Khabar Baazi
वाराणसी में 6 पत्रकारों पर एफआईआर, भ्रामक प्रचार और उकसावे का आरोप
वाराणसी के लंका थाने में तैनात एसआई अभिषेक कुमार सिंह ने शहर के छह पत्रकारों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कराई हैं. 26 जून को दर्ज इस शिकायत में आरोप है कि पत्रकारों ने मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा की साफ-सफाई कर रहे युवकों का वीडियो सोशल मीडिया पर तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया. एफआईआर में जातिगत टिप्पणियों, द्वेष फैलाने, लोगों को उकसाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री के पास ये दोनों एफआईआर मौजूद हैं. एफआईआर के मुताबिक, व्हाट्स ग्रुप खबर बनारस के एडमिन अरशद आलम, एनबीटी ऑनलाइन से अभिषेक झा, हिंदुस्तान अखबार से अभिषेक त्रिपाठी, दैनिक जागरण से सोनू सिंह, टीवी पत्रकार शैलेश चौरसिया और पत्रकार नितिन कुमार राय को नामजद किया गया है. इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस की धारा 356(3), 196(1) और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
एफआईआर दर्ज कराने वाले एसआई अभिषेक कुमार सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री का बताया, "मालवीय जी की मूर्ति पर कुछ लोग साफ सफाई कर रहे थे. उनका वीडियो बनाकर गलत तरीके से दर्शाया गया. हमें पीडब्ल्यूडी की ओर से पुष्टि की गई थी कि यह काम उनकी तरफ से करवाया जा रहा है."
इस मामले पर एफआईआर में नामजद स्थानीय पत्रकार शैलेश चौरसिया कहते हैं, "वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सामने मालवीय जी की प्रतिमा है. प्रतिमा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें एक लड़का उनके कंधे पर बैठा हुआ है. यह वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप खबर बनारस में आता है. इस ग्रुप में 600 से ज्यादा लोग हैं. इनमें पत्रकार और शहर के पुलिस के भी काफी लोग हैं. इस ग्रुप में खबरें आदान प्रदान होती हैं. ग्रुप के एडमिन अरशद आलम हैं. वीडियो को लेकर ग्रुप में बातचीत चल रही थी. किसी ने कहा कि वहां तो हमेशा ड्यूटी रहती है, इस पर मैंने ग्रुप में सिर्फ इतना ही लिखा था कि भाई यह सब आदेश-निर्देश के ऊपर है. आप लोगों को इस प्रकरण को यहीं बंद कर देना चाहिए. इसके बाद शाम को मुझे पता चलता है कि एफआईआर में मेरा भी नाम है."
वहीं, इस मामले पर सूचना विभाग की ओर से भी एक बयान आया. इसमें कहा गया, “लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केके सिंह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अधीन शहरी मार्गों पर स्थित चौराहों पर लगी हुई मूर्तियों की नियमित प्रक्रिया में साफ-सफाई का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा सदैव कराया जाता है. इसी क्रम में लंका गेट के पास स्थित महामना मदन मोहन मालवीय की मूर्ति पर धूल की नियमित प्रक्रिया में लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार के मजदूरों द्वारा साफ-सफाई किया जा रहा था. उन्होंने महामना मदन मोहन मालवीय की मूर्ति के साफ-सफाई के दौरान मूर्ति पर चढ़कर साफ-सफाई करने की कतिपय सूचना को गलत बताया.”
तीन चौकी इंचार्ज की टीम गठित
एनबीटी ऑनलाइन में छपी खबर के मुताबिक, इस वीडियो की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल स्थानीय लंका पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया. एनबीटी ऑनलाइन ने दावा किया कि उन्होंने इस खबर को छापने से पहले लंका क्राइम ब्रांच प्रभारी संतोष पांडेय से बात की. जिसमें उन्हें बताया गया कि वीडियो संज्ञान में आते ही नगवां, संकट मोचन और बीएचयू चौकी प्रभारियों की एक टीम गठित कर दी गई है. वीडियो कब का है, इसकी जानकारी अभी नहीं हो पाई है, लेकिन टीम को स्पष्ट निर्देश है कि जल्द से जल्द वीडियो में दिख रहे युवकों को चिह्नित किया जाए और वैधानिक कार्रवाई की जाए.
वहीं, एफआईआर में नामदज एक पत्रकार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 9 सेकेंड के इस वीडियो को एक व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया गया था. जिसमें शहर के पत्रकार और अधिकारी शामिल हैं. इस वीडियो को लेकर सिर्फ ग्रुप में चर्चा चल रही थी कि ये लड़के कौन हैं. तो सभी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. इस ग्रुप में कमिश्नर से लेकर जिले के सभी अधिकारी हैं. हमारी चर्चा को ही आधार बनाकर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. ऐसा क्यों हुआ समझ से परे है. पुलिस एक ग्रुप को सोशल मीडिया प्लेटफार्म बता रही है, यह हैरानी की बात है क्योंकि यह लोगों का एक ग्रुप है न की सोशल मीडिया प्लेटफार्म.
लंका थाने के एसएचओ फिलहाल छुट्टी पर हैं. उनकी जगह थाने का चार्ज संभाल रहे लंका क्राइम ब्रांच प्रभारी संतोष पांडेय से हमने बात की. पांडेय ने ही एनबीटी ऑनलाइन से बात करते हुए टीम गठित करने की बात कही थी. पांडेय न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “हां, लड़कों का पता लगवाने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है. वे लड़के पीडब्ल्यूडी के थे और प्रतिमा पर साफ सफाई के लिए चढ़े हुए थे. लेकिन इस मामले का वीडियो बनाकर ग्रुप में जाति संबंधी टिप्पणी करके तूल देने की कोशिश की गई. यह सिर्फ व्हाट्सएप ग्रुप में ही नहीं था बल्कि अन्य सोशल मीजिया प्लेटफार्म पर भी था. इंस्टाग्राम पर भी देखा गया है.”
वे आगे जोड़ते हैं कि डीसीपी साहब के मैसेज के बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है. आगे जांच की जा रही है. साइबर सेल से भी रिपोर्ट ली जाएगी. आईपी एड्रेस और तमाम चीजें हम देख रहे हैं. ग्रुप एडमिन का पता लगाया जा रहा है कि इस ग्रुप को कौन-कौन चला रहा था, यह भी देखा जा रहा है.
उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब पत्रकारिता करना सबसे बड़ा अपराध बन गया है!
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
CEC Gyanesh Kumar’s defence on Bihar’s ‘0’ house numbers not convincing
-
Hafta 550: Opposition’s protest against voter fraud, SC stray dogs order, and Uttarkashi floods
-
TV Newsance 310: Who let the dogs out on primetime news?
-
If your food is policed, housing denied, identity questioned, is it freedom?
-
The swagger’s gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream