Khabar Baazi
नेपाल: अंतरिम सरकार के गठन की चर्चाओं के बीच क्या सच में उठी हिंदू राष्ट्र की मांग?
नेपाल में बीते दिनों सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार-भाईभतीजावाद के खिलाफ जेन-जी (नई पीढ़ी) की बग़ावत ने पूरे देश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है. राजधानी काठमांडू और कई शहरों में भड़के प्रदर्शनों में अब तक 34 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं.
हालात बिगड़ने पर सेना को सड़कों पर उतरना पड़ा और भारी दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा. अब अंतरिम सरकार के गठन की बात चल रही है और नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम नेतृत्व के रूप में सामने आया है. फिलहाल सेना और आंदोलनकारी नेताओं के बीच वार्ता जारी है, जबकि काठमांडू में कर्फ़्यू और सख़्त सुरक्षा व्यवस्था लागू है.
इस घटनाक्रम को भारत के हिंदी अख़बारों ने अलग-अलग नज़रिए से रिपोर्ट किया. दैनिक भास्कर ने लिखा, “जनरेशन ज़ी ऑनलाइन चुन रही है अपना पीएम”. हिंदुस्तान ने सुर्खी लगाई- “नेपाल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकाला जाएगा”. और जनसत्ता ने शीर्षक दिया, “सड़कों पर सेना, सुशीला कार्की में भरोसा”. वहीं अमर उजाला ने लिखा, “सेना सड़कों पर उतरी तो नेपाल में लौटी सामान्य स्थिति, प्रदर्शनकारी अंतरिम सरकार बनाने में व्यस्त”. लेकिन सबसे विवादित हेडलाइन दैनिक जागरण की रही, जिसमें लिखा गया, “नेपाल में सेना ने संभाली स्थिति, जनरेशन जेड चाहता है हिंदू राष्ट्र”.
हक़ीक़त यह है कि मौजूदा आंदोलन में हिंदू राष्ट्र की मांग शामिल नहीं है. यह विरोध मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, अवसरों की कमी और गहरी होती अमीरी-गरीबी की खाई पर केंद्रित है. हर 10 में से 1 नेपाली रोज़गार की तलाश में विदेश जाता है, जबकि नेताओं के परिवार ऐशो-आराम में रहते हैं.
प्रदर्शनों में ‘हामी नेपाल’ जैसी संस्थाओं ने अहम भूमिका निभाई. नेपाल टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि इस संगठन ने इंस्टाग्राम और डिस्कॉर्ड पर प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी और दिशा-निर्देश साझा किए, जबकि अन्य युवाओं ने व्हाट्सएप और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल किया.
इसके बीच, कुछ टीवी एंकरों और मीडिया मंचों ने इन प्रदर्शनों के पीछे ‘हिंदू राष्ट्र’ और ‘डीप स्टेट’ जैसी सनसनीख़ेज़ थ्योरियां भी उछाल दीं.
फिलहाल नेपाल की सड़कों पर तनाव कायम है, सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत चल रही है और पूरा देश इस इंतज़ार में है कि नई अंतरिम सरकार का नेतृत्व कौन संभालेगा.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.ने
Also Read
-
From doomscrolling to dissent: Story of Gen Z’s uprising in Nepal
-
BJP’s new political frontier: Fusion of Gujarat Hindutva model with Assam anti-immigration politics
-
Standing Committee recommends ombudsman, harsher penalties for media to curb ‘fake news’
-
20 months on, no answers in Haldwani violence deaths
-
हल्द्वानी हिंसा: शाबान, जाहिद, अनस और इसरार को गोली किसने मारी?