NL Charcha
एनएल चर्चा 371: भारत-पाक संघर्ष विराम के बाद उठते सवाल और ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण
इस हफ़्ते चर्चा में विक्रम मिस्री और उनके परिवार की निजी जानकारी सार्वजनिक करके उनकी ट्रॉलिंग करने और भारत-पाकिस्तान संघर्ष के आलोक में भारत की विदेश नीति पर विस्तार से बात हुई.
इसके अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा- भारत-पाकिस्तान को व्यापार की धमकी देकर करवाया सीज़फायर के लिए राजी, मध्यप्रदेश में भाजपा के मंत्री कुंवर शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी, और चीन एवं अमेरिका के बीच अब टैरिफ वॉर का थमना भी हफ्ते भर की सुर्खियों में शामिल रहा.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, लेफ़्टिनेंट जनरल रामेश्वरम यादव और पूर्व आईपीएस अफसर यशवर्धन आज़ाद शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
ऑपरेशन सिंदूर पर भारत सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान से पहले संघर्षविराम की घोषणा की. ट्रंप उसके बाद से भी बार-बार सीज़फायर में मध्यस्थता की बात कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार से किसी बड़े राजनेता का इस पर कोई जवाब नहीं आता है.”
वहीं, कर्नल कुरैशी पर भाजपा मंत्री की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर यशवर्धन आज़ाद कहते है, “वर्दी को पहनने के बाद हमारा कोई धर्म नहीं होता, लेकिन कुछ मंत्री सबकी जातियां बताकर भ्रम फैला रहे हैं,”
सुनिए पूरी चर्चा-
टाइमकोड्स-
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
03:25 - सुर्खियां
22:10 - भारत-पाकिस्तान सीज़फायर में ट्रम्प का बयान
45:25- पाकिस्तान की भ्रामक ख़बरें
01:16:24 - सलाह और सुझाव
नोट: चर्चा में अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.
पत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
स्मिता शर्मा
टीसीए राघवन की किताब - द पीपल नेक्स्ट डोर
ब्रूकिंग्स वे पेपर- लेसन ऑफ़ द नेक्स्ट इंडिया पाकिस्तान वॉर
विकास जांगड़ा
बीबीसी हिंदी- कमांडर उदय भास्कर का इंटरव्यू
न्यूज़लॉन्ड्री- शशि थरूर का इंटरव्यू
अतुल चौरसिया
आशुतोष- रिक्लेमिंग भारत
चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा/मेघा भारद्वाज
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद, तीस्ता रॉय चौधरी
संपादन: आशीष आनंद
Also Read
-
TV Newsance 310: Who let the dogs out on primetime news?
-
If your food is policed, housing denied, identity questioned, is it freedom?
-
The swagger’s gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream
-
Inside Dharali’s disaster zone: The full story of destruction, ‘100 missing’, and official apathy
-
August 15: The day we perform freedom and pack it away