हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव
हरियाणा: ‘यह नेता का नहीं, बदलाव का चुनाव है’
हरियाणा के विधानसभा चुनाव अब अपने आखिरी चरण में हैं. ‘एक और चुनावी शो’ के इस सफर में हमारी टीम रोहतक स्थित महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी पहुंची. यहां शिक्षकों और छात्रों से उन मुद्दों को समझने का प्रयास किया जिन्हें वे महत्वपूर्ण मानते हैं.
इस बातचीत के दौरान हरियाणा के राजनीतिक रुझान, राम रहीम को बार-बार मिलने वाली पैरोल, डेरे की संस्कृति और इन सारे चीज़ों का हरियाणा चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव आदि पर विस्तार से चर्चा हुई.
डेरा संस्कृति से हरियाणा का चुनाव किस तरह से प्रभावित हो सकता है, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रोफ़ेसर राजेंद्र शर्मा ने कहते हैं, “ये चुनाव बदलाव का चुनाव है. इसलिए इस चुनाव में डेरे का कोई प्रभाव नहीं होगा. हरियाणा के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं. यहां की जनता हर पांच साल के बाद बदलाव करती है. अगर आप हरियाणा के पिछले 50-55 सालों का इतिहास उठाकर देखें तो किसी भी राजनीतिक दल को लगातार बहुमत नहीं मिला है.”
देखिए छात्रों और शिक्षकों से हुई हमारी ये पूरी बातचीत.
Also Read
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project
-
Who moved my Hiren bhai?
-
I was at the India-Pakistan Oxford Union Debate and here’s what happened.
-
दो शहर, एक सी ‘राजनीति’, अब घरों के नाम पर निशाना बने मुसलमान?