Video
महाकुंभ में दर्जनों मौत, लंबे जाम, भीड़ और ‘अव्यवस्था’ पर भारी पड़ रही आस्था?
महाकुंभ पर न्यूज़लॉन्ड्री की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ का यह पहला भाग है. दूसरा भाग जल्द ही रिलीज़ होगा.
महाकुम्भ करोड़ों लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है. बीती मौनी अमावस्या के दिन स्नान से पहले रात में मची भगदड़ के बाद से मेला प्रबंधन तमाम सवालों के घेरे में दिखाई दे रहा है. लेकिन अभी भी लोगों में यहां आने को लेकर उत्साह कम होता नजर नहीं आ रहा है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने न्यूज़्लॉन्ड्री को भगदड़ वाले दिन प्रशासन की ओर से बरती गई 10 लापरवाहियों का जिक्र किया. ये दर्शाती हैं कि कैसे श्रद्धालुओं की सुरक्षा की अनदेखी की गई. संगम के दूसरी तरफ झूंसी में हमें 5 अन्य जगहों के बारे में भी पता चला जहां भगदड़ का भयानक मंज़र देखने को मिला था और लोगों की जानें गई.
पिछले 10 दिनों में मेला क्षेत्र में करीब 80 किलोमीटर पैदल चलकर हमने विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु और कुछ हिंदुत्व संगठनों से भी बातचीत की. साथ ही धर्म संसद के जरिए ये समझने का प्रयास किया कि आखिर हिन्दुओं के इस समागम के मुद्दे क्या हैं.
क्या मेले के माध्यम से और उससे जुड़े प्रचार के द्वारा किसी विशेष तरह के राजनीतिक हित को साधने का प्रयास किया जा रहा है?
जानने के लिए देखिए आकांक्षा कुमार की ये खास रिपोर्ट.
Also Read
-
‘Justice for Zubeen Garg’: How the iconic singer’s death became a political flashpoint in Assam
-
Will Delhi’s air pollution be the same this winter?
-
The menstrual leave policy in Karnataka leaves many women behind
-
Public transport falters, petrol sales rise: Can Delhi’s EV policy fill the gap?
-
सूर्पनखा के सोलह अवतार, डंकापति का दरबार और दलित आईपीएस की आत्महत्या