Khabar Baazi
यूरोप दौरे के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल एमजे अकबर के नाम पर एनडब्ल्यूएमआई का विरोध
नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को यूरोप दौरे पर जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. यह प्रतिनिधिमंडल 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक पहल का हिस्सा है, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था.
18 मई को जारी एक बयान में, एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय महिलाओं की गरिमा और सम्मान की रक्षा के मिशन के रूप में प्रस्तुत किया गया है. जब इस मिशन को महिलाओं की इज़्ज़त और सम्मान से जोड़ा गया है, तो ऐसे व्यक्ति को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करना, जिस पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगे हों, पीड़ित महिलाओं को गलत संदेश देता है और लैंगिक न्याय के मुद्दों पर भारत की विश्वसनीयता को कम करता है."
एनडब्ल्यूएमआई की मांग हे कि भारत की छवि को बनाए रखने के लिए एमजे अकबर को प्रतिनिधिमंडल से हटाया जाए.
बता दें कि 2018 में भारत के #MeToo आंदोलन के दौरान कम से कम 20 महिलाओं, जिनमें से अधिकतर पत्रकार थीं, ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए थे. पत्रकार प्रिया रमानी ने आरोप लगाया था कि 1990 के दशक में नौकरी के एक इंटरव्यू के दौरान अकबर ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया था. इसके जवाब में अकबर ने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था.
फरवरी 2021 में, दिल्ली की एक अदालत ने प्रिया रमानी को बरी कर दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक महिला को यह अधिकार है कि वह वर्षों बाद भी किसी भी मंच पर अपनी पीड़ा को साझा कर सके. अदालत ने यह भी कहा कि किसी की प्रतिष्ठा का अधिकार, किसी महिला की गरिमा के अधिकार की कीमत पर सुरक्षित नहीं किया जा सकता. यह फैसला महिला अधिकारों और कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर भारत में एक मील का पत्थर माना गया.
हालांकि, अदालत के इस निर्णय के बावजूद, अकबर ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की, जो इस समय दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने एमजे अकबर पर लगे आरोपों और प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि मामले की विस्तृत रिपोर्टिंग की है. हमारी पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
Supreme Court’s stray dog ruling: Extremely grim, against rules, barely rational
-
Mathura CCTV footage blows holes in UP’s ‘Operation Langda’
-
Few questions on Gaza, fewer on media access: Inside Indian media’s Israel junket
-
Wanted: Menacing dogs for TV thumbnails
-
चुनाव आयोग का फ़ज़ीता, राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस और धराली आपदा का सच