा था.
इस कार्रवाई के बाद कई राजनीतिक नेताओं और वकीलों ने प्रशासन पर ‘चुनिंदा कार्रवाई’ का आरोप लगाया है.
द हिंदू से बातचीत में डैंग ने कहा, “पहले मेरा घर बठिंडी में तोड़ा गया था. मैंने हिम्मत रखी और माता-पिता के घर शिफ्ट हो गया. अब यह घर भी गिरा दिया. ये घर 40 साल से ज़्यादा पुराना था. सिर्फ मेरा ही घर क्यों? क्या पूरे जम्मू शहर में मेरा ही घर अवैध था?”
उन्होंने आगे कहा, “यह उन लोगों के लिए संदेश है जो सच्ची और ईमानदार पत्रकारिता करते हैं, कि लाइन में लगो नहीं तो आपका आशियाना छीन लिया जाएगा. घर बनाना आसान नहीं है.”
जम्मू के वरिष्ठ वकील शेख शकील और ज़ुलकरनैन चौधरी ने भी कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने कानून के समान इस्तेमाल के सिद्धांत का उल्लंघन किया है.
द हिंदू से शकील ने कहा, “आप अतिक्रमण को सही नहीं ठहरा सकते, लेकिन कार्रवाई सबके खिलाफ होनी चाहिए. किसी एक को निशाना क्यों बनाया गया?”
पीडीपी नेता वहीद-उर-रहमान पारा ने कहा, “सरकार को बुलडोजर की यह प्रथा बंद करनी चाहिए और पीडीपी के भूमि नियमितीकरण बिल को खारिज करने के फैसले की समीक्षा करनी चाहिए. घर केवल रेखाएं नहीं, ज़िंदगियां होते हैं.”
सीपीआई (एम) नेता एम वाई तरिगामी ने कहा कि बिना नोटिस कार्रवाई “गंभीर चिंता” का विषय है. “अगर डैंग के दावे सही हैं, तो यह क़ानूनी प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है. कोई भी प्राधिकरण कानून से ऊपर नहीं हो सकता. जवाबदेही तय होनी चाहिए.”
सरकार ने विज्ञापन की दरों में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है लेकिन हम सब्सक्रिप्शन की दरें 26 फीसदी घटा रहे हैं. इस ऑफर का लाभ उठाइए और विज्ञापन मुक्त पत्रकारिता को सशक्त बनाइए.
Also Read
-
TV Newsance 326 | A Very Curly Tale: How Taxpayers’ Money Was Used For Govt PR
-
From J&K statehood to BHU polls: 699 Parliamentary assurances the government never delivered
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy