संगम विहार के स्थानीय निवासी की तस्वीर
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‘वो बस चुनाव में आते हैं’: एशिया की सबसे बड़ी अनाधिकृत कॉलोनी में इस बार कितनी आसान है AAP की राह

एशिया की सबसे बड़ी अनाधिकृत कॉलोनी संगम विहार में रहने वाले एक लाख से ज़्यादा मतदाताओं के लिए कुछ ख़ास नहीं बदला है. यह इलाका बुनियादी नागरिक मुद्दों जैसे कि ओवरफ़्लो करने वाली नालियां, खराब सफ़ाई व्यवस्था, अपर्याप्त जल आपूर्ति और खराब सड़कों के साथ-साथ बढ़ती अपराधिक घटनाओं से जूझ रहा है.

आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया की लगातार दो बार चुनावी जीत और उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली के मुख्य सचिव सहित अधिकारियों के दौरे और आश्वासनों के बावजूद यहां कोई खास बदलाव नहीं आ पाया है.  

स्थानीय निवासी मुकेश गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 2019 में राष्ट्रीय राजधानी को लंदन और पेरिस जैसा बनाने की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, "पेरिस को छोड़ो, कम से कम दिल्ली तो बनाओ." 

एक दूसरे स्थानीय निवासी कहते हैं, "किसी को परवाह नहीं है. वे केवल चुनाव के समय आते हैं. जो भी आता है, बस फूल-मालाओं का आदान-प्रदान करता है." 

न्यूज़लॉन्ड्री ने संगम विहार में मतदाताओं से बात की ताकि हम उन मुद्दों को समझ सकें जो उनके लिए सबसे अधिक मायने रखते हैं. साथ ही जानने की कोशिश की कि आखिर वे लोग इन पर क्या सोचते हैं. 

देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.  

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