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इजरायली सेना के हमले में 19 वर्षीय फिलिस्तीनी पत्रकार की मौत
समाचार वेबसाइट मिडिल ईस्ट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 19 वर्षीय फिलिस्तीनी पत्रकार की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. इस पत्रकार का नाम हसन हमद था. वह लगातार इजरायली हमलों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक हमद को उनके काम के कारण धमकियां मिल रही थीं. वे ‘मीडिया टाउन प्रोडक्शन कंपनी’ के लिए काम करते थे.
मीडिया टाउन प्रोडक्शन कंपनी के मैनेजर अशरफ मशहरावी ने इस बाबत मिडिल ईस्ट आई को बताया, “हसन हमद को सुबह उसके बैडरूम में मार दिया गया. वह हमें कुछ सामग्री भेजने के लिए अपने कमरे पर लौटे थे कि तभी उन पर हमला कर मार दिया. इस हमले में उनका भाई (दूसरे कमरे में था) घायल हो गया है. लेकिन यह स्पष्ट है कि हसन के बैडरूम को जानबूझकर निशाना बनाया गया".
अशरफ मशहरावी के अनुसार हसन हमद को पहली धमकी एक इजरायली अधिकारी द्वारा इसी साल 13 मई को दी गई थी. 13 मई के बाद से लगातार उनकी रिपोर्टिंग को रोकने के लिए धमकियों का सिलसिला शुरू हो गया था, लेकिन उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग जारी रखी.
उनका मानना था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे बस एक सामान्य भूमिका निभा रहे हैं जो कोई भी पत्रकार निभाता है. हमने उन्हें अपना काम कम करने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने पूरी तरह से मना कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं धमकियों से नहीं डरूंगा. हम सही हैं और वे गलत हैं.”
बता दें कि हत्या से कुछ महीने पहले हमद ने अपने साथी के साथ एक इजरायली नंबर से मिले धमकी भरे व्हाट्सएप मैसेज का स्क्रीनशॉट भी साझा किया था. इस मैसेज में लिखा था: “सुनो... अगर तुम इजरायल के बारे में झूठ फैलाते रहे तो हम अगली बार तुम्हारे पास आएंगे और तुम्हारे परिवार को... यह तुम्हारे लिए आखिरी चेतावनी है.”
मशहरवी ने आगे बताया कि यह पहली बार नहीं था जब हमद इजरायली हमलों से बचे थे. इससे पहले जब वह हमले की वीडियो बना रहे थे तो उनके ठीक बगल में गोले दागे गए थे. एक बार एक क्वाडकॉप्टर ने सीधे उन पर गोली चलाई थी.
गाजा की आधिकारिक (सरकारी) मीडिया कार्यालय की मानें तो 7 अक्टूबर 2023 से, अब तक गाजा में कम से कम 175 फिलिस्तीनी पत्रकार मारे जा चुके हैं.
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