Report
चट हादसा, पट मुआवज़ा: रेलवे को नकद मुआवज़ा बांटने की जल्दबाजी क्यों
भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने, शनिवार रात को हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को दिल्ली के तीन अस्पतालों के मुर्दाघरों के बाहर बड़ी मात्रा में नकदी बांटी. हर मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये तक कैश दिया गया.
जबकि साल 2023 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, रेलवे "तत्काल राहत" के लिए केवल 50,000 रुपये तक की नकदी दे सकता है. बाकी राशि का भुगतान चेक, आरटीजीएस या एनईएफटी, अथवा भुगतान के किसी अन्य ऑनलाइन मोड के ज़रिए किया जाना चाहिए. इन दिशा-निर्देशों में अनुग्रह राशि बांटने के बारे में साफ-साफ उल्लेख है.
दिशा-निर्देश कहते हैं:
“शुरुआती खर्चों को पूरा करने के लिए तत्काल राहत के रूप में 50,000 रुपये तक की अधिकतम राशि नकद में दी जानी चाहिए. शेष राशि का भुगतान अकाउंट पेयी चेक/आरटीजीएस/एनईएफटी/किसी अन्य ऑनलाइन भुगतान मोड से किया जाना चाहिए. रेलवे यदि उचित समझे तो अनुग्रह राशि/बढ़ी हुई अनुग्रह राशि का पूरा भुगतान अकाउंट पेयी चेक/आरटीजीएस/एनईएफटी/किसी अन्य ऑनलाइन भुगतान माध्यम से कर सकता है.”
गौरतलब है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. रविवार को दोपहर तक लगभग सभी शवों को तीन अस्पतालों- डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल से परिवारों द्वारा घर ले जाया गया.
बाद में, उसी दिन रेलवे ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5-2.5 लाख रुपये और “सामान्य” चोटों के लिए 1 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि की घोषणा की. हमारे गणित के अनुसार, घायलों और मृतकों के रिश्तेदारों को कुल 1.99 करोड़ रुपये वितरित किए गए. जिनमें से 1.8 करोड़ रुपये सिर्फ उन 18 लोगों के परिवारों को दिए गए जिनके किसी परिजन की मृत्यु हो गई.
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने न्यूज़लॉन्ड्री से पुष्टि की कि अनुग्रह राशि का भुगतान सभी परिवारों को नकद में किया गया.
उन्होंने कहा, “ऑनलाइन भुगतान का इंतज़ार किए बिना सभी को नकद दिया गया. जो लोग 10 लाख रुपये के पात्र थे, उन्हें भी नकद दिया गया.”
जब न्यूज़लॉन्ड्री ने उनसे 2023 के नियमों के बारे में पूछा, तो उपाध्याय ने कहा, “परिवारों को दिए गए पैसे का एक हिस्सा अनुग्रह राशि और बाकी मुआवजा था.”
जब न्यूज़लॉन्ड्री ने उपाध्याय से पूछा कि नकद में से कितना अनुग्रह राशि और मुआवज़ा है, तो उन्होंने जवाब दिया, "मैं जांच करके आपको बताऊंगा." हालांकि, रेलवे की प्रेस रिलीज़ में सिर्फ़ अनुग्रह राशि की बात की गई है, मुआवजे की नहीं.
न्यूज़लॉन्ड्री ने उपाध्याय को इस बारे में प्रश्न भी भेजे हैं जिनमें हमने पूछा कि क्या इस तरह पैसों का वितरण साल 2023 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है? किसी परिवार को 10 लाख रुपये नकद मिलना क्या सामान्य प्रक्रिया है? उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है; अगर वे जवाब देते हैं तो इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि नकद राशि इसलिए दी गई क्योंकि वो रेलवे के पास तुरंत उपलब्ध थी. अधिकारी ने कहा, "यह बिना किसी देरी के तत्काल राहत प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था."
न्यूज़लॉन्ड्री ने भगदड़ के दौरान मारे गए छह लोगों के परिवारों से भी बात की. ज्यादातर पीड़ित महाकुंभ में भाग लेने के लिए प्रयागराज जा रहे थे. दिल्ली के बिजवासन में किराना स्टोर चलाने वाले राजू कुमार ने कहा कि उनके चाचा प्रभु शाह को उनकी 24 वर्षीय बेटी बेबी कुमारी की मृत्यु के बाद 10 लाख रुपये नकद दिए गए. रविवार को सुबह 4 बजे लेडी हार्डिंग अस्पताल के शवगृह के बाहर यह रकम सौंपी गई.
उन्होंने कहा, "यह मामले को जल्द से जल्द निपटाने के लिए किया गया था." उन्होंने आगे कहा कि शाह अपनी बेटी के शव को बिहार के मोतिहारी में अपने घर ले जा रहे थे. न्यूजलॉन्ड्री को शव सौंपे जाने से ठीक पहले शाह को रेलवे अधिकारी से पैसे लेते हुए एक फोटो दिखाई गई.
संदेश कुशवाहा के 47 वर्षीय चचेरे भाई मनोज कुशवाहा भगदड़ में मारे गए थे, उन्होंने भी पुष्टि की कि रेलवे के एक अधिकारी ने सुबह 5 बजे लेडी हार्डिंग अस्पताल में 10 लाख रुपये नकद सौंपे.
राज कुमार, ने कहा कि उन्हें "सुबह 4 बजे केवल 5 लाख रुपये" दिए गए. राज कुमार की बेटी इस हादसे में मारी गईं.
मोहित मलिक की पत्नी संगीता मलिक 35 वर्ष की थीं. उन्होंने कहा कि सुबह 9 बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह के बाहर उन्हें 10 लाख रुपये नकद मिले.
वीरेंद्र सिंह की 34 वर्षीय पत्नी पूनम भी हादसे का शिकार हुईं. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्हें सुबह 6:30 बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह के बाहर एक अधिकारी ने 10 लाख रुपये नकद बताकर कुछ दिया. उनका कहना था कि, "मैंने अभी तक पैसे गिने नहीं हैं."
प्रेस सूचना ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक और रेल मंत्रालय के प्रभारी पीआईबी अधिकारी धर्मेंद्र तिवारी ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि अनुग्रह राशि की घोषणा सुबह करीब 11 बजे की गई थी. फिर घोषणा से बहुत पहले ही नकद राशि क्यों वितरित की जा रही थी?
तिवारी ने जवाब में कहा, "भले ही मीडिया को बाद में बताया गया हो, लेकिन हमने आदेश का पालन करना शुरू कर दिया था. इसलिए हमने सुबह 4 बजे ही राशि वितरित करना शुरू कर दिया था."
Also Read
-
Swachh Bharat dream vs Delhi ground reality: ‘Struggle to breathe, a landfill within colony’
-
Gold and gated communities: How rich India’s hoarding fuels inequality
-
Uttarkashi: No power, no calls, families anxious for news of the missing
-
Uttarakhand disaster: Why experts say it was not a cloudburst
-
उत्तरकाशी के धराली का सच क्या है, बादल फटा… या कुछ और?