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पहलगाम में आतंकी हमला: अखबारों ने चश्मदीदों के हवाले से बयान किया खौफनाक मंजर
बीते रोज कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए आंतकी हमले में करीब 26 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 20 लोग अभी भी घायल बताए जा रहे हैं. मरने वालों में नेवी और आईबी अधिकारी के अलावा दो स्थानीय और दो विदेशी नागरिक भी शामिल बताए जा रहे हैं.
हालांकि, सरकार की ओर से भी अभी मृतकों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं साझा की गई है. आइए आज के प्रमुख हिंदी अखबारों के नई दिल्ली संस्करण में प्रकाशित ख़बरों के जरिए घटना को समझने की कोशिश करते हैं.
भास्कर के मुताबिक, यह पर्यटकों पर बीते 25 सालों का सबसे बड़ा हमला है. आतंकियों ने ये हमला दोपहर में करीब 2:45 बजे किया. उन्होंने एक-एक कर लोगों को निशाना बनाया. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है.
भास्कर की मानें तो आतंकियों ने पहलगाम को इसीलिए चुना क्योंकि बीते साल घाटी में आए कुल 25 लाख पर्यटकों में 22 लाख पहलगाम में आए थे. साथ ही यहां सुरक्षाबलों की गैरमौजदूगी ने भी इसे आसान निशाना बनाया. वहीं, पास ही जंगलों के चलते आतंकियों का घटना को अंजाम देकर भागना भी आसान था, इसीलिए पहलगाम चुना गया.
इसके अलावा भास्कर ने उन 22 लोगों के नाम भी प्रकाशित किए हैं, जो इस हमले में मारे गए और जिनकी पहचान हो चुकी है.
दैनिक जागरण के मुताबिक, आतंकियों ने पर्यटकों से घूम-घूम कर धर्म पूछा और करीब से गोली मारी. करीब 30 मिनट तक यह हमला जारी रहा.
अखबार ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से लिखा है कि पहलगाम के बैसरन में मंगलवार को बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे. कुछ लोग वहां बने ओपन रेस्त्रां में भोजन कर रहे थे. इसी दौरान पांच आतंकी वर्दी में पहुंचे. एक दरवाजे पर ठहर गया और चार लोगों ने अंदर घुसते ही गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इसके बाद स्थानीय लोगों ने ही पुलिस को फोन किया.
जागरण ने इसके अलावा साल 2000 से अब तक कश्मीर घाटी में हुए बड़े आतंकी हमलों की भी सूची प्रकाशित की है. साथ ही लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस हमले से आक्रोशित हैं.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, पर्यटकों और विदेशी नागरिकों के अलावा कुछ स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं और कुछ घोड़ों को भी गोली लगी है. ज्यादातर हताहत टूरिस्ट कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से हैं.
अखबार ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि आतंकी जम्मू के किश्तवाड़ से साउथ कश्मीर के कोकरनाग होते हुए बैसरन पहुंचे होंगे. यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होनी और पर्यटन का सीजन भी जोर पकड़ने लगा है.
फिलहाल, स्थानीय प्रशासन ने श्रीनगर में एमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है और लोगों की मदद के लिए फोन नंबर भी जारी किए हैं.
अमर उजाला के मुताबिक, पुलवामा के बाद जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा हमला है. इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. हमले के बाद सऊदी अरब की यात्रा बीच में ही छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश लौट रहे हैं. उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा की है. वहीं, हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वे भारत के साथ खड़े हैं.
अखबार ने हमले में मारे गए तीन लोगों के परिजनों के हवाले से लिखा कि आतंकियों ने लोगों के कपड़े उतरवाकर धार्मिक पहचान की और गोली मार दी. कर्नाटक के शिवमोगा के कारोबारी मंजूनाथ की भी हत्या कर दी. उनकी पत्नी ने बताया कि आतंकियों ने कहा कि तुम्हें गोली नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो.
जागरण में इकलौता संपादकीय
पहलगाम में हुए आंतकी हमले को लेकर हिंदी के सिर्फ दैनिक जागरण में ही आज एक मात्र संपादकीय प्रकाशित हुआ है. बाकी अखबारों जैसे अमर उजाला, भास्कर और नवभारत टाइम्स के दिल्ली अंक में इसे लेकर कोई संपादकीय प्रकाशित नहीं हुआ. अ
दैनिक जागरण ने अपने संपादकीय में इस हमले के लिए पीछे पाकिस्तान का हाथ करार दिया और कहा कि भारत को इस मामले में सख्त और अनिवार्य कदम उठाने होंगे.
दैनिक भास्कर में आज संपादकीय पेज नहीं है. उसकी जगह विश्व पुस्तक दिवस को समर्पित पेज है. अमर उजाला में संपादकीय पन्ने प्रवाह पर यूपीएससी को लेकर संपादकीय प्रकाशित हुआ है. मालूम हो कि बीते दिन ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बीते साल का परीक्षा परिणाम जारी किया है. इसके अलावा नवभारत टाइम्स में अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर संपादकीय है.
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