Khabar Baazi
पत्रकार सिद्दीक कप्पन का आरोप- आधी रात घर पहुंची केरल पुलिस
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और उनके परिवार का आरोप है कि देर रात पुलिस की एक टीम मल्लापुरम स्थित उनके घर पहुंची. परिवार ने कहा कि यह उनके लिए काफी डरावना था.
पत्रकार की पत्नी रहाई नाथ कप्पन ने कहा, “पुलिस अधीक्षक ने आधी रात के वक्त पूछा कि क्या सिद्दीकी घर पर हैं. उन्होंने कहा कि मल्लापुरम से एक टीम इनके घर का निरीक्षण करने और कप्पन की उपस्थिति देखने आई है.”
रहाई नाथ कहती हैं, "पुलिस ने बताया कि यह नियमित चेकिंग है, हालांकि, ऐसा लगा नहीं."
वन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कप्पन के वकील मोहम्मद दानिश के.एस. ने घर आए पुलिसकर्मियों से बात की और कहा कि देर रात इस तरह घर आना असामयिक निरीक्षण आदेश के दायरे से बाहर है क्योंकि कप्पन जमानत की सभी शर्तों का पालन कर रहे हैं.
मीडिया से बात करते हुए कप्पन ने बताया कि पुलिस का इस तरह शनिवार देर रात घर पर आना डराने की कार्रवाई लगती है. उन्होंने दावा किया कि वेंगारा में कप्पन के घर पर पुलिस का आना पहले भी कभी-कभार होता रहा है लेकिन इस बार घर आने से पहले पुलिस ने कथित तौर पर पड़ोसियों से पूछताछ की है.
गौरतलब है कि साल 2020 में कप्पन को गिरफ़्तार कर लिया गया था, जब वह दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार, मर्डर और पुलिस द्वारा आपत्तिजनक तरीके से शव को जलाने की रिपोर्ट करने हाथरस जा रहे थे.
पुलिस ने कप्पन पर कानूनी प्रक्रिया में बाधा बनने और हाथरस में लॉ एण्ड ऑर्डर बिगाड़ने का आरोप लगाया. पुलिस के अनुसार, कप्पन पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ जुड़े हुए थे, जो यूएपीए के तहत नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे आंदोलन की फंडिंग कर रही थी. इसे इंडिया में बैन कर दिया गया है. एफआईआर में कप्पन के अलावा 4 और लोगों का नाम हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर, 2022 में इलाहाबाद कोर्ट के फ़ैसले को बदलते हुए कप्पन को यह कहते हुए जमानत दे दी कि हर व्यक्ति को स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार है.
जमानत की शर्त के अनुसार, कप्पन को 6 हफ्ते दिल्ली में बिताने थे. अपना पासपोर्ट जांच एजेंसी को सुपुर्द करना था और हर सोमवार को पुलिस स्टेशन में हाज़िरी लगानी थी. इसके बाद साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को हर सोमवार पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने वाली शर्त में छूट दे दी थी.
न्यूज़लॉन्ड्री को दिए इंटरव्यू में कप्पन ने यूएपीए केस, असहमति और उनके जेल के सफर पर विस्तार से बात की है. इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें.
Also Read
-
Lucknow’s double life: UP’s cleanest city rank, but filthy neighbourhoods
-
Govt ‘idiotically misinterpreted’ organisation’s reply: Sonam Wangchuk’s wife on FCRA license cancellation
-
Delays, poor crowd control: How the Karur tragedy unfolded
-
‘Witch-hunt against Wangchuk’: Ladakh leaders demand justice at Delhi presser
-
September 29, 2025: Another season of blame game in Delhi soon?