NL Interviews
मोदी युग की राजनीति: कल्ट, चुनाव और चुनौती
एनएल इंटरव्यू में इस बार सत्य हिंदी के को-फाउंडर और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष से बातचीत हुई. इस बातचीत का सबब हाल ही में आई उनकी क़िताब रिक्लेमिंग भारत बनी. किताब के बहाने आशुतोष से देश में बढ़ती सांप्रदायिक राजनीति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के रिश्तों और हिन्दू राष्ट्र के खतरों आदि समेत देश के सामयिक मुद्दों पर भी बातचीत हुई.
इसके अलावा आशुतोष ने मौजूदा सरकार, मीडिया की भूमिका, पत्रकारिता की गिरती विश्वसनीयता और अन्ना आंदोलन के समय की अपनी खुद की भूमिका पर भी बेबाकी से बात की. आशुतोष कहते है विचारधारा लोगों का समूह है और यह सत्ता का संघर्ष भी है.
इस दौरान आशुतोष भारतीय पत्रकारिता के पतन पर गहरी चिंता जताते हैं. वे कहते हैं कि 2014 के बाद जो पत्रकार कभी स्वतंत्रता और लोकतंत्र की बात करते थे, वे अब पूरी तरह खामोश या सत्ता के पक्ष में दिखते हैं. इसका कारण है सत्ता का डर और दबाव.
वे मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पॉलिटिक्स इज ऑल अबाउट पावर’ के सिद्धांत को बखूबी अपनाया है. इस माहौल में संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की आज़ादी का कोई मूल्य नहीं रह गया है, क्योंकि संस्थानों और पत्रकारों को डर है- कहीं जेल न हो जाए, पुलिस कार्रवाई न हो जाए, या पूरा संस्थान बंद न कर दिया जाए.
देखिए आशुतोष से पूरी बातचीत.
Also Read
-
How Jane Street played the Indian stock market as many retail investors bled
-
BJP govt thinks outdoor air purifiers can clean Delhi air, but data doesn’t back official claim
-
India’s Pak strategy needs a 2025 update
-
The Thackerays are back on stage. But will the script sell in 2025 Mumbai?
-
‘Oruvanukku Oruthi’: Why this discourse around Rithanya's suicide must be called out