Video
दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव में छात्र हित बनाम संजय दत्त और शराब
दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डुसू) चुनाव 2025-26 के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है. चुनाव 18 सितंबर को होंगे और 19 सितंबर को वोटों की गिनती होगी. इस बार कुल 21 उम्मीदवारों के नामांकन स्वीकार किए गए हैं. चार पदों अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के लिए मुकाबला होगा.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान को मैदान में उतारा है. वहीं, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष पद पर जॉस्लिन नन्दिता चौधरी को टिकट दिया है. जबकि वामपंथी छात्र संगठन आयशा और एसएफआई की गठबंधन प्रत्याशी अंजलि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में है. वहीं, दिशा छात्र संगठन के योगेश मीणा भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा निर्दल प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में डुसू चुनाव हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति का एक मिनी-रिफ्लेक्शन माने जाते रहे हैं. यही वजह है कि इन चुनावों पर सभी बड़े छात्र संगठन अपनी पूरी ताकत झोंक रहे है. देश के बाकी चुनाव की तरह इस चुनाव में भी धनबल का भरपूर इस्तेमाल होता है. यहां तक कि कैंपेनिंग में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के अलावा बाहर के युवा ज्यादा मौजूद रहते हैं.
हालांकि, इस बार का चुनाव पिछली बार के कई चावन से काफी अलग है. इस बार कैंपस में बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों की जगह डोरेमोन, मोटू-पतलू जैसे कार्टून घूम रहे हैं. वहीं, एबीवीपी की तरफ से संजय दत्त और हरियाणवी गायक मासूम शर्मा जैसे सेलिब्रिटी भी वोट मांग रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ डीयू के वह छात्र हैं, जिन्हें वोट करना है लेकिन इस तरह की राजनीति से नाराज नजर आते हैं. उनका कहना है कि चुनाव में छात्र हितों की बात कम और धनबल एवं बाहुबल का प्रदर्शन ज्यादा होता है.
लेकिन इसके बावजूद चुनाव प्रचार जारी रहा. सभी तरह के राजनीतिक दाव पेंच आजमाए गए. इसलिए हम यह खास रिपोर्ट आप तक लेकर आए हैं ताकि आपको भी पता चले कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इलेक्शन में क्या-क्या हो रहा है और छात्र किन मुद्दों पर आकर्षित हो रहे हैं और किन मुद्दों से नाराज हो रहे हैं.
देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट
Also Read: जेएनयू छात्र संघ चुनाव: 8 साल बाद टूटा लेफ्ट गठबंधन, आईसा और एसएफआई अलग-अलग लड़ेंगे चुनाव
Also Read: बहन-बेटी के बचाव में, चुनाव आयोग मैदान में
Also Read
-
Reality check of the Yamuna ‘clean-up’: Animal carcasses, a ‘pond’, and open drains
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Was Odisha prepared for Cyclone Montha?
-
चक्रवाती तूफान मोंथा ने दी दस्तक, ओडिशा ने दिखाई तैयारी