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डाटा प्रोटेक्शन कानून पत्रकारिता को पीआर बना देगा, ओपन मीटिंग में डीपीडीपी एक्ट पर चर्चा
सोमवार की शाम चार बजे संसद भवन से महज सौ मीटर दूर स्थित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में मीडिया संगठन, इंडियन विमेंस प्रेस कॉर्प (आईडब्ल्यूपीसी), एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई), दिल्ली यूनियन जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) और डिजिपब द्वारा संयुक्त रूप से खुली बैठक बुलाई गई. जिसमें डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) कानून के पत्रकारिता पर पड़ने वाले असर पर चर्चा की गई.
यहां विशेषज्ञ के रूप में पहुंची सतर्क नागरिक संगठन से जुड़ी अंजलि भारद्वाज ने बताया कि डीपीडीपी आम लोगों के साथ-साथ मीडिया को भी बुरी तरह से प्रभावित करेगा. अंजलि ने कहा, “यह मीडिया को पीआर बना देगा क्योंकि इस नियम के तहत आपको जिस शख़्स के बारे में लिखना है, उससे इजाज़त लेनी होगी. आख़िर कोई भ्रष्टाचार करने वाला अपने बारे में लिखने की इजाज़त क्यों देगा.”
यहां आए दूसरे मीडिया संगठनों के लोगों ने यहीं बातें दोहराई. इस बार एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भी लिखा है.
प्रेस क्लब की उपाध्यक्ष संगीता बरुआ पिशारोती ने कहा कि सभी मीडिया संगठन मिलकर केंद्रीय मंत्री से मिलने का समय लेंगे और मांग करेंगे कि इस क़ानून में पत्रकारों को छूट दी जाए.
देखिए हमारी ये रिपोर्ट.
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