Media
'गुजरात समाचार' के दफ्तर और मालिकों के घर पहुंचा आयकर विभाग
बुधवार सुबह के साढ़े पांच बजे आधा दर्जन गाड़ियों का काफिला अहमदाबाद-गांधीनगर हाईवे पर स्थित गुजरात समाचार टीवी चैनल (जीएसटीवी) के दफ्तर पर रुका. काफिले में मुंबई आयकर विभाग की टीम के लोग थे. उनके साथ राज्य रिज़र्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) और गुजरात पुलिस के जवान भी थे. सबकी संख्या तकरीबन 40 के करीब बताई जा रही है.
अधिकारियों ने सबसे पहले जीएसटीवी का मुख्य द्वार बंद करवा दिया. उसके बाद अंदर जो कर्मचारी काम कर रहे थे उनके फोन बंद करवा कर एक जगह रख दिए गए.
गुजरात समाचार के प्रमुख और प्रधान संपादक श्रेयांश शाह, चैनल की बिल्डिंग के पीछे ही बने अपने घर में रहते हैं. इसमें से कुछ अधिकारी उनके यहां भी पहुंचे. उनका भी मोबाइल लेकर बंद (स्विच ऑफ) कर दिया गया. ख़बर लिखे जाने तक मोबाइल बंद ही है.
न्यूज़लॉन्ड्री को मिली जानकारी के मुताबिक, जीएसटीवी के अलावा गुजरात समाचार के खानपुर स्थित प्रिंट के दफ्तर, डिजिटल ऑफिस, श्रेयांश शाह के भाई बाहुबली शांतिलाल शाह, बेटे नीमम श्रेयांस शाह और अम्मां श्रेयांस शाह के घरों पर भी आयकर विभाग की टीम जांच कर रही है. उन सबके फोन भी जांच एजेंसी अपने कब्जे में ले चुकी है. कुल मिलाकर गुजरात समाचार से जुड़ी तक़रीबन दो दर्जन जगहों पर जांच चल रही है.
गुजरात समाचार से जुड़े संस्थानों और लोगों के साथ ही आयकर विभाग की टीम रियल एस्टेट कंपनी इस्कॉन ग्रुप के अहमदाबाद स्थित अलग-अलग ठिकानों पर भी जांच कर रही है. यह जानकारी पुलिस से जुड़े एक अधिकारी ने न्यूज़लॉन्ड्री से साझा की.
बुधवार शाम चार बजे जीएसटीवी में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि सुबह के करीब साढ़े पांच बजे अधिकारी आए थे. तब नाइट शिफ्ट के लोग काम कर रहे थे. उनके बाद मॉर्निंग शिफ्ट के लोग आते हैं. लेकिन नाइट शिफ्ट वालों को बाहर जाने से रोक दिया गया है. ये लोग ऑफिस में ही हैं. वहीं, दूसरे लोग जो अपनी शिफ्ट में आ रहे है. उनका फोन जमा करा लिया जा रहा है.
यहां के डिजिटल विंग में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि दोपहर तक तो अधिकारी किसी का भी फोन नहीं दे रहे थे. हमने उन्हें बताया कि खबरों के लिए फोन की ज़रूरत है. उसके बाद टीवी और डिजिटल के एक-एक कमर्चारी को फोन इस्तेमाल करने दिया जा रहा है.
इसी कमर्चारी ने आगे बताया कि टीवी और डिजिटल दोनों पर खबरें चल रही हैं. काम नहीं रुका है. हालांकि, प्रधान संपादक से बात नहीं हो पा रही है, ऐसे में ‘छापे’ से जुड़ी खबरें हम नहीं चला रहे हैं. संपादक से बात होने के बाद ही हम इससे जुड़ी खबर चलाएंगे.
आयकर विभाग के अधिकारी गुजरात समाचार के अकाउंट्स (आर्थिक लेखा-जोखा विभाग) से जुड़े कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं. इसके अलावा संपादकों और अन्य कर्मचारियों के कमरों में रखे दस्तावेज की भी जांच कर रहे हैं. टीम हेड को बुलाकर आयकर विभाग के अधिकारी जानकारी ले रहे हैं. वहीं, श्रेयांश शाह से भी पूछताछ चल रही है.
गौरतलब है कि गुजरात समाचार अपनी आलोचनात्मक पत्रकारिता के लिए जाना जाता है. जिसके कारण यह समय-समय पर सत्ता के निशाने पर भी रहा है. बीते कुछ महीनों से गुजरात समाचार अख़बार और टीवी चैनल दोनों का विज्ञापन प्रदेश सरकार ने बंद कर दिया है. यहां काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि जब कोई आलोचनात्मक खबर छपती है तो गुजरात सरकार विज्ञापन बंद कर देती है. फिर कुछ महीनों में शुरू कर देते है. यह सिलसिला चलता रहता है.
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले बाद भारत सरकार ने कई भारतीय मीडिया संस्थानों के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल को बंद कर दिया. उनमें गुजरात समाचार का हैंडल भी शामिल है. अभी भी वो बंद ही है. इसके पीछे का कारण वहां के कर्मचारियों को भी नहीं पता है.
डिजिटल विंग से जुड़े एक कमर्चारी ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि हमें इसे लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. 9 मई से एक्स हैंडल भारत में बंद है.
श्रेयांश शाह और उनका परिवार मीडिया संस्थान चलाने के अलावा दूसरे अन्य कारोबार से भी जुड़ा हुआ है.
श्रेयांश शाह के भाई बाहुबली शांतिलाल शाह 15 कंपनियों के डायरेक्टर हैं. जिसमें गुजरात समाचार लिमिटेड और लोक प्रकाशन लिमिटेड (जिसके तहत अख़बार निकलता है) के अलावा जीसीसीएल कंस्ट्रक्शन एंड रियलिटीज़ लिमिटेड, पारिजात इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, कैपिटानोवा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और जीसीसीएल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड आदि शामिल हैं.
वहीं, श्रेयांश शाह 18 कंपनियों और फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं. जिसमें जीसीसीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और श्रेयांस एंड स्मृति इन्वेस्टमेंट लिमिटेड आदि शामिल है. इनके बेटे और परिवार के दूसरे सदस्य भी ऐसे ही अलग-अलग कंपनियों से जुड़े हुए हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री ने विभाग के मुख्यालय की सूचना जनसंपर्क अधिकारी वी. राजिथा से संपर्क करने की कोशिश की. हालांकि, कई प्रयासों के बावजूद उनसे बात नहीं हो पाई. ऐसे में हमने उन्हें कुछ सवाल भेजे हैं. अगर उनका कोई जवाब आता है तो उसे ख़बर में शामिल किया जाएगा.
भ्रामक और गलत सूचनाओं के इस दौर में आपको ऐसी खबरों की ज़रूरत है जो तथ्यपरक और भरोसेमंद हों. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और हमारी भरोसेमंद पत्रकारिता का आनंद लें.
Also Read
-
A day in the life of an ex-IIT professor crusading for Gaza, against hate in Delhi
-
‘Total foreign policy failure’: SP’s Chandauli MP on Op Sindoor, monsoon session
-
Crossing rivers, climbing mountains: The story behind the Dharali stories
-
On the ground in Bihar: How a booth-by-booth check revealed what the Election Commission missed
-
Kalli Purie just gave the most honest definition of Godi Media yet