हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव
इस कश्मीरी लड़की ने गोदी मीडिया की पोल खोल दी, सुनिए क्या कहा
श्रीनगर की कई विधानसभा सीटों पर मतदान से पहले न्यूज़लॉन्ड्री की टीम कश्मीर विश्वविद्यालय पहुंची थी. यहां हमने युवा छात्र-छात्राओं से घाटी के कई राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर बात की.
ये भी जानने की कोशिश की कि आखिर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में क्या हालात हैं? इसका उनके छात्र और दैनिक जीवन पर क्या असर पड़ा है?
इस दौरान हमारी मुलाकात एक छात्रा सबरीना से हुई. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने को लेकर वह खुश नजर आती हैं, कहती हैं कि अब हिंसा और पत्थरबाजी का दौर खत्म सा हो गया है. हालांकि, वह अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर चिंतित नजर आती हैं. वह कहती हैं कि मीडिया कश्मीरियों के बारे में रूढ़िवादी नजरिया अपनाए हुए है जो कि सही नहीं है. इसका विरोध करते हुए वह कहती हैं, "हर कश्मीरी आतंकवादी नहीं है".
साथ ही सबरीना इस बात पर भी जोर देती हैं कि कश्मीर में सरकार की आलोचना करना किसी को राष्ट्र-विरोधी नहीं बनाता है.
कश्मीर के छात्रों से खुले मन से हुई हमारी यह बातचीत उनके सामने आने वाले पहचान के संकट और सिस्टम का हिस्सा होने की भावना के साथ उनके संघर्ष पर प्रकाश डालती है.
Also Read
-
Independence Day is a reminder to ask the questions EC isn’t answering
-
Supreme Court’s stray dog ruling: Extremely grim, against rules, barely rational
-
Mathura CCTV footage blows holes in UP’s ‘Operation Langda’
-
Experts question EC demand that Rahul Gandhi file statement under oath
-
Wanted: Menacing dogs for TV thumbnails