हवा का हक़
हरियाणा: हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाला सिस्टम ठप, प्रदेश के सभी मॉनिटरिंग स्टेशन बंद
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के सभी 29 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन वर्तमान में पूरी तरह बंद हैं. हमने गुरुग्राम स्थित चार प्रमुख मॉनिटरिंग स्टेशनों का दौरा किया, जिनमें विकास सदन, टेरी ग्राम, सेक्टर 51 स्थित गुरुग्राम यूनिवर्सिटी और ग्वाल पहाड़ी स्थित राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएससी) शामिल है. एनआईएससी में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का सेंटर मौजूद है.
एचएसपीसीबी के तीनों स्टेट सेंटर पूरी तरह बंद मिले. वहां कोई तकनीकी या स्थायी स्टाफ मौजूद नहीं था और मॉनिटरिंग इकाइयों पर ताले लगे थे.
इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए हमने हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के गुरुग्राम स्थित कार्यालय का भी रुख किया. वहां हमारी मुलाकात रीजनल ऑफिसर आकांक्षा तंवर और साइंटिस्ट अपरनेश कौशिक से हुई. हालांकि, दोनों अधिकारियों ने ऑन रिकॉर्ड बयान देने से इनकार कर दिया.
आकांक्षा तंवर ने सिर्फ इतना कहा, “हम इन स्टेशनों को जल्द से जल्द शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं और इस संबंध में हेडक्वार्टर पंचकूला को लगातार पत्र लिखे जा रहे हैं. लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं.”
दरअसल, इस संकट की जड़ में एचएसपीसीबी की लापरवाही है. बोर्ड द्वारा एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों का संचालन करने वाली एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट 31 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो गया था. लेकिन बोर्ड ने समय रहते कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की. इसके परिणामस्वरूप, स्टेशन एक-एक करके बंद होते चले गए. 31 दिसंबर 2024 तक लगभग 50% मॉनिटरिंग स्टेशन बंद हो चुके थे और अब सभी 29 स्टेशन पूरी तरह से निष्क्रिय हैं.
इस मुद्दे पर हमने एयर क्वालिटी एक्सपर्ट सचिन पवार से भी बात की. उन्होंने बताया कि ऐसे समय में जब हवा की गुणवत्ता पर निगरानी बेहद ज़रूरी है, इस तरह का सिस्टम ठप हो जाना गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को जन्म दे सकता है.
देखिए पूरा वीडियो-
यह लेख वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हमारे सहयोगात्मक अभियान का हिस्सा है. यहां बताया गया है कि आप ‘हवा का हक’ कैंपेन में कैसे शामिल हो सकते हैं. इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए यहां क्लिक करें.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
‘Justice for Zubeen Garg’: How the iconic singer’s death became a political flashpoint in Assam
-
Will Delhi’s air pollution be the same this winter?
-
सूर्पनखा के सोलह अवतार, डंकापति का दरबार और दलित आईपीएस की आत्महत्या
-
South Asian University under fire again: Gangrape case triggers outrage over ‘cover-up’
-
IPS officer’s ‘suicide’: Pressure mounts on Haryana govt after ‘weak’ FIR, no autopsy