Khabar Baazi
बिहार में एसआईआर की ‘सच्चाई’ दिखाने पर पत्रकार अजीत अंजुम पर एफआईआर दर्ज, भावनाएं भड़काने का आरोप
बिहार के बेगूसराय जिले के बलिया अनुमंडल में संचालित विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान यानिए एसआईआर को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह कार्रवाई उनके यूट्यूब चैनल पर 12 जुलाई को अपलोड किए गए एक वीडियो के आधार पर की गई है.
दरअसल, यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित यह वीडियो एक ग्राउंड रिपोर्ट है. जिसमें बिहार के बेगूसराय ज़िले के बलिया प्रखंड में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन अभियान की पड़ताल की गई है. वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे मतदाता फॉर्म बिना आवश्यक दस्तावेजों और फ़ोटो के बड़ी संख्या में भरे और अपलोड किए जा रहे हैं.
रिपोर्ट में बलिया के बीएलओ और सुपरवाइज़र से सीधे बातचीत करते हुए खुलासा किया गया कि कई फॉर्म अधूरे हैं, कुछ में नाम, दस्तखत और पहचान संबंधी कोई प्रमाण तक नहीं है.
वीडियो में यह भी बताया गया कि 'मुस्लिम बहुल' बूथ से 80% से अधिक लोगों ने दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म जमा किए हैं. साथ ही बीएलओ ने इस दौरान कहा कि बांग्लदेशी या रोहिंग्या लोगों के वोटर लिस्ट में होने के दावे पूरी तरह गलत हैं. ऐसे में यह रिपोर्ट चुनाव आयोग के कई दावों पर सवाल उठाती है और पुनरीक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त करती है.
वीडियो पर क्या कहता है प्रशासन
जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, अंजुम द्वारा एक खास वर्ग के लोगों को चिन्हित कर उनके चुनाव संबंधित संवेदनशील और निजी दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का प्रयास किया गया. साथ ही समाज में भेदभाव तथा विद्वेषता फैलाने की कोशिश की गई.
गौरतलब है कि इस वीडियो में अजीत अंजुम ने दावा किया था कि साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. प्रशासन ने इस वीडियो को तथ्यहीन, भ्रामक और जनभावनाओं को भड़काने वाला करार दिया है.
प्रशासन ने यह भी कहा कि अगर बलिया में कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी यूट्यूबर अजीत अंजुम और उनके सहयोगियों की होगी.
बीएलओ की शिकायत पर मामला दर्ज
इस मामले में बीएलओ मोहम्मद अंसारुलहक की शिकायत पर 13 जुलाई 2025 को बलिया थाना में विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. बेगुसराय के एसपी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की.
एफआईआर में अजीत अंजुम एवं उनके सहयोगियों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और सांप्रदायिक द्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया है. कहा गया है कि उन्होंने 1 घंटे तक काम को रोके रखा.
वहीं, बिहार प्रशासन ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के 145 मतदान केंद्रों पर 72% से अधिक मतदाता फॉर्म वापस लिए जा चुके हैं और पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संपन्न की जा रही है.
अंजुम बोले- बीएलओ को डराया
वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद अजीत अंजुम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “बेगूसराय के एक बीएलओ पर दबाव बनाकर मुझ पर एफआईआर की गई है. वीडियो को देखिए और तय कीजिए कि मैंने उस मुस्लिम बीएलओ से क्या ऐसी बात की है, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव खराब होता है. और कुछ नहीं मिला तो ये रास्ता निकाला. एक मुस्लिम बीएलओ को मोहरा बनाकर मेरे खिलाफ इस्तेमाल किया गया. वीडियो में उठाए गए सवाल देने की बजाय प्रशासन डराने के हथकंडे अपना रहा है. बस इतना कह दे रहा हूं कि बेगूसराय में ही हूं. अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक लडूंगा. डरूंगा नहीं.”
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
Gujarat’s invisible walls: Muslims pushed out, then left behind
-
Let Me Explain: Banu Mushtaq at Mysuru Dasara and controversy around tradition, identity, politics
-
गुरुग्राम: चमकदार मगर लाचार मिलेनियम सिटी
-
Gurugram’s Smart City illusion: Gleaming outside, broken within
-
Full pages for GST cheer, crores for newspapers: Tracking a fortnight of Modi-centric ads