Khabar Baazi
महिला दिवस पर तीन पत्रकारों को बीजेपी ने व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर किया
27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद विधानसभा के पहले सत्र में ही चुनिंदा पत्रकारों को विधानसभा परिसर में घुसने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई थी. बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के हस्तक्षेप पर इन पत्रकारों को प्रवेश दिया गया.
कुछ दिन बाद आठ मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दिल्ली बीजेपी ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप से तीन महिला पत्रकारों को निकाल बाहर किया. इसमें आईएएनएस से जुड़ी गुलीशा मुंसिफ, लाइव टाइम्स से जुड़ीं शालिनी और न्यूज़ इंडिया से जुड़ीं भावना शामिल हैं. इन्हें ग्रुप से क्यों निकला गया इसका कोई कारण बीजेपी की तरफ से नहीं दिया गया है.
तीनों महिला पत्रकारों को दिल्ली बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख प्रवीण कपूर ने व्हाट्सएप से हटाया है. वजह जानने के लिए हमने उनको फोन किया तो होली उत्सव में मौजूद होने की बात कहते हुए हमें बाद में बात करने के लिए कहा. उसके बाद से उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया. जिसके बाद हमने उन्हें कुछ सवाल भेजे हैं. अगर उनका कोई जवाब आता है तो उसे इस ख़बर में जोड़ दिया जाएगा.
आतिशी के साथ फोटो लगाना बना अपराध!
इन तीनों महिला पत्रकारों को ग्रुप से हटाने की वजह दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विपक्ष की नेता आतिशी सिंह के साथ महिला दिवस के मौके पर तस्वीर लेना बताया जा रहा है.
दरअसल, महिला दिवस के मौके पर इन तीनों ने आतिशी के साथ तस्वीर खिंचाई और उसके कुछ ही घंटे बाद रात में 12 बजे के करीब तीनों को व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया.
ग्रुप से हटाई गई एक पत्रकार ने बताया कि महिला दिवस के मौके पर हम आतिशी से मिले थे. वो विपक्ष की नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री हैं. उसके बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के यहां भी गए. उन्होंने महिला पत्रकारों को अपने यहां बुलाया था. वहां प्रवीण कपूर भी मिले थे. समान्य दिनों की तरह बातचीत हुई और रात में देखते हैं तो उन्होंने हमें ग्रुप से हटा दिया.’’
आपको क्यों लगता है कि आतिशी के फोटो के कारण हटाया गया है? इसपर पत्रकार कहती हैं, ‘‘दूसरा कोई कारण फिलहाल नजर नहीं आ रहा है. मैं लंबे समय से इस ग्रुप से जुड़ी हूं. बीजेपी और ‘आप’ दोनों कवर करती हूं. ऐसे में मुझे हटाने का क्या कारण होगा? उसमें कई और पत्रकार हैं सिर्फ हम तीनों को ही हटाया गया.’’
हटाई गई दूसरी पत्रकार बताती हैं, ‘‘आतिशी के साथ तस्वीर ही हमें ग्रुप से हटाने का कारण बना लेकिन इसके पीछे हमारे अपने कुछ पत्रकार साथी हैं जो बीजेपी कवर करते हैं. मैं ‘आप’ और दिल्ली सरकार कवर करती हूं. दिल्ली में सरकार बदल गई तो ऑफिस के कहने पर मैं बीजेपी के ग्रुप में शामिल हुई ताकि सरकार और पार्टी की सूचनाएं मिल जाएं, लेकिन जो बीजेपी कवर करने वाले पत्रकार हैं, उनको इससे परेशानी होने लगी. आतिशी सिंह के साथ की तस्वीर में उन्हें मौका मिला और हमें हटा दिया गया.’’
दिल्ली में पत्रकारों को ग्रुप से निकाला जाना कोई नई बात नहीं है. आप आदमी पार्टी की सरकार में सबसे पहले एनडीटीवी के पत्रकार रवीश रंजन शुक्ला को पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप से हटाया गया. दरअसल, उन्होंने गोपाल राय से ऑड-इवन को लेकर सवाल पूछ लिया था. सवाल पूछने के बाद राय के मीडिया सलाहकार नाराज़ हो गए. जिसके बाद शुक्ला ने एक ब्लॉग लिखा, जिसे एबीपी के जैनेन्द्र कुमार और दूसरे पत्रकारों ने साझा किया. जिसके बाद एक साथ 12 पत्रकारों को ग्रुप से बाहर कर दिया गया.
Also Read
-
Operation Sindoor debate: Credit for Modi, blame for Nehru
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
Air India crash: HC dismisses plea seeking guidelines for media coverage