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दिल्ली में दलित मतदाताओं ने किसे चुना, क्या कहते हैं आंकड़े?
दिल्ली विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार जीत हासिल करती आ रही आम आदमी पार्टी (आप) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पटखनी दे दी. 70 सदस्यों वाली विधानसभा में इस बार 48 सीटों पर भाजपा तो वहीं आप मात्र 22 सीटों पर सिमट गई. जबकि कांग्रेस ने हार की हैट्रिक लगा दी और अपना खाता भी नहीं खोल पाई. हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच वोट शेयर का अंतर महज दो प्रतिशत ही (1.99 फीसदी) रहा. चुनाव से पहले और नतीजों के बाद भी बार-बार ये सवाल उठा कि दलित वोट किसकी झोली में गए.
सबसे पहले रिजर्व सीटों की बात करें तो दिल्ली में 12 आरक्षित सीटें हैं. इनमें से भाजपा को चार तो वहीं ‘आप’ को आठ सीटों पर जीत मिली है. इन सभी सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर रही.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तो दिल्ली का चुनाव लड़ती रही है लेकिन इस बार चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व वाली आज़ाद समाज पार्टी कांशीराम (एएसपी) ने भी कई विधानसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई. हालांकि, बसपा और एएसपी कोई ऐसा फ़ैक्टर नहीं साबित हो पाई जिससे जीत-हार पर निर्णायक असर पड़ता. बसपा महज 0.58 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाई.
इन 12 सीटों में से बवाना, मंगोलपुरी, मादीपुर और त्रिलोकपुरी भाजपा के खाते में गईं. जबकि आठ सीटें सुल्तानपुर माजरा, करोल बाग, पटेल नगर, देवली (यहां भाजपा ने एलजेपी-राम विलास के उम्मीदवार को टिकट दिया था), अंबेडकर नगर, कोंडली, सीमापुरी और गोकुलपुर पर ‘आप’ ने जीत दर्ज की है.
बता दें कि दिल्ली में 36 सीटें ऐसी हैं, जहां पर दलित समुदाय की आबादी 15 फीसदी से अधिक है.
वो चार सींटे जिन पर भाजपा ने दर्ज की जीत
बवाना सीट की बात करें तो यहां से भाजपा के रविंद्र इंदराज सिंह ने ‘आप’ के जय भगवान उपकार को 31,475 वोटों से हरा दिया है. रविंद्र इंदराज सिंह को 1,19,515 तो जय भगवान उपकार को 88,040 वोट मिले हैं. कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार को 18,713 तो बसपा उम्मीदवार हीरालाल को 1557 वोट मिले.
दूसरी सीट मंगोलपुरी पर भाजपा के राजकुमार चौहान ने ‘आप’ के उम्मीदवार राकेश जाटव को 6255 वोटों से हरा दिया. चौहान को कुल 62,007 वोट मिले तो जाटव को 55,752 वोट मिले हैं. कांग्रेस के उम्मीदवार हनुमान चौहान को 3784 और बसपा उम्मीदवार मुकेश कुमार को 724 वोट मिले.
मादीपुर विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार कैलाश गंगवाल ने जीत दर्ज की है. उन्होंने ‘आप’ की राखी बिड़ला को 10,899 वोटों से मात दी है. गंगवाल को 52,019 तो बिड़ला को 41,120 वोट मिले हैं. जबकि यहां से कांग्रेस उम्मीदवार जे.पी. पंवार को 17,958 और बसपा उम्मीदवार रूप सिंह अहीरवार को 321 वोट मिले.
त्रिलोकपुरी विधानसभा से भाजपा के रवि कांत ने जीत दर्ज की है. उन्होंने ‘आप’ की उम्मीदवार अंजना पारचा को 392 वोटों से हराया है. भाजपा उम्मीदवार को यहां 58,217 तो अंजना को 57,825 वोट मिले हैं. कांग्रेस उम्मीदवार अमरदीप को 6147 तो बसपा उम्मीदवार नंदलाल को 1322 वोट मिले हैं.
वो 8 सीटें जिन पर ‘आप’ ने दर्ज की जीत
सुल्तानपुर माजरा से ‘आप’ के उम्मीदवार मुकेश कुमार अहलावत ने जीत दर्ज की है. उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी कर्म सिंह कर्मा को 17,126 वोटों से मात दी. अहलावत को 58,767 वोट तो कर्मा को 41,641 वोट मिले हैं. कांग्रेस उम्मीदवार जय किशन को 8,688 और बसपा उम्मीदवार कुलवंत राणा को 1,885 वोट मिले हैं.
करोल बाग से ‘आप’ के विशेष रवि ने जीत दर्ज की है. उन्होंने भाजपा के दुष्यंत गौतम को 7,430 वोटों से हराया है. रवि को 52,297 जबकि गौतम को 44,867 वोट मिले हैं. यहां कांग्रेस उम्मीदवार राहुल कुमार को 4,252 तो बसपा उम्मीदवार रणजीत को 626 वोट मिले हैं.
पटेल नगर से ‘आप’ के उम्मीदवार प्रवेश रत्न ने जीत दर्ज की है. उन्होंने भाजपा के राजकुमार आनंद को 4,049 वोटों से मात दी है. रत्न को 57,512 और आनंद को 53,463 वोट मिले हैं. यहां कांग्रेस उम्मीदवार को 4,654 और बसपा उम्मीदवार राम अवतार को 714 वोट मिले हैं.
देवली विधानसभा से ‘आप’ के उम्मीदवार प्रेम चौहान ने भाजपा समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार दीपक तंवर को 36,680 वोटों से हराया है. चौहान को 86,889 वोट मिले हैं. वहीं, तंवर को 50,209 मत मिले. यहां कांग्रेस उम्मीदवार राजेश चौहान को 12,211 और बसपा उम्मीदवार अस्मिता को 2,581 वोट मिले हैं.
अंबेडकर नगर से ‘आप’ के उम्मीदवार डॉ. अजय दत्त ने भाजपा के खुशीराम चुनार को 4230 वोटों से हराया है. दत्त को 46,285 वहीं चुनार को 42,055 मतदान मिले. कांग्रेस उम्मीदवार जय प्रकाश को यहां 7,172 जबकि बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सेवा दास को 397 वोट मिले.
कोंडली से ‘आप’ उम्मीदवार कुलदीप कुमार मोनू ने जीत दर्ज की. उन्होंने भाजपा की प्रियंका गौतम को 6,293 वोट से हराया है. ‘आप’ को 61,792 तो भाजपा को 55,499 वोट मिले हैं. यहां कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कुमार को 7,230 और बसपा उम्मीदवार मुकेश कुमार को 2,438 वोट मिले हैं.
सीमापुरी से ‘आप’ के उम्मीदवार वीर सिंह धींगान ने जीत दर्ज की है. धींगान को 66,353 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्विंदी भाजपा उम्मीदवार कुमारी रिंकू को 55,985 वोट मिले. इस तरह जीत का अंतर 10,368 वोट का रहा. कांग्रेस उम्मीदवार राजेश लिलौठिया को 11,823 और बसपा उम्मीदवार मनोज को 867 वोट मिले हैं.
गोकलपुर से ‘आप’ उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार ने जीत दर्ज की है. कुमार को यहां से 80,504 वोट मिले जबकि भाजपा के प्रवीन निमेश को 72,297 वोट मिले हैं. सुरेंद्र ने निमेश को 8,207 मतो से हराया है. यहां कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार ईश्वर सिंह को 5905 और बसपा उम्मीदवार लाल सिंह को 2,562 वोट मिले हैं.
2020 के नतीजों पर एक नजर
बीते विधानसभा चुनाव यानि 2020 की बात करें तो इन सभी 12 रिजर्व सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा था. ‘आप’ को इन आरक्षित सीटों से 62.45% वोट मिले थे और भाजपा को 35.19% मत प्राप्त हुए थे. अगर 2025 के आंकड़ों को देखें तो इस बार ‘आप’ को इन आरक्षित सीटों पर 47.10% वोट मिले हैं और भाजपा को 43.99% मत प्राप्त हुए हैं.
झुग्गियों में रहने वाले लोगों और दलितों ने आप पर ही अपना विश्वास कायम रखा. शायद यही वजह रही कि 12 में से 8 पर ‘आप’ तो 4 पर भाजपा ने जीत हासिल की.
इस बार दलितों ने किसे चुना
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली मे 36 सीटें ऐसी हैं. जहां पर दलितों की संख्या 15 फीसदी से ज्यादा है. इस बार इनमें से 21 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. वहीं, आप ने 10 सीटें जीती हैं, जहां पर दलितों का आबादी 20 फीसदी से अधिक है और सात सीटें ऐसी भी जीती हैं, जहां पर दलितों की आबादी 25 फीसदी से ज्यादा है.
2020 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ ने दिल्ली की 70 में से 62 सीटों पर कब्जा किया था. भाजपा ने दलितों की महत्वपूर्ण मौजूदगी वाली 36 सीटों में से सिर्फ़ एक रोहतास नगर जीती थी. जिसे पार्टी ने इस बार भी हासिल कर लिया है. रोहतास नगर में 19.9 फीसदी दलित आबादी है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, सुल्तानपुर माजरा में 44%, करोल बाग में 41%, गोकलपुर में 37%, मंगोलपुरी में 36% त्रिलोकपुरी में 32%, अंबेडकर नगर में 31%, सीमापुरी में 31%, मादीपुर में 29%, कोंडली में 27%, देवली में 27%, बवाना में 24% और पटेल नगर में 23 फीसदी दलित मतदाता हैं.
इन 12 सीटों के अलावा, राजिंदर नगर में 22%, वजीरपुर में 22%, तुगलकाबाद में 22%, बल्लीमारान में 22%, नांगलोई जाट में 21% और नरेला में 21% दलित मतदाता हैं.
भाजपा ने बवाना, मंगोलपुरी, मादीपुर और त्रिलोकपुरी आरक्षित चार सीटें जीतने के अलावा ऐसी सीटों पर भी जीत हासिल की हैं, जहां पर दलित मतदाता 20 फीसदी से ज्यादा हैं. इनमें वजीरपुर, राजेद्र नगर, नांगलोई जाट और नरेला शामिल है. 2020 में इन सभी सीटों पर ‘आप’ ने जीत हासिल की थी.
पिछली बार जहां दलित मतदाता कम संख्या में हैं, वहां भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इनमें रोहिणी में 6 फीसदी, करावल नगर में 8 फीसदी, लक्ष्मी नगर में 9 फीसदी, गांधी नगर में 11 फीसदी, बदरपुर में 12 फीसदी, विश्वास नगर और घोंडा में 13-13 फीसदी मतदाता दलित हैं.
भाजपा ने कब-कब आरक्षित सीटों पर दर्ज की जीत
भाजपा ने 1993 में 8 सीटों, 2003, 2008 और 2013 में 2-2 सीटों और इस बार 4 रिज़र्व सीटों पर जीत हासिल की है. इस बीच भाजपा 1998, 2015 और 2020 के चुनावों में एक भी रिज़र्व सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई.
दलित वोटर्स को पहले कांग्रेस का कोर वोटर माना जाता था. हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी के आने के बाद से दलितों का झुकाव ‘आप’ की तरफ हो गया.
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